MP News: भोपाल को झुग्गीमुक्त करने के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी, प्राइम लोकेशन पर 300 एकड़ में फैली बस्तियां
MP News: भोपाल को झुग्गी मुक्त करने के लिए एक बार फिर प्रयास शुरू हुए हैं। नगर निगम और जिला प्रशासन ने इन्हें हटाने के लिए प्लान तैयार कर लिया है। पहले फेज में 39 एकड़ से झुग्गियां हटेंगी। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि, फर्स्ट कलस्टर की कार्रवाई कर रहे हैं।
MP News: झुग्गियां हटाने से पहले रहने के इंतजाम करेंगे। झुग्गियों को हटाने को लेकर कलेक्टर सिंह मीटिंग भी कर चुके हैं। उन्होंने बताया, पहले चरण के बाद दूसरे चरण में कार्रवाई शुरू की जाएगी।
ऐसे हटाएंगे झुग्गियां
फर्स्ट फेज में वल्लभ भवन के आसपास कार्रवाई शुरू होगी। पीपीपी मोड में काम किया जाएगा। यानी, प्राइवेट कंपनी के जरिए 6 हजार से ज्यादा घर बनाकर दिए जाएंगे। वल्लभ भवन के आसपास 9 बस्तियों को खाली कराया जाएगा। इसके बाद दूसरा फेज शुरू करेंगे।
2 महीने पहले सीएम ने की थी मीटिंग
भोपाल को झुग्गी मुक्त करने के लिए करीब 2 महीने पहले सीएम डॉ. मोहन यादव ने मीटिंग की थी। उन्होंने झुग्गियों को हटाने के लिए विस्तृत प्लान बनाने को कहा था। उन्होंने कहा था कि पहले भवन तैयार करें। फिर झुग्गियों को खाली कराएं। ताकि, लोगों को परेशानी न हो।
कई प्राइम लोकेशन पर झुग्गियां
भोपाल में चाहे राजभवन से सटे इलाके में 17 एकड़ में फैली रोशनपुरा बस्ती हो या बाणगंगा, भीमनगर, विश्वकर्मा नगर जैसी टॉप 8 झुग्गी-बस्तियां शहर के बीच प्राइम लोकेशंस पर करीब 300 एकड़ में फैली हैं। इनके अलावा राहुल नगर, दुर्गा नगर, बाबा नगर, अर्जुन नगर, पंचशील, नया बसेरा, संजय नगर, गंगा नगर, बापू नगर, शबरी नगर, ओम नगर, दामखेड़ा, उड़िया बस्ती, नई बस्ती, मीरा नगर जैसी कुल 388 बस्तियां शहर में हैं। इन सबकी जमीन का हिसाब लगाएं तो यह करीब 1800 एकड़ के आसपास बैठती है। इनमें से ज्यादातर पॉश इलाकों में ही हैं।
8 महीने में भदभदा बस्ती की हटाई गई
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने इसी साल भोपाल की भदभदा बस्ती से कुल 384 झुग्गियां हटा दीं थी। 4 दिन चली कार्रवाई के दौरान सियासत भी खूब गरमाई। दूसरी ओर, राजधानी में अभी भी हजारों ऐसी झुग्गियां हैं, जो सरकारी जमीन पर तान दी गई है। यही कारण है कि पिछले 4 साल में 20 इलाकों में नई बस्ती डेवलप हो गई।
आरिफ नगर में तो 500 से ज्यादा झुग्गियां बन गई हैं। डीआईजी बंगला चौराहे से करोंद चौराहे की ओर जाने वाले रास्ते पर रेलवे ओवरब्रिज की शुरुआत पर ही झुग्गियां नजर आती हैं। यही तस्वीर बाकी जगहों पर भी देखने को मिल सकती है।
अब जानते हैं, कब-कब चला अभियान
करीब 40 साल में 3 बार राजधानी को झुग्गी मुक्त बनाने का अभियान चला। इस दौरान 1450 करोड़ रुपए खर्च भी किए गए। फिर भी शहर में झुग्गी-बस्तियों के इलाकों की संख्या बढ़ती गई। 3 साल पहले तक इनकी संख्या 72 थी, जो अब करीब 85 हो गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार-सबसे ज्यादा झुग्गी वाले देश के टॉप-10 शहरों में मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ, कोलकाता, नागपुर, अहमदाबाद, बेंगलुरू के साथ भोपाल भी शामिल रहा है।
- 1984 में अर्जुन सिंह सरकार ने पहली बार अभियान चलाया।
- 2004 में बाबूलाल गौर ने झुग्गियों के री-डेंसीफिकेशन की योजना बनाई।
- 2015 में सीएम शिवराज सिंह चौहान सरकार में पीएम आवास योजना की शुरुआत हुई और शहर में पक्के मकान व पट्टे देने का अभियान शुरू हुआ।
- अब फिर से झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई शुरू हुई है।
MP News: पीएम आवास बना रहे, लेकिन अधूरे होने से मिल नहीं रहे
राजधानी में गंगानगर, राहुल नगर, 11 नंबर, मालीखेड़ी, भानपुर समेत कई इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बन रहे हैं, लेकिन नियमों के चलते कई लोग अपात्र हो जाते हैं। वहीं, अधूरे होने की वजह से सालों से लोगों को मिल नहीं पाए हैं। आंकड़ों पर नजर डाले तो भोपाल में कुल 7755 पीएम आवास हैं। इनमें 3 हजार से अधिक अधूरे हैं। यानी, इतने लोगों के सपनों का घर अब तक बनकर तैयार नहीं हुआ है।