आज NSUI घेरेगी CM हाउस, NEET पेपर लीक और नर्सिंग घोटालों को लेकर होगा प्रदर्शन
भोपाल। NEET पेपर लीक मामले में सोमवार दोपहर एक बजे NSUI प्रदर्शन करेगी। प्रदर्शन में शामिल होने NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी भोपाल पहुंच गए हैं। छात्र नेता रवि परमार ने बताया- हम सीएम हाउस का घेराव करने जा रहे हैं। नर्सिंग घोटाले से लेकर नीट पेपर लीक, भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी और अन्य मुद्दों को लेकर यह प्रदर्शन किया जा रहा है।
बड़ी संख्या में पहुंचे विद्यार्थी
रविवार को ही प्रदेश के सभी जिलों से बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भोपाल आए हैं। इनमें नर्सिंग घोटाले के पीड़ित स्टूडेंट्स से लेकर नीट यूजी के अभ्यर्थी, पटवारी भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी शामिल हैं। आज दोपहर 1 बजे से NSUI समूह अध्यक्ष वरुण चौधरी के साथ CM हाउस के सामने करेगी प्रदर्शन।
जानिए क्या था नर्सिंग घोटाला
12 जनवरी 2022 को हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी इसमें कहा गया कि 2020-21 सेशन में खासतौर पर आदिवासी इलाकों में ऐसे नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गयी है, जो शर्तें पूरी नहीं करते। ऐसे 55 कॉलेजों की लिस्ट हाईकोर्ट में पेश की गयी है। इस सेशन में 670 नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता थी।
जिसके बाद 19 अप्रैल 2022 में हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉउंसिल ऑफ मप्र को आदेश दिया कि कॉलेजों का पूरा रिकॉर्ड पेश करें।
12 मई 2022 को हाईकोर्ट ने लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन से कहा कि वे इन कॉलेजों का रिकॉर्ड चेक कारके बातएं कि कितने कॉलेजों को गलत मान्यता दी गयी है।
जब 4 मई 2023 को रिपोर्ट पढ़कर जस्टिस इतने नाराज हुए कि उन्होंने नर्सिंग कॉउंसिल की रजिस्टार सुनीता शिजु को हटाने के आदेश दिए।
जुलाई 2023 में हाईकोर्ट के आदेश पर नर्सिंग कॉलेजों से जुड़े सभी 50 केस को हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच में ट्रांसफर कर दिया गया है। जिसके बाद सितंबर 2023 में हाईकोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिए कि सभी कॉलेजों की जांच करके तीन कैटेगरी में रिपोर्ट दें।
22 फरवरी 2024 को सीबीआई ने 169 सुदेबल कॉलेज, 74 डिफिशिएंट कॉलेज और 65 अनसूटेबल कॉलेज की लिस्ट हाईकोर्ट को दी। हाईकोर्ट ने पहले सूटेबल कॉलेज में परीक्षा के आदेश दिए लेकिन इसके बाद में सभी कॉलेजों के बच्चों को परीक्षा देने की अनुमति दी। लेकिन ये आदेश जारी किया की रिजल्ट हाईकोर्ट के अधीन होंगे
मार्च 2024 में बचे हुए कॉलेजों की मान्यता के लिए सीबीआई से रिपोर्ट मांगी। इसी काम में सीबीआई अफसरों ने दलालों के जरिये कॉलेज संचालकों से रिश्वत लेने का काम शुरू कर दिया।