कुबेरेश्वर धाम: पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं को दिया संदेश, ‘महादेव की होली’ का तरीका और महत्व
होली 2023: पंडित प्रदीप मिश्रा के अनुसार, भक्तों को शिव को समर्पित प्रत्येक मंदिर में जाना चाहिए और उन्हें केसर, अष्टगंध, या चंदन और हल्दी मिश्रित जल से स्नान कराना चाहिए। होली महादेव के सम्मान में मनाई जाती है और इसमें एक दूसरे को विभिन्न रंगों के आवेदन शामिल होते हैं।
Pandit Pradeep Mishra Statement: सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा की अपील पर बीते वर्ष से शुरू की गई महादेव की होली को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह अभी से ही देखने मिल रहा है. बीते दिनों कुबेरेश्वर धाम पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने एबीपी से बात करते हुए देशवासियों को संदेश दिया है कि महादेव की होली मनाएं. पंडित मिश्रा ने महादेव की होली मनाने का तरीका बताते हुए कहा कि एक लोटा जल में केसर घोलकर शिव को चढ़ाएंगे, उसी को महादेव की होली कहते हैं. भगवान शिव आपकी हर मनोकामनाएं पूरी करेंगे.
बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा ने देशवासियों को महादेव की होली मनाने के लिए प्रोत्साहित किया था. पंडित मिश्रा के संदेश के बाद पूरे देश में भगवा रंग की भारी मांग थी। पंडित प्रदीप मिश्रा ने नागरिकों से इस बार भी महादेव की होली मनाने की सलाह दी। हालांकि, भक्त महादेव के अपील करने से पहले ही उनकी होली मनाने के लिए अविश्वसनीय रूप से उत्साहित हैं।
समितियों ने शुरू की तैयारी
बता दें, बीते साल सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा की द्वारा की गई महादेव की होली की शुरुआत के बाद इस बार भी महादेव की होली का जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. होलिका उत्सव समितियों द्वारा आयोजन को लेकर अभी से तैयारियां शुरु कर दी है. इस बार भी पंडित प्रदीप मिश्रा ने देशभर के श्रद्धालुओं से महादेव की होली मनाने की बात कही है.
पंडित प्रदीप मिश्रा के संदेश के अनुसार हर शिव मंदिर में मातृ शक्ति के अलावा सभी भक्त केसरिया रंग से कलश भरकर भगवान को समर्पित कर भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करेंगे. इसके बाद होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। होली समिति के पदाधिकारियों ने अपनी-अपनी शर्तों पर तैयारी शुरू कर दी है।
महादेव की होली में क्या करें।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि सभी शंकर मंदिरों में माता और भक्तों को दर्शन करना चाहिए और रंग बदलने के लिए पानी के बर्तन में चंदन, हल्दी, अष्टगंध या केसर डालकर शिव को स्नान कराना चाहिए। वहीं होली या महादेव की होली वह रंग होगा जो लोग एक दूसरे को लगाते हैं।