इंदौर: विजयवर्गीय का शूर्पनखा बयान केस, कोर्ट जाएगी कांग्रेस
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा महिलाओं को लेकर दिए गए बयान का मामला अनसुलझा है. इस मामले में कांग्रेस नगर अध्यक्ष ने विजयवर्गीय को मानहानि का नोटिस जारी किया है. उन्हें अभी नोटिस मिला है और तीन दिन के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कांग्रेस नेता के मुताबिक नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर 17 अप्रैल को कोर्ट में कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
मुझे आपको स्थिति समझाने की अनुमति दें। हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। इस वीडियो में उन्होंने महिलाओं को लेकर कमेंट किया था।
आज जब मैं विदा होते समय सुशिक्षित युवा वयस्कों और बच्चों को मस्ती करते हुए देखता हूं, तो मैं वास्तव में उन्हें पांच से सात सुझाव देना चाहता हूं जो उन्हें उनकी लत से मुक्त करने में मदद करेंगे। मैं हनुमान जयंती के दौरान सच बोलने और कुछ भी गढ़ने की शपथ नहीं लेता हूं। यहाँ तक कि लड़कियाँ भी ऐसे मैले कपड़े पहन कर घर से निकलती हैं कि उन्हें देवता के अलावा और कुछ समझ पाना मुश्किल है। इनमें देवी-देवताओं का स्वरूप बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता है। वे हूबहू सूर्पणखा की तरह दिखाई देती हैं। हमारे अद्भुत और सुंदर परमेश्वर ने वास्तव में हमें एक शरीर दिया है। कृपया एक अच्छा पहनावा पहनें, मेरे दोस्त। बच्चों में संस्कार डालें। मैं बहुत चिंतित हूँ।
कैलाश विजयवर्गीय के बयान के बाद कांग्रेस महिला नगर अध्यक्ष साक्षी शुक्ला डागा ने राजबाड़ा में कांग्रेस नेताओं के साथ धरना दिया और कैलाश विजयवर्गीय का पुतला भी फूंका. इस मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया है. उधर, महिला नगर कांग्रेस अध्यक्ष ने भी वकील के माध्यम से कैलाश विजयवर्गीय को तीन दिