आयुर्वेद चिकित्सालय में बच्चो को गुरुवार कराया जायेगा स्वर्ण प्राशन, जानिए इसकी महत्वता
आयुष विभाग मासिक स्वर्ण प्राशन कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय कर रहा है। इस पहल के एक हिस्से के रूप में, गुरुवार को बच्चों और किशोरों को लाभान्वित करने के लिए स्वर्ण प्राशन निर्धारित किया गया है।
राजकीय जिला आयुर्वेद चिकित्सालय टिकारी बैतूल के डॉ. नरेन्द्र दाधोरे ने घोषणा की कि 6 माह से 16 वर्ष तक के बच्चों को गुरुवार 27 अप्रैल को शुभ पुष्य नक्षत्र के दिन स्वर्णप्राशन प्राप्त होगा. यह गतिविधि सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होगी।
जिला आयुष अधिकारी डॉ. एएम बर्डे ने खुलासा किया है कि डाबर इंडिया लिमिटेड के साथ साझेदारी में मासिक स्वर्ण प्राशन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना, शारीरिक और मानसिक विकास को सुगम बनाना, पाचन तंत्र को मजबूत करना और विभिन्न एलर्जी को रोकना है। साथ ही शिविर में शुगर की जांच भी होगी। डॉ. बर्डे ने जनता से कार्यक्रम का लाभ उठाने का आग्रह किया है।
स्वर्ण प्राशन संस्कार सनातन धर्म के भीतर एक महत्वपूर्ण संस्कार है, एक ऐसा धर्म जिसमें 16 संस्कार शामिल हैं। यह विशेष संस्कार बच्चों पर उनके जन्म के क्षण से लेकर 16 वर्ष की आयु तक पहुंचने तक किया जाता है। यह एक पारंपरिक आयुर्वेदिक अभ्यास है जिसका उद्देश्य बच्चों को मौसमी बीमारियों और बीमारियों से बचाना है। स्वर्ण प्राशन बच्चों में अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की क्षमता के लिए जाना जाता है और यह आयुर्वेदिक चिकित्सा का एक अभिन्न अंग है