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151 पन्नों की भोजशाला रिपोर्ट हाईकोर्ट में हुई पेश, खुदाई में मिले पुरावशेष 37 देवी-देवताओं की मूर्तियां भी शामिल

मध्य प्रदेश के निवासियों के लिए आज का दिन काफी ज्यादा अहम है. बता दें कि आज यानि की 15 जुलाई को धार भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट इंदौर हाईकोर्ट में हुई पेश।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने धार स्थित ऐतिहासिक भोजशाला की 151 पन्नों की सर्वे की रिपोर्ट आज हाई कोर्ट इंदौर की खंडपीठ में पेश कर दी है। भोजशाला का सच जानने के लिए किए गए इस सर्वे की रिपोर्ट पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं। रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी। अगली सुनवाई 22 जुलाई को होनी है।
क्या है भोजशाला
11वीं शताब्दी में मध्य प्रदेश के धार जिले में परमार वंश का शासन था. 1000 से 1055 ई. तक राजा भोज धार के शासक थे. खास बात यह थी कि राजा भोज देवी सरस्वती के बहुत बड़े भक्त थे. 1034 ई. में राजा भोज ने एक महाविद्यालय की स्थापना की थी, यह महाविद्यालय बाद में ‘भोजशाला’ के नाम से जाना गया, जिस पर हिंदू धर्म के लोग आस्था रखते हैं.

कोर्ट ने दिए थे सर्वे के आदेश

11 मार्च को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने ज्ञानवापी की तर्ज पर धार की भोजशाला का सर्वे कराने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को 5 एक्सपर्ट की टीम बनाने के लिए कहा था. इस टीम को 6 सप्ताह में रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी थी. कोर्ट ने 29 अप्रैल तक सर्वे पूरा करने के लिए कहा था. सर्वे पूरा नहीं होने पर बाद में टाईम को बढ़ाया गया. अब 2 जुलाई को एएसआई सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश करना थी, लेकिन 4 हफ्ते का समय मांगा गया था. ऐसे में आज रिपोर्ट पेश होग।

तीन महीने तक चला सर्वे

उल्लेखनीय है कि इंदौर हाई कोर्ट ने 11 मार्च को भोजशाला में 500 मीटर के दायरे में वैज्ञानिक सर्वे कार्य करने का आदेश एएसआई को दिया था। यह सर्वे 22 मार्च से शुरू होकर 27 जून तक 98 दिन किया गया। सर्वे के दौरान खोदाई भी की गई। फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी की गई। ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) की सहायता ली गई।

मिले थे अवशेष

धार भोजशाला का सर्वे ASI टीम के द्वारा किया जा रहा था. सर्वे के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 1700 से ज्यादा पुरावशेष खोदाई से निकाले हैं. जिसमें कृष्ण, भगवान गणेश, माता पार्वती, भगवान भोलेनाथ सहित 37 देवी- देवताओं की भी मूर्तियां शामिल हैं. इसकी सुनवाई 22 जुलाई को होनी है।

देवी-देवताओं की 37 मूर्तियां

रिपोर्ट में मिले अवशेषों को महत्व रहेगा एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. आलोक त्रिपाठी के निर्देशन में हुए इस सर्वे में 1700 से ज्यादा पुरावशेष खोदाई में मिले हैं। इनमें देवी-देवताओं की 37 मूर्तियां भी शामिल हैं।

मां वाग्देवी की खंडित मूर्ति खास है, जो भोजशाला से लंदन ले जाई गई मूर्ति के समान ही बताई जा रही है। हालांकि आकार में यह छोटी है। सर्वे के तहत की गई सफाई में भित्ति चित्र दिखाई दिए हैं।

जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां भी

भगवान गणेश की दो मूर्तियां हैं। भगवान भैरवनाथ सहित मयूर पंख वाले कृष्ण, हनुमानजी, ब्रह्माजी की परिवार सहित जैन तीर्थंकर की मूर्तियां भी हैं। द्वार पर द्वारपाल की मूर्ति से लेकर अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी मिली हैं। 1700 पुरावशेषों में स्तंभों व दीवार के 575 टुकड़े बड़े आकार के हैं।

क्या है विवाद?
हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने 1 मई 2022 को इंदौर हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी. इसमें कहा गया था कि हर मंगलवार को हिंदू भोजशाला में यज्ञ कर उसे पवित्र करते हैं और शुक्रवार को मुसलमान नमाज के नाम पर यज्ञ कुंड को अपवित्र कर देते हैं. इसे रोका जाए. भोजशाला का पूर्ण आधिपत्य हिंदुओं को सौंपा जाए. इसके लिए आवश्यक हो तो संपूर्ण भोजशाला की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और खुदाई करवाई जाए. हाईकोर्ट ने इन बिंदुओं के आधार पर सर्वे की मांग को स्वीकार किया था.

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