CM Mohan Yadav: काम कराना है, तो मन बड़ा करें; उद्योगपतियों के लिए सरकार पलक पांवड़े बिछाने को तैयार
CM Mohan Yadav: ‘बिजनेसमैन के प्रति सरकार की दृष्टि टेढ़ी होती है। इसे बदलना है। हमें उद्योग और निवेश आमंत्रित करना होगा। पॉलिसी से भी आगे जाना है, तो सरकार तैयार है।
CM Mohan Yadav: एमपी में उद्योगपतियों के लिए सरकार पलक पांवड़े बिछाने को तैयार है। काम कराना है, तो मन बड़ा करना पड़ेगा। अपने काम को बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश आइए।’मुख्यमंत्री ने यह बात कोलकाता में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कही। वे शुक्रवार को इंटरेक्टिव सेशन को संबोधित कर रहे थे। यादव ने कहा कि झीलों की नगरी भोपाल और कोलकाता में तालमेल है।
हम जियो और जीने दो पर विश्वास करते हैं
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि GIS (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट) मध्यप्रदेश में पहले एक ही शहर में होती थी। हमने इसे बदला। एमपी से कॉटन देशभर में जाता है। रेडीमेड गारमेंट की संभावना है। आपने कोयंबटूर में इंडस्ट्री लगाई है, तो एमपी में भी आमंत्रण देते हैं। माइनिंग सेक्टर, एनर्जी और टूरिज्म सेक्टर समेत सभी सेक्टर में सरकार सहयोग करने को तैयार है।
सीएम बोले- पश्चिम बंगाल बिजनेस और एमपी खनिज संसाधन व कृषि के लिए फेमस
सीएम ने कहा कि कोलकाता प्रमुख व्यापारिक और वाणिज्यिक केंद्र है। मध्य प्रदेश भी खनिज संसाधनों और कृषि उत्पादन के लिए जाना जाता है। दोनों राज्यों के बीच कई उद्योगों, व्यापारिक संस्थानों और कृषि उत्पादों का लेन-देन होता है। मध्यप्रदेश के उत्पाद जैसे सोयाबीन, गेहूं और अन्य कृषि उत्पाद की पश्चिम बंगाल में मांग है, जबकि पश्चिम बंगाल के जूट, चाय और मछली उत्पाद मध्य प्रदेश में भी लोकप्रिय हैं।
कोलकाता से भोपाल, जबलपुर के लिए फ्लाइट मांगी
समिट में एमपी बिरला ग्रुप के एमडी संदीप घोष ने कहा कि 70 साल पहले सतना में पहला सीमेंट प्लांट लगा था। सतना सीमेंट के नाम से बिरला सीमेंट जाना जाता था। इस दौरान एमपी का जो ट्रांसफार्मेशन हुआ है, वह देखने लायक है। चेंज विद कंटीन्यूटी के साथ हुए बदलाव का असर देखने को मिलता है। रीवा में व्हाइट टाइगर और यूनिवर्सल केबिल प्लांट के लिए प्रसिद्ध है। मैहर में भी सीमेंट प्लांट लगाया है। कोलकाता से भोपाल, जबलपुर की डायरेक्ट फ्लाइट नहीं है, इसे शुरू करना चाहिए।
पीएस राघवेंद्र सिंह ने बताई उद्योग पाॅलिसी
प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन राघवेंद्र सिंह ने इंटरेक्टिव सेशन में प्रदेश सरकार की उद्योग पॉलिसी के बारे में बताया। एमपी में कॉपर, मैंगनीज समेत अन्य बहुमूल्य खनिज उपलब्ध हैं। उन्होंने अलग-अलग इंडस्ट्रियल एरिया और उसमें संचालित उद्योगों की जानकारी भी कोलकाता के निवेशकों को दी। उन्होंने रोजगार सृजन की स्थिति में सब्सिडी दिए जाने के बारे में भी बताया। टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर, आईटी सेक्टर, फूड प्रोसेसिंग की संभावनाओं के बारे में भी बताया।
एसीएस संजय दुबे ने कहा- एमपी में नो रिस्क बिजनेस
मध्यप्रदेश के अपर मुख्य सचिव विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग संजय दुबे ने एमपी में आईटी और ईएसडीएम सेक्टर में किए जाने वाले निवेश की विशेषताओं की जानकारी दी। उन्होंने एमपी में मौजूद स्किल पॉवर के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 15 आईटी पार्क में 50 हजार सुपर क्वालिफाइड स्किल्ड लोग काम कर रहे हैं। दुबे ने कहा कि एमपी में नो रिस्क बिजनेस की स्थिति है। सात साल से देश के स्वच्छतम शहर इंदौर और क्लीनेस्ट कैपिटल भोपाल की विशेषताओं की जानकारी देते हुए एसीएस दुबे ने कहा कि 1200 टेक्नाेलाॅजी स्टार्टअप रजिस्टर्ड हैंं।
CM Mohan Yadav: उभरते राज्यों में शामिल है एमपी
मुख्यमंत्री ने निवेशकों को बताया कि मध्यप्रदेश निवेश और उद्योगों के लिए देश के सबसे उभरते हुए राज्यों में से एक है। राज्य की प्रमुख औद्योगिक विशेषताओं जैसे मध्यप्रदेश की निवेश अनुकूल औद्योगिक नीति, मजबूत आधारभूत संरचना, समृद्ध प्राकृतिक संसाधन और अनुकूल कानून व्यवस्था के कारण निवेशकों का पसंदीदा राज्य बन रहा है। पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश में औद्योगिक समानताएं हैं, जो कोलकाता के उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए प्रेरित करेंगी।