2 महीने से मार्केट में चल रहे Duplicate currency में 4 लाख रुपए, 8वीं फेल दो बदमाशों द्वारा छापे गए जाली नोट
ग्वालियर। जनकगंज के जागृति नगर में नकली नोट(Duplicate currency)बनाते हुए दो बदमाश पकड़े गए, दोनों बदमाश 8वीं फेल हैं, लेकिन टेक्नोलॉजी पर अच्छी पकड़ रखते हैं। जितनी सफाई से ये नकली करेंसी बना रहे थे, उसे देख एक बार तो क्राइम ब्रांच भी हैरत में पड़ गई थी। बदमाशों ने अब तक की पूछताछ में ग्वालियर के गुरु का नाम बताया है।
गुरु ने ही इन्हें नकली नोट(Duplicate currency)बनाने का तरीका बताया। लेकिन, उसके बताए तरीके में कुछ कमियां थीं। जैसे- नोट में क्या ऐसे साइन होते हैं, जिन्हें आम लोग चेक कर नोट की पहचान कर सकते हैं, इसे इन्होंने इंटरनेट से समझा। इंटरनेट के जरिए ही सीखकर इन कमियों को दूर किया।
सब कुछ अच्छी तरह सीखा। दो महीने पहले ग्वालियर शहर के जागृति नगर में किराए पर रूम लेकर नकली नोट छापने लगे। ग्वालियर-चंबल में नकली नोट के कारोबार को फैलाना शुरू कर दिया। इनका मकसद पूरे प्रदेश में नकली नोट का किंग बनना था। 2 महीने में ही 4 लाख से ज्यादा रुपए इन्होंने मार्केट में चला भी दिए।
दोनों आरोपी(Duplicate currency) भिंड के रहने वाले
क्राइम ब्रांच के एएसपी शियाज केएम के मुताबिक, मुखबिर की सूचना पर जनकगंज के जागृति नगर में रेकी की, इसके बाद रविवार देर रात रेड की। यहां किराए के कमरे से दोनों आरोपी को पकड़ा। आरोपी अंसार अली भिंड के पवई गांव, तो अशोक माहौर भिंड के दंदरौआ मौ का रहने वाला है। अंसार अली पर पहले से ही 4 धोखाधड़ी और एक वाहन चोरी का मामला दर्ज है। 2 लाख रुपए अशोकनगर में चला चुके हैं (Duplicate currency)।
श्योपुर में उन्होंने नोटों की एक खेप भेजी है। इसके बाद अब अभी जो तैयार माल (1.86 लाख रुपए) पुलिस ने बरामद किया है, उसे गुना में खपाया जाना था। पुलिस को आशंका है कि जितना ये बता रहे हैं, उससे कहीं ज्यादा नोट खपा चुके हैं। इनको पूरा गणित पता है कि कैसे नोट बनाकर कहां खपाने हैं।
छोटे शहरों से की शुरुआत
पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि उनका मकसद था कि वे ग्वालियर-चंबल अंचल से शुरुआत कर पूरे प्रदेश में नकली नोट का रैकेट फैला दें। पहले उन्होंने ग्वालियर – चंबल अंचल के छोटे शहरों से शुरुआत की। वे ज्यादातर छोटे नोट 50, 100, 200 रुपए के नोट चलाते थे। इन नोट पर आदमी ज्यादा ध्यान नहीं देता है और जेब में रख लेता है। 500 का नोट बड़े शहर में चलाते।
पूरी गैंग खपाती Duplicate currency
पुलिस का मानना है कि फेक इंडियन करेंसी के रैकेट में सिर्फ ये दो बदमाश ही शामिल नहीं है, बल्कि पूरी टीम है। दो लाख रुपए अशोकनगर में खपाने ये खुद नहीं गए थे। वहां से लोग इनसे लेकर खपाते होंगे। ये लोग 50 हजार रुपए असली लेकर एक लाख रुपए नकली देते थे। पुलिस को गैंग में चार से पांच सदस्य होने का पता लगा है।
पुलिस दोनों को नकली नोट(Duplicate currency बनाना सिखाने वाले इनके गुरु की तलाश कर रही है। वह शहर का चर्चित बदमाश है और फरार हो गया है। क्राइम ब्रांच के एएसपी शियाज केएम के मुताबिक, मुखबिर की सूचना पर हमने पहले रेकी की, इसके बाद रविवार देर रात रेड की। जागृति नगर किराए से कमरा लेकर ये लोग नोट छाप रहे थे। डाई, कलर, स्कैनर, प्रिंटर, बटर पेपर भी पुलिस ने जब्त किया है। पूछताछ की जा रही है।
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