गुलाब-जामुन खिलाना पड़ा कांग्रेस के इंदौर शहर-ग्रामीण अध्यक्ष को महंगा, हुए निलंबित (Suspend)
इंदौर । इंदौर कांग्रेस शहर अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा और ग्रामीण अध्यक्ष सदाशिव यादव को आलाकमान ने निलंबित(Suspend) कर दिया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब दोनों पार्टी अध्यक्षों को एकसाथ एक ही मामले में निलंबित (Suspend) किया गया है। अध्यक्षों ने मिलकर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत कांग्रेस के गांधी भवन में स्वागत किया था।
बता दें कि लोकसभा चुनाव होने के बाद जुलाई 2024 में नगरीय प्रशासन मंत्री विजयवर्गीय ने इंदौर शहर में 51 लाख पौधे रोपने का आह्वान किया था। शहरभर के साथ कांग्रेस नेताओं को भी न्योता दिया था। न्योता देने के लिए वे खुद कांग्रेस के गांधी भवन गए थे। यहां कांग्रेस ने उनकी जमकर आवभगत कर दी और स्वागत की परंपरा भी तोड़ दी।
इसके खिलाफ कांग्रेस के ही एक खेमे ने मोर्चा खोल दिया और इसे पार्टी की परंपरा के खिलाफ बताया। इसके बाद पार्टी हरकत में आई और दोनों शहराध्यक्षों को विजयवर्गीय का ऑफिस में स्वागत करने पर सस्पैंड (Suspend) कर दिया है। सात दिन में जवाब मांगा गया है। जवाब देने की अवधि पूरी हो गई है लेकिन शहराध्यक्ष चड्ढा और कांग्रेसाध्यक्ष यादव ने इसे लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
मंत्री को खिलाए थे गुलाब जामुन,हुए निलंबित(Suspend)
शहर में 14 जुलाई को वृह्द पौधारोपण आयोजित किया गया था। इसमें शामिल होने का न्योता देने के लिए 12 जुलाई को मंत्री विजयवर्गीय कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे। यहां कांग्रेस नेताओं ने भाजपा नेता का स्वागत किया, गुलाब जामुन भी खिलाए थे।
मामला वायरल होने के बाद कांग्रेस नेताओं ने इसकी शिकायत कर दी और इसे परंपरा के खिलाफ बताया। यह भी कहा गया कि जिसने 1 महीने पहले कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी की नामवापसी कराकर पार्टी छुड़वाई, उस शख्स का स्वागत क्यों हुआ?शिकायत के बाद कांग्रेस हाई कमान ने भी इसे अनुशासनहीनता माना। दोनों अध्यक्षों को नोटिस जारी करते हुए सस्पैंड (Suspend) कर दिया। पार्टी हाईकमान ने कहा है कि ‘पार्टी में सूत की माला देकर ही स्वागत की परंपरा है, जिसे तोड़ा गया है। साथ ही ऐसे शख्स का गांधी भवन में स्वागत किया, जिसने लोकतंत्र की हत्या की।
पहले छुपी रही सस्पेन्शन की बात, अब सामने आया (Suspend) लेटर
इंदौर कांग्रेस ने दोनों शहराध्यक्षों चड्ढा और यादव को शिकायत के बाद 20 जुलाई को ही सात दिन के लिए निलंबित (Suspend) कर दिया था। यह भी कहा कि सात दिन में अपना जवाब भी प्रस्तुत करें।
हालांकि, पार्टी ने पब्लिक प्लेटफॉर्म पर पूरा घटनाक्रम छुपाए रखा। प्रारंभिक जानकारी मिली कि नोटिस जारी हुआ है लेकिन सोमवार को निलंबित (Suspend) करने का लैटर भी सामने आ गया है।
इसमें कहा गया है कि ‘एक ऐसा व्यक्ति जिसने मां अहिल्या की नगरी में लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की एवं इंदौर की जनता से उनके मत का अधिकार छीनने का कृत्य करके देश-विदेश में इन्दौर को शर्मसार किया, जिसकी निंदा इंदौर वासियों ने भी की। ऐसे व्यक्ति का स्वागत सत्कार इन्दौर जिला कांग्रेस कमेटी गांधी भवन में करना अनुशासन हीनता की श्रेणी में आता हैं। वहीं इस पूरे मामले को लेकर सुरजीत(Suspend) और सदाशिव यादव (Suspend) ने भी कुछ कहने से मना कर दिया है।
संगठन भी छुपा रहा था नोटिस (Suspend) की बात
कांग्रेस संगठन ने जब दोनों को शोकॉज नोटिस जारी किया था तब दोनों ही अध्यक्ष ने दैनिक भास्कर से कहा था कि हमें कोई नोटिस नहीं मिला है। नोटिस जारी होने की बात गलत है। नोटिस को लेकर जब संगठन प्रभारी राजीव सिंह से भी बात की थी तो उन्होंने ने भी मना करते हुए यह कहा था कि नोटिस जारी होगा, तब हम मीडिया को इसकी जानकारी देंगे।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि नोटिस जारी होने की जानकारी सार्वजनिक नहीं करने पर भी कांग्रेस आलाकमान नाराज है। इससे एक्शन को लेकर कार्यकर्ताओं में पसोपेश था कि विजयवर्गीय का स्वागत करना क्या पार्टी सही मान रही है? अंतत: प्रदेश स्तर से ही यह लैटर (Suspend) सोमवार को लीक करा दिया गया।
जीतू पटवारी के निर्देश पर स्वागत करना बताया था शहराध्यक्ष ने
स्वागत से जुड़े इस पूरे मामले को लेकर सुरजीत सिंह ने कुछ दिन पहले कहा कि विजयवर्गीय का स्वागत करने के लिए फोन पर उन्हें पीसीसी चीफ पटवारी ने ही कहा था। बाद में जब मामला बढ़ा तो पटवारी ने किनारा कर लिया।
एक मीटिंग में प्रदेश प्रभारी जितेंद्र भंवरसिंह ने कह दिया था कि घटनाक्रम को लेकर इंदौर के दोनों अध्यक्षों को ही पद से (Suspend) मुक्त कर दिया जाए। हालांकि, शहर में जनाधार के संकट से जूझ रही कांग्रेस इस पर खुलकर बोलने से बचती रही। बता दें कि इंदौर नगर निगम, विधानसभा के बाद लोकसभा में भी कांग्रेस क्लिन स्विप हो गई थी।
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