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राहुल गांधी के भरोसेमंद जीतू पटवारी होंगे अब MP कांग्रेस के नए प्रदेशाध्यक्ष

इंदौर की राऊ विधानसभा सीट से पूर्व विधायक जीतू पटवारी को मध्यप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया हैं। इंदौर संभाग से ही गंधवानी विधायक और जमुनादेवी के भतीजे उमंग सिंघार को विधानसभा नेता प्रतिपक्ष बनाया है। भिंड जिले की अटेर विधानसभा सीट से विधायक हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है।

फैसले को जातीय और युवा समीकरण देखते हुए बताया जा रहा है। जीतू ओबीसी, उमंग आदिवासी और हेमंत ब्राह्मण चेहरे हैं। उपचुनाव के बाद 2023 चुनाव में बड़ी हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने यह फैसला किया है। दोनों बड़े पद मालवा-निमाड़ के नेताओं को दिए हैं जहां 66 सीटें आती हैं। कांग्रेस ने 2018 के चुनाव के मुकाबले यहां बहुत खराब प्रदर्शन किया है।

इधर,पटवारी को नई जिम्मेदारी मिलने की जानकारी लगते ही उनके घर समर्थकों का जमावड़ा लग गया। भीड़ इतनी थी कि एक-दूसरे को पैर रखना मुश्किल पड़ रहा था। बड़ी संख्या में पहुंचे समर्थकों ने रथ सजाकर यात्रा निकाली और ढोल नगाड़े बजाकर स्वागत करते हुए जमकर आतिशबाजी की।

किसे क्यों मिली जिम्मेदारी, यह भी कारण

जीतू बड़े अंतर से चुनाव हारे हैं, बावजूद नई जिम्मेदारी की वजह राहुल गांधी की पसंद माना जा रहा है। उमंग को मालवा-निमाड़ का बड़ा आदिवासी नेता माना जाता है, वे आदिवासी सीट गंधवानी (जिला धार) से कभी नहीं हारे। हेमंत ग्वालियर-चंबल के ब्राह्मण चेहरे हैं। तीनों युवाओं की नियुक्ति ने कांग्रेस की लोकसभा 2024 काे लेकर लाइन एक हद तक साफ कर दी है।

जीतू 49 साल के, कानून की पढ़ाई के साथ किसान परिवार का बैकग्राउंड भी

जीतू पटवारी 49 साल के हैं। एलएलबी पढ़े हैं और युवा हैं। भारत जोड़ो यात्रा और जन आक्रोश यात्रा की भी जिम्मेदारी इंदौर संभाग में दी गई थी। 2020 में कमलनाथ सरकार को बचाने के लिए बेंगलुरु भी गए थे। बागी विधायकों को मनाने की कोशिश भी की थी। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अलग अलग जगहों में राहुल गांधी और कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ नजर आए थे।

कमलनाथ खेमे के बजाय सीधे राहुल गांधी से एप्रोच थी

कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद जीतू पटवारी उन चुनिंदा नेताओं में से एक थे जिनकी पहुंच सीधे राहुल गांधी तक थी। हालांकि उन्हें उच्च शिक्षा मंत्री के अलावा प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया गया था। इसकी वजह भी राहुल को ही माना गया था। विधानसभा सत्र में किसी मुद्दे पर बहिष्कार से लेकर कई मसलों पर कमलनाथ-जीतू के मतभेद चर्चा में रहे। हालांकि, पटवारी ने मतभेद बढ़ते देख कमलनाथ को सार्वजनिक रूप से अपना नेता माना और भावी मुख्यमंत्री भी बताया था।

कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं पटवारी

जीतू पटवारी पहली बार 2013 में राउ विधानसभा से विधायक बने थे। वह प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के साथ-साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट भी रह चुके हैं। इससे पहले वह मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उन्होंने 2018 में राउ से दूसरी बार चुनाव जीता, लेकिन तीसरी बार 2023 के विधानसभा चुनाव में पटवारी को हार का सामना करना पड़ा। वह प्रदेश में 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने पर उच्च शिक्षा, युवा और खेल मामलों के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।

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