‘दरवाजे बाईं तरफ खुलेंगे’ के लिए भोपालवासियो को करना होगा मई -जून का इंतज़ार,ओके’ होने पर ट्रैक पर आएगी भोपाल मेट्रो
विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद भोपाल में मेट्रो ट्रेन दौड़ाने की कवायद तेज हो गई है। मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की तैयारी थी कि जून-जुलाई में कुछ हिस्सों में मेट्रो ट्रेन चलने लगेगी। आचार संहिता लगने से पहले मेट्रो ट्रेन का ट्रायल हुआ था। वह ट्रायल सक्सेसफुल रहा था।भोपाल मेट्रो ट्रेन के कोच गुजरात के सांवली बड़ोदरा में बन रहे हैं। सांवली बड़ोदरा की दूरी भोपाल से 600 किमी है। एक ट्रेन में तीन कोच होंगे। दो ट्रेन के लिए 3-3 कोच वहां से लाए गए हैं। इन कोचों को बड़े ट्रॉलों में लाए गए हैं। भोपाल पहुंचने में इन ट्रॉलो को तीन दिन का वक्त लगा है।राजधानी में शनिवार को 6 मेट्रो के कोच आए। गुजरात के सांवली बड़ोदरा से 2 ट्रेन भी भोपाल आई है। गुजरात से भोपाल इन्हें बड़े ट्रालों से लाया गया है। बड़ी क्रेन की मदद से एक ट्रेन को ट्रैक पर रखा गया है।कनेक्टिंग और टेस्टिंग में सीनियर इंजीनियर्स, टेक्निकल एक्सपर्ट्स, सुपरवाइजर समेत 50 से ज्यादा लोगों की टीम लगी है।
2 हजार KM का ट्रायल पूरा करने चलाई जा रही मेट्रो
मप्र में मेट्रो परियोजना के मुताबिक राजधानी में 27 तो वहीं इंदौर में 25 मेट्रो चलाने का लक्ष्य रखा है। इन ट्रेनों में 3-3 कोच रहेंगे। पिछले साल दिंसबर में इंदौर में 2 मेट्रो पहुंच चुकी है, वहीं भोपाल में अब दूसरी ट्रेन पहुंची है।फिलहाल दोनों ही शहरों में मेट्रो को ट्रायल के लिए चलाया जा रहा है। नियम के मुताबिक यात्री से पहले ट्रैक पर 2 हजार किलोमीटर तक मेट्रो ट्रेनों के लिए चलाया जाता है। अब भोपाल में आई दूसरी ट्रेन भी इतना ही चलाया जाएगा। इसलिए सितंबर-अक्टूबर में ट्रायल रन होने के बाद से ही मेट्रो को लगातार ट्रैक पर चलाया जा रहा है। दूसरी ट्रेन को भी इतनी ही लंबाई तक दौड़ाया जाएगा।
इन स्टेशनों पर चल रहा जोरो से कार्य
राजधानी में मेट्रो की रफ़्तार तेज़ करने के लिए भोपाल में आगामी मई-जून 2024 से मेट्रो आम लोगों के लिए चलाने का लक्ष्य रखा है, इसलिए इस वक्त मेट्रो का कार्य जोरो पर है। बचे हुए कार्य भी जल्द किया जा रहा, ताकि टाइम पर मेट्रो का संचालन किया जा सके। राजधानी के अलकापुरी, एम्स और डीआरएम ऑफिस मेट्रो स्टेशन के काम में तेजी लाई गई है।इसके अलावा सुभाषनगर, डीबी मॉल के सामने, एमपी नगर, रानी कमलापति और केंद्रीय स्कूल स्टेशनों का काम पूरा होने के बाद बचा हुआ फिनिशिंग का कार्य किया जा रहा है। साथ ही इन स्टेशनों पर लगने वाले शेड का काम भी हो रहा है।
क्या है खासियत?
ड्राइवर मोटर कार के एक-एक मॉडल की लंबाई लगभग 22 मीटर और चौड़ाई लगभग 2.9 मीटर है।
ट्रेन ऑपरेटर एवं यात्री सीटें
चार ऑटोमैटिक गेट
कांच की खिड़कियां
आकर्षक पेंटिंग
ग्रैब हैंडल
एलईडी पैनल, डिजिटल रूट मैप और साइनेज
एयर कंडिशनर कोच
ऑटोमैटिक हेडलाइट
पब्लिक के लिए अभी रेलवे के सर्टिफिकेट का इंतजार
मेट्रो ट्रेन लगातार आने का सिलसिला इसी तरह जारी रहेगा और कुल 27 ट्रेन आना है, लेकिन इसके पहले सुभाष नगर से एम्स तक पब्लिक के लिए मेट्रो शुरू हो जाएगी। मेट्रो कंपनी अधिकारियों के अनुसार रेलवे से सर्टिफिकेट आने के बाद इसे शुरू कर दिया जाएगा। इसके पहले हबीबगंज रेलवे क्रासिंग से डीआरएम तक स्टील ब्रिज का काम पूरा हो जाएगा। यह काम काफी तेजी से चल रहा है। इसमें लगभग दो से तीन सप्ताह लगेंगे. मेट्रो ट्रेन को चेकिंग के लिए एक खास इलाके में ले जाने के बाद टेस्टिंग जैसी और भी चीजें करनी होती हैं. इसमें करीब 15 से 20 दिन लगेंगे. एक बार सभी चीजों की जांच और परीक्षण हो जाने के बाद ट्रेन को ट्रैक पर ले जाया जाएगा। सबसे पहले इसका रेलवे स्टेशन के अंदर ट्रायल किया जाएगा। फिर, यह सुनिश्चित करने के लिए ट्रैक पर एक और परीक्षण चलाया जाएगा कि यह सुरक्षित है।