दमोह: बड़े भाई का 5 लाख का बीमा कराया, फिर जंगल में ले जाकर मारी गोली
दमोह नामक स्थान पर एक युवक ने करीब 6 से 7 महीने पहले अपने बड़े भाई और भाभी का कुछ बीमा करवाया था। लेकिन फिर 22 अप्रैल की रात वह अपने भाई को जंगल में ले गया और गोली मार दी। गला दबाने के लिए उसने तौलिये का भी इस्तेमाल किया। इस योजना में युवक के दोस्त ने उसकी मदद की। भाई का शव 24 अप्रैल को जंगल में मिला था। पुलिस ने जब इस पर गौर किया तो उन्होंने गुरुवार को युवक और उसके दोस्त दोनों को पकड़ लिया और पता चला कि वे हत्या के लिए जिम्मेदार हैं।
बात आगरा के एक गांव की है। पुलिस एक अपराध की जांच कर रही थी। उन्हें पता चला कि किसी ने किसी और को चोट पहुँचाने की योजना बनाई थी क्योंकि उस व्यक्ति के भाई को बहुत अधिक शराब पीने की समस्या थी और उस पर बहुत पैसा बकाया था। जिस व्यक्ति ने बुरी योजना बनाई थी, उसने कुछ महीने पहले ही ऐसा किया था।
जंगल में किसी को लाश मिली तो पुलिस जांच करने पहुंची। उन्हें पता चला कि उस व्यक्ति का नाम सुरेंद्र सिंह है और गोली लगने से उसकी मौत हो गई। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह किसने किया और किसी भी जानकारी के लिए इनाम की पेशकश कर रही है।
पुलिस ने फोन कॉल्स की जानकारी देखी तो लगा कि शायद छोटे भाई ने कुछ गलत किया है। उन्होंने उससे बात की और उसने अपने बड़े भाई को किसी अन्य व्यक्ति के साथ मारने की बात स्वीकार की। पुलिस उसे कोर्ट ले गई और उसे जेल भेज दिया गया।
वीरेंद्र सिंह नाम के एक व्यक्ति का सुरेंद्र सिंह नाम का एक बड़ा भाई था, जिसे शराब और ड्रग्स की समस्या थी। सुरेंद्र घर में बहुत बहस करता था, जिससे वीरेंद्र को परेशानी होती थी। वीरेंद्र ने अपने भाई और भाभी का बहुत सारे पैसों का बीमा करवाया था, और वह इसके लिए भुगतान कर रहा था। वीरेंद्र की अपने भाई को चुपके से मारने की योजना थी ताकि वह बीमा राशि और उनके परिवार की जमीन प्राप्त कर सके। उसने सोचा कि इससे उसके भाई को भी उसकी लत छुड़ाने में मदद मिलेगी।
जब कोई लापता हो जाता है, तो पुलिस को पता होना चाहिए ताकि वे उन्हें ढूंढने का प्रयास कर सकें। पुलिस को बताने का तरीका थाने जाकर यह बताना है कि वह व्यक्ति लापता है।
22 अप्रैल को मैं अपने दोस्त भान सिंह और बड़े भाई के साथ जंगल गया। जब हम वहां थे, मेरे बड़े भाई को बंदूक से गोली मार दी गई और तौलिये से गला घोंट दिया गया। मैंने उसका फोन फेंक दिया ताकि कोई मुझ पर शक न करे। हमने बंदूक छिपाई और घर चले गए। अगले दिन, मैंने अपनी माँ को बताया कि मेरा बड़ा भाई गायब है और हम पुलिस स्टेशन गए। पुलिस को 24 अप्रैल को उसका शव जंगल में मिला था।