छिंदवाड़ा: एसपी को सस्पेंड करने के दिए हाईकोर्ट ने आदेश, अदालत ने माना लापरवाही
जबलपुर में मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने छिंदवाड़ा में पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश रवि मलीमठ की खंडपीठ ने बुधवार को दिया. न्यायालय ने कहा है कि श्री वर्मा अगले आदेश तक निलंबित रहेंगे।
दरअसल, कोर्ट ने एक मामले में तमिल अनुवाद कराने के लिए वारंट जारी किया था। एसपी ने अनुवाद की व्यवस्था करने के बजाय कोर्ट को पत्र लिखा कि उक्त व्यक्ति का तबादला कर दिया गया है और वारंट निष्पादित नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने इसे उनके आदेश का अनादर मानते हुए नाराजगी जताई।
मामला जमीन अधिग्रहण से जुड़ा है।
एनएचएआई ने छिंदवाड़ा में तुलसी रामायण मंडल नाम के एक धार्मिक संगठन की जमीन का अधिग्रहण किया है। वर्ष 2018 में एनएचएआई ने छिंदवाड़ा में खजरी रोड के निर्माण के दौरान तुलसी रामायण मंडल के 1200 वर्ग फुट के भूखंड का अधिग्रहण किया था। हालांकि, केवल 600 वर्ग फुट का मुआवजा दिया गया था। इसको लेकर संस्था के शिवकुमार शर्मा ने शिकायत दर्ज कराई है।
एनएचएआई में परियोजना निदेशक को वारंट जारी किया गया था।
इस मामले में एनएचएआई के परियोजना निदेशक श्री डी. अनिल कुमार को आरोपी बनाया गया था। मुआवजा नहीं मिलने पर कोर्ट में याचिका दायर की। 2018 में कोर्ट ने एनएचएआई को शेष 600 वर्ग फुट का मुआवजा देने का आदेश दिया था। हालांकि, एनएचएआई ने संस्था को मुआवजा नहीं दिया। इसी मामले में अदालत ने श्री डी अनिल कुमार की गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया था. 28 मार्च 2023 को छिंदवाड़ा एसपी को वारंट तामील करने का आदेश दिया था.
एसपी ने कोर्ट को लिखा पत्र
श्री एसपी विनायक वर्मा ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को एक पत्र संबोधित किया, जिसमें उपरोक्त वारंट का पालन न करने की बात कही गई थी। पत्र में, यह स्पष्ट किया गया था कि प्रतिवादी, श्री [नाम], कानूनी आदेश का पालन करने में विफल रहे हैं। अनिल कुमार का छिंदवाड़ा से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण को 3डी में संसाधित किया गया है। इसलिए, तमिलनाडु वारंट शुरू नहीं किया जा सका।
हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
ध्यान देने वाली एक महत्वपूर्ण बात यह है कि पत्र में यह उल्लेख नहीं था कि स्थानांतरण कहाँ हुआ था, जिसका उच्च न्यायालय ने विरोध किया था और अदालत ने इसे लापरवाही माना था। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि कोर्ट द्वारा अगला आदेश जारी होने तक एसपी को निलंबित किया जाए। हाई कोर्ट ने डीजीपी को एक हफ्ते के अंदर यानी 19 अप्रैल तक ट्रेनिंग कराने का भी आदेश दिया है. इससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार एसपी तत्काल जबलपुर हाईकोर्ट के समक्ष पेश होने के लिए रवाना हो गए हैं.