Grade Pay ना मिल पाने से, 18 साल बाद भी शिक्षकों को हो रहा हर महीने सैलरी में हजारों का नुकसान
Grade Pay: 1 जनवरी 2006 से मध्य प्रदेश में लागू है Grade Pay सिस्टम के तहत आज भी कर्मचारियों को नहीं मिल केंद्र के समान ग्रेड पे। जिसके सम्बन्ध में केंद्रीय मंत्री ने सीएम मोहन को वेतनमान के संबंध में पत्र लिखा है।
मध्य प्रदेश के करीब 3 लाख शिक्षक आज भी केंद्र के समान ग्रेड पे के लिये तरस रहे हैं। 18 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी यहां शिक्षकों को केंद्र के Grade Pay पे नहीं मिल पाया है। जिसके कारण इन शिक्षकों को सैलरी में हजारों रुपये का नुकसान हो रहा है। शिक्षक से जुड़े संगठनों ने सरकार से मांग की है कि वे जल्द से जल्द शिक्षकों को केंद्र के समान ग्रेड पे दे। बता दें कि केंद्र की तरह ग्रेड पे सिस्टम
मध्य प्रदेश में 1 जनवरी 2006 से लागू है।
पड़ोसी राज्यों में केंद्र के समान Grade Pay
ऐसा नहीं है कि राज्य के लिए शिक्षकों को केंद्र के समान ग्रेड पे दिया जाना संभव नहीं है। मध्य प्रदेश के ही पड़ोसी राज्यों में ये व्यवस्था पहले से है। मध्य प्रदेश में ही ये सिस्टम लागू नहीं हो पा रहा है। केंद्र के समान ही उत्तरप्रदेश और राजस्थान में वर्ग 1 का Grade Pay 4800 है, लेकिन मध्यप्रदेश में ये 3600 रुपये है।
केंद्र में वर्ग 2 के शिक्षक का ग्रेड पे 4600 है। उत्तरप्रदेश में ये केंद्र के समान 4600 और राजस्थान में 4200 रुपये है। लेकिन मध्यप्रदेश में ये सबसे कम 3200 रुपये है।इसी तरह वर्ग 3 में केंद्र का ग्रेड पे 4200 रुपये है। एमपी में ये मात्र 2400 रुपये ही है।
Grade Pay कम होने से ये नुकसान
केंद्र के समान ग्रेड पे नहीं होने से मध्य प्रदेश के शिक्षकों को सैलरी में दो तरह का नुकसान हो रहा है। पहला तो ग्रेड पे ही कम होने से उतनी सैलरी कम आ रही है। यह अंतर 1200 से लेकर 1800 रुपये तक है। वहीं महंगाई भत्ता (DA) बेसिक सैलरी और ग्रेड पे जोड़कर जो सैलरी बनती है, उस पर मिलता है। अभी महंगाई भत्ता 46% है। जाहिर सी बात है ग्रेड पे कम होने से एमपी के शिक्षकों को DA भी कम मिल पा रहा है। Grade Pay कम होने से डीए पर पड़ने वाला असर बेसिक सैलरी के हिसाब से अलग अलग होता है।
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शिक्षक को हर महीने सैलरी में ये नुकसान
वर्ग 1 शिक्षक को नुकसान: उच्च माध्यमिक शिक्षक की बेसिक सैलरी 40 हजार रुपये मान ली जाए। अब यदि केंद्र के समान ग्रेड पे 4800 रुपये होता तो 46% महंगाई भत्ता 20608 रुपये मिलता। लेकिन यहां ग्रेड पे 3600 रुपये है तो डीए 20056 मिल रहा है। मतलब 552 रुपये कम। यानी शिक्षक को 1200 रुपये ग्रेड पे और 552 रुपये डीए में कम मिले। यानी एक महीने में सैलरी में नुकसान हुआ 1752 रुपये।
वर्ग 2 शिक्षक को नुकसान: माध्यमिक शिक्षक की बेसिक सैलरी 32 हजार 800 रुपये है। अब यदि केंद्र के समान ग्रेड पे 4600 रुपये होता तो 46% महंगाई भत्ता 17204 रुपये मिलता। लेकिन यहां ग्रेड पे 3200 रुपये है तो डीए 16560 मिल रहा है। मतलब 644 रुपये कम। यानी शिक्षक को 1400 रुपये ग्रेड पे और 644 रुपये डीए में कम मिले। यानी एक महीने में सैलरी में नुकसान हुआ 2044 रुपये।
वर्ग 3 शिक्षक को नुकसान: प्राथमिक शिक्षक की बेसिक सैलरी 25300 रुपये है। अब यदि केंद्र के समान ग्रेड पे 4200 रुपये होता तो 46% महंगाई भत्ता 13570 रुपये मिलता। लेकिन यहां ग्रेड पे 2400 रुपये है तो डीए 12742 मिल रहा है। मतलब 828 रुपये कम। यानी शिक्षक को 1800 रुपये ग्रेड पे और 828 रुपये डीए में कम मिले। यानी एक महीने में सैलरी में नुकसान हुआ 2628 रुपये।
नवनियुक्त शिक्षकों को एक और नुकसान
ग्रेड पे पर होने वाला नुकसान तो प्रदेश के हर एक शिक्षक का दर्द है, लेकिन नव नियुक्त शिक्षकों को और भी नुकसान है। दरअसल 2018 में शिक्षकों की सैलरी को लेकर नया नियम बना। जिसके अंतर्गत नई नियुक्ति वाले शिक्षकों को 100 फीसदी सैलरी नहीं मिलती है। जिस साल शिक्षक नियुक्त हुआ उसे उसकी सैलरी 70% पहले साल, दूसरे साल 80% और तीसरे साल 90% मिलता है। यानी वो जिस सैलरी में नियुक्त हुआ वह सैलरी उसे चौथे साल में मिलेगी। इसके कारण इन नवनियुक्त शिक्षकों के डीए और और अधिक कमी आ जाती है।
केंद्रीय मंत्री ने लिखा सीएम मोहन को पत्र
केंद्र में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने इस संबंध में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखा है। डॉ. वीरेंद्र कुमार ने अपने पत्र में लिखा कि प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ मध्यप्रदेश द्वारा मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को केन्द्रीय वेतनमान एवं शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को आयुष्मान योजना का हितग्राही बनाए जाने के संबंध में ज्ञापन प्राप्त हुआ हैं।जो मूलतः सलंग्न कर आवश्यक कार्यवाही हेतु आपकी ओर प्रेषित है। अतः प्राथमिक माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ मध्यप्रदेश की ज्ञापन अनुसार मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर आवश्यक सहयो