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कुबेरेश्वर धाम में दो महिलाओं और एक बच्चे की मौत 

कुबेरेश्वर धाम में दो महिला और एक बच्चे की मौत माता-पिता के साथ आया था बच्चा,की मौत के बाद प्रदीप मिश्रा बोले- अब सालभर मिलेंगे रुद्राक्ष

सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में शुक्रवार को रुद्राक्ष उत्सव में तीन साल के बच्चे की मौत हो गई। महाराष्ट्र के जलगाँव से माता-पिता अपने छोटे बच्चे को कुबेरेश्वर धाम ले आए। इसी दौरान एक अन्य महिला की स्थानीय अस्पताल में मौत हो गई। दो दिनों के दौरान, 73 लोगों को बीमारियों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है और दो महिलाओं सहित तीन लोगों की मौत हो गई है। त्योहार के पहले दिन गुरुवार को भारी भीड़ होने के कारण कार्यक्रम स्थल पर स्थिति बेकाबू हो गई थी. शुक्रवार को भी भीड़ अधिक होने के कारण रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम को रोक दिया गया था. उसके बाद, रुद्राक्ष खरीदने के लिए देश भर से आए लोग बिना खरीदे ही जाने लगे। सिर्फ त्योहारों के समय की जगह पंडित मिश्र के अनुसार रुद्राक्ष अब पूरे साल उपलब्ध रहेगा।

कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा आयोजित रुद्राक्ष महोत्सव में जलगांव के विवेक विनोद भट्ट पत्नी और दो बेटों के साथ गुरुवार को आए थे। भट्ट ने बताया कि 3 साल के बेटे अमोघ भट्‌ट की तबीयत पहले से थोड़ी खराब थी। गाड़ी की सुविधा नहीं हाेने से हम पैदल ही आए। रास्ते में बच्चे की तबीयत और खराब हाे गई। हम उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां ICU में भर्ती कर लिया गया। शुक्रवार सुबह डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। अकोला की रहने वाली 40 वर्षीय मंगला गुरुवार शाम को चक्कर खाकर गिर पड़ी थीं। उन्हें जिला अस्पताल लेकर आए थे, जहां देर रात उनकी मौत हो गई। इससे पहले गुरुवार दोपहर को भी मालेगांव की रहने वाली 50 वर्षीय मंगला बाई ने भी दम तोड़ दिया था।

लोगों की परेशानी के चलते रुद्राक्ष वितरण रुकवाया

रुद्राक्ष महोत्सव का शुक्रवार को दूसरा दिन है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही रुद्राक्ष के लिए लाइन में लगे हैं। हालांकि, फिलहाल रुद्राक्ष का वितरण रोक दिया गया है। आयोजन के पहले दिन भारी अव्यवस्थाओं का आलम दिखा। रुद्राक्ष की आस में दिनभर लोग लाइन में लगे रहे, लेकिन रुद्राक्ष नसीब नहीं हो पाया। रातभर भक्तों की आवाजाही लगी रही। शुक्रवार सुबह से ही धाम पर फिर से रुद्राक्ष लेने वाले लाइन में लग गए। भीड़ इतनी कि पैर रखने तक की जगह नहीं है। हालात यह हैं कि लाखों लोग आयोजन स्थल पर मौजूद हैं। हालांकि कल से उलट आज इंदौर-भोपाल हाईवे पर ट्रैफिक जाम के हालात नहीं हैं।

