Kerala Wayanad Landslide : मृतकों की संख्या 200 के पार, राहुल और प्रियंका गांधी राहत शिविर का किया दौरा
Kerala Wayanad Landslide : केरल के वायनाड में आई प्राकृतिक आपदा के कारण अबतक 256 लोगों की मौत हो चुकी है, अभी तक 3 हजार लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है, वहीं सेना का राहत व बचाव कार्य जारी है
केरल के वायनाड जिले में सोमवार को हुए भूस्खलन के बाद यहां के चार गांव पूरी तरह साफ हो गए, इस प्राकृतिक आपदा के कारण अभी तक 256 लोगों की मौत हो चुकी हैजबकि बड़ी संख्या में लोगों के घायल होने की भी खबर है और कई लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है।
अब तक 3 हजार लोगों को रेस्क्यू किया गया भारी बारिश के बीच कीचड़, चट्टानों और पेड़ों के बड़े-बड़े टुकड़ों की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चूरलमाला को मुंडक्कई के बीच जो पुल ढह गया था उसे सेना के जवान फिर से बनाने में जुटे हैं जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आ सकेउम्मीद है कि आज दोपहर तक चूरलमाला को मुंडक्कई से जोड़ने वाला 190 फीट का यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हुए वायनाड के लिए रवाना
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी नई दिल्ली से वायनाड के लिए रवाना हो गए ह वह अपने संसदीय क्षेत्र की स्थिति का जायजा लेने के लिए वहां पहुंच रहे हैं, उनके साथ प्रियंका गांधी भी जा रही हैं। दोनों भूस्खलन से प्रभावित परिवारों से मुलाकात करेंगे पहले दोनों नेता बुधवार को वायनाड जाने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के कारण उन्हें अपना यह कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा।
Kerala Wayanad Landslide : चार गांव पूरी तरह तबाह
वायनाड से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, वह उस तबाही की कहानी बयां कर रही हैं जिसने केरल ही नहीं बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया दरअसल, सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात वायनाड (Kerala Wayanad) में जबरदस्त बारिश आफत बन गई। रात एक बजे से 5 बजे के बीच तीन बार लैंडस्लाइड हुई और इससे पहाड़ के नीचे चेलियार नदी के कैचमेंट में बसे चार खूबसूरत गांव चूरलमाला, अट्टामाला, नूलपुझा और मुंडक्कई में तबाही आ गई। बड़े-बड़े पत्थर और मलबे में गांव के गांव चपेट में आ गए. कुछ ही देर में सैकड़ों घर मलबे का ढेर बन गए, सैलाब के रास्ते में जो आया बहता चला गया पेड़ तकजड़ से उखड़ते चले गये बड़े-बड़े पत्थर और मलबे में गांव के गांव चपेट में आ गए कुछ ही देर में सैकड़ों घर मलबे का ढेर बन गए।
आधी रात के बाद तबाही का वो मंजर कितना खतरनाक रहा होगा इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिस जगह मंदिर हुआ करते थे वो अब सपाट हो चुकी है। मलबे से अबतक 173 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं, अभी भी लैंडस्लाइड वाले इलाकों में लोगों के फंसे होने की खबर है। इन चारों गांव में ज्यादातर चाय बागान के मजदूर रहते हैं, करीब 22 हजार की आबादी है। रात एक बजे जब पहली बार लैंडस्लाइड हुई तब लोग अपने घरों में सो रहे थे किसी को बचने या भागने तक का मौका नहीं मिला।
सीएम विजयन का बयान
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को कहा कि एनडीआरएफ, सेना और अन्य एजेंसियों द्वारा समन्वित और व्यापक बचाव अभियान ने सुन सुनिश्चित किया कि वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों से 1,500 से अधिक लोगों को बचाया गया है। विजयन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “दो दिवसीय बचाव अभियान में 1,592 लोगों को बचाया गया। इतने कम समय में इतने लोगों को बचाने के लिए समन्वित और व्यापक अभियान की यह उपलब्धि है ” उन्होंने कहा कि पहले पहले चरण में आपदा के आसपास के इलाकों के 68 परिवारों के 206 लोगों को तीन शिविरों में शिफ्ट किया गया, इसमें 75 पुरुष, 88 महिलाएं और 43 बच्चे शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि भूस्खलन के बाद चल रहे बचाव अभियान में फंसे हुए 1,386 लोगों को बचाया गया ,उन्होंने कहा, ‘इसमें 528 पुरुष, 559 महिलाएं और 299 बच्चे शामिल हैं, जिन्हें सात शिविरों में भेजा गया है, दो सौ एक लोगों को बचाकर अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से 90 का अभी इलाज चल रहा है’ विजयन ने कहा कि वायनाड जिले में 82 राहत शिविरों में फिलहाल 8,017 लोग रह रहे हैं इनमें 19 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। मेप्पाडी में आठ शिविर हैं, जहां 421 परिवारों के 1,486 लोग रह रहे हैं।