अब केवल त्योहार के दौरान नहीं बल्कि पूरे साल मिलेंगे रुद्राक्ष

पंडित मिश्रा ने शुक्रवार को कथा के दूसरे दिन कहा- इस रुद्राक्ष उत्सव से, इसके पहले के रुद्राक्ष उत्सव से, उसके पहले वाले रुद्राक्ष उत्सव से यही सीखने को मिला है कि रुद्राक्ष उत्सव करो, आयोजन हो, रुद्राक्ष का शिवलिंग बने, अनुष्ठान भी हो। बस उस रुद्राक्ष को रुद्राक्ष उत्सव के समय वितरण नहीं करते हुए पूरे साल जो कुबेरेश्वर धाम आते हैं, उन्हें दिया जाए। जो भक्त नहीं आ सकते, वे साल में कभी भी आकर यहां से रुद्राक्ष ले सकते हैं। लोग समझ रहे हैं यह रुद्राक्ष की भीड़ है, यह तो बाबा के भक्तों की भीड़ है।

पंडित मिश्रा ने कहा की हर किसी को VIP ट्रीटमेंट नहीं दे सकते

इससे पहले श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि आप लोग यहां आए हैं, भगवान शंकर आप सब की मनोकामनाएं पूर्ण करें, मेरी यही विनती है। हमारे यहां 10 बजे से भोजन शुरू हो रहा है, 7 बजे तक चलता है, घबराने की आवश्यकता नहीं है। 22 कुओं का पानी यहां आ रहा है, लाइट चले जाने पर थोड़ी दिक्कत हो जाती है, इसके लिए माफी चाहता हूं। उन्होंने कहा कि दुनिया के लोग तो कुछ भी कहेंगे, इसके बाद उन्होंने कहा, आग लगे बस्ती में… सामने खड़े लोग बोले- हम अपनी मस्ती में। प्रदीप मिश्रा ने कहा हम सभी को VIP ट्रीटमेंट नहीं दे सकते।

अपडेट्स

  • कुबेरेश्वर धाम और उसके आसपास लगभग 1.5 लाख लोग हैं। पिछले दो दिनों में करीब 5 लाख रुद्राक्ष बांटे जा चुके हैं। गुरुवार को भोपाल-इंदौर मार्ग पर काफी जाम लगा रहा, लेकिन शाम से लेकर सुबह तक पुलिस ने पूरा जाम हटा दिया. भोपाल-इंदौर रोड और इंदौर रोड दोनों पर ट्रैफिक का दबाव है।कुबेरेश्वर धाम और उसके आसपास लगभग 1.5 लाख लोग हैं। पिछले दो दिनों में करीब 5 लाख रुद्राक्ष बांटे जा चुके हैं। गुरुवार को भोपाल-इंदौर मार्ग पर काफी जाम लगा रहा, लेकिन शाम से लेकर सुबह तक पुलिस ने पूरा जाम हटा दिया. भोपाल-इंदौर रोड और इंदौर रोड दोनों पर ट्रैफिक का दबाव है।कुबेरेश्वर धाम और उसके आसपास लगभग 1.5 लाख लोग हैं। पिछले दो दिनों में करीब 5 लाख रुद्राक्ष बांटे जा चुके हैं। गुरुवार को भोपाल-इंदौर मार्ग पर काफी जाम लगा रहा, लेकिन शाम से लेकर सुबह तक पुलिस ने पूरा जाम हटा दिया. भोपाल-इंदौर रोड और इंदौर रोड दोनों पर ट्रैफिक का दबाव है।
  • श्रद्धालुओं के अनुसार त्योहार में फिलहाल रुद्राक्ष का वितरण नहीं किया जा रहा है। बैरिकेड्स टूटने के कारण समिति ने अस्थायी रूप से वितरण बंद करने का निर्णय लिया है। जब तक सही बैरिकेडिंग नहीं की जाती तब तक रुद्राक्ष वितरण शुरू नहीं होगा।
  • भोपाल से सीहोर तक, सड़क के दोनों ओर 15 किलोमीटर तक लंबी वाहनों की कतारें हैं। लेकिन भोपाल से सीहोर और भोपाल से आष्टा की ओर ट्रैफिक अभी भी चल रहा है। फिर भी, कारें केवल 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ही चल सकती हैं। कुबेरेश्वर धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों की भारी संख्या में सड़क पर मौजूद होना इसका कारण है।
  • गुरुवार को 20 से 25 लोग अपनों से बिछड़ गए। फिलहाल, सब कुछ नियंत्रण में है. गुरुवार को भारी भीड़ के कारण रुद्राक्ष वितरण केंद्र के सामने बैरिकेड्स क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे आज रुद्राक्ष वितरण नहीं होगा।

लापता व्यक्तियों की तलाश में हो रहा अनाउंसमेंट

हेलो, हेलो… गीता, लक्ष्मी और रिंकू की मम्मी, भोपाल वाले । गेट नंबर 1 पर पुलिस सहायता केंद्र पर आ जाइए। हम लोग यहां आपका इंतजार कर रहे हैं। पूरी रात से खोज रहे हैं, लेकिन आप नहीं मिले। यह अनाउंसमेंट सीहोर के पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर आश्रम पर गुरुवार को शुरू हुए रुद्राक्ष महोत्सव एवं महाकुंभ कार्यक्रम स्थल पर हो रहा है। यह केवल एक अकेला अनाउंसमेंट नहीं है, इस तरह की घोषणाओं का सिलसिला गुरुवार रात 12:00 से लगातार जारी है। इसकी वजह रुद्राक्ष महोत्सव में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ होना है। महोत्सव में शामिल होने आए लाखों श्रद्धालु रुद्राक्ष मिलने की आस में शुक्रवार सुबह तक भी कुबेरेश्वर धाम परिसर में डेरा जमाए बैठे हैं।

पूरे दिन लाइन में इंतजार करने के बाद, रात को खाली हाथ लौटे श्रद्धालु

हैदराबाद से आई महिला भक्त ने कहा- इतनी अव्यवस्था होगी यह सोचा नहीं था। पीने का पानी तो छोड़िए बाथरूम में लॉक लगे थे। रुद्राक्ष फेंककर दिए तो बुजुर्ग समेत कई लोग दब गए। कोई पूजा वाले रुद्राक्षों को ऐसा फेंकता है क्या। पूरी पब्लिक परेशान है। मैं खुद चार दिन से परेशान हूं, फिर भी रुद्राक्ष नहीं मिला। जब 16 तारीख से रुद्राक्ष देने की बात कही थी, तो 15 तारीख को क्यों बांटना शुरू कर दिया। अब बिना रुद्राक्ष के लौट रहे हैं। पिछले साल भी महाराज जी ने ऐसा ही किया था। ऑटो वाले एक-एक व्यक्ति से 500-500 रुपए ले रहे हैं।

एक भक्त ने कहा- कोई हादसा हो जाए, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। पंडित जी ने कहा था कि एक महीने का बच्चा आए, तो उसे भी रुद्राक्ष देंगे, कहां गया उनका यह किया हुआ वादा। पानी तक के लिए भटकते रहे। रुद्राक्ष तो छोड़िए पानी, खाने तक की व्यवस्था नहीं कर पाए।

इंदौर से आए भक्त रवि ने कहा- रुद्राक्ष लेने आया था। सुबह से भटकता रहा। न तो यहां बैठने की जगह है। न पानी मिल रहा है। परेशान होकर बिना रुद्राक्ष ही लौट रहा हूं। तीन से चार किलोमीटर अलग पैदल चलना पड़ रहा है।

पिता की तबीयत बिगड़ी,न मिला इलाज और न मिली दवाई

रायपुर छत्तीसगढ़ से आए आरके राठौड़ ने बताया दोपहर में पिता जीएल राठौड़ की तबीयत खराब है। मैं दवाइयां लेने कुबेरेश्वर धाम के स्वास्थ्य केंद्र पर आया था, लेकिन डॉक्टर मिला न दवाइयां। यही हाल अन्य बीमार श्रद्धालुओं का भी था। वो दिन से परेशान दिखे।

प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल

पिछली बार हुई अव्यवस्थाओं से भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया। इस साल भी हाईवे पर जाम के हालात बने हुए हैं। हाईवे पर वाहनों की कतारें लगी रहीं। लोगों को कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। जाम से हो रही परेशानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस मार्ग से आ जा रहीं कई एम्बुलेंस भी फंस गईं

सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह का कहना है कि पुराण कथा के नाम पर अनुमति ली गई थी। समिति ने 5 से 6 लाख लोगों के आने का अनुमान बताया था, फिर भी हमने 10 लाख लोगों के लिए धाम में जाने और बाहर आने के इंतजाम किए थे। सुबह से भीड़ बढ़ती गई और दोपहर 12 बजे तक करीब 20 लाख लोग पहुंच गए। ये अनुमान से दोगुना है। इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो गया है। 5 पार्किंग रात में फुल हो गईं थीं। सुबह जो लोग पहुंचे उन्होंने सड़क पर गाड़ियां लगा दीं। 95% लोग चार पहिया वाहन से पहुंचे। महोत्सव के लिए समिति ने सोशल मीडिया के जरिए आमंत्रण दिया। जिसे जो जानकारी मिली, वो पहुंच गया।

कंबल और साड़ियां बिछाकर खुले आसमान में सोए श्रद्धालु

हालत यह थी कि डोम फुल हुआ, तो लोगों ने मैदान में ही साड़ी, चद्दर का बसेरा बनाकर सामान जमा लिया, जिसे जहां जगह मिली वह वहीं पर बैठ गया। खुले मैदान में धूप बढ़ी तो श्रद्धालुओं ने चादर व साड़ी से छोटे-छोटे तंबू बना लिए। पैदल आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती देख पुलिस ने धाम तक पहुंचने के मुख्य द्वार को भी खोल दिया है। महोत्सव में ज्यादातर श्रद्धालु रुद्राक्ष लेने ही आए हैं।

पानी की बोतल तक को तरस गए श्रद्धालु

गुरुवार को पेट्रोल- डीजल और खाद्य सामग्री का ऑनलाइन भुगतान करने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालत ये भी कि वह पानी की बोतल तक नहीं खरीद पा रहे थे। नेटवर्क नहीं होने से उनका मोबाइल काम नहीं कर रहा था और केश लेकर कई श्रद्धालु नहीं आए थे।

प्रदीप मिश्रा का कहना अगर मौत आनी है, तो आएगी ही

कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि लोग मौत से डरते हैं। कहते हैं कि हम केदारनाथ नहीं जाएंगे। वहां बहुत ठंड है, कुछ हो गया तो क्या होगा, लेकिन अगर मौत आनी है, तो आएगी ही। भले ही आप घर में ही क्यों न हो। आप घर में होंगे, पैर पोंछने के लिए पायदान पर पैर रखोगे और अगर मौत आनी ही होगी, तो तुरंत पायदान फिसल जाएगा। आप 7 तालों में ही क्यों न बंद हो, मौत को आना है, तो वह आएगी ही। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जो लोग यहां रुद्राक्ष के लालच में आ रहे हैं, तो वे न आएं। टिकट कैंसिल करा लो। यहां आना है, तो महादेव के लिए आओ। उनसे क्या मिलेगा, उसके लालच में ना आओ। रुद्राक्ष के लिए आने की आवश्यकता नहीं है।

2 शिफ्ट में काम कर रहे पुलिस कर्मी।

महोत्सव में तैनात पुलिस 2 शिफ्ट में काम कर रही है। पहली शिफ्ट सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 2 बजे से लेकर रात 8 बजे तक है। 700 जवान तैनात किए गए हैं। SP सीहोर मयंक अवस्थी के साथ 12 जवान लगे हैं। ASP और SP सीहोर के साथ 8-8 जवान लगे हैं, जबकि 100 जवानों को रिजर्व रखा गया है। ट्रैफिक पुलिस के जवान भी व्यवस्था संभाल रहे हैं।

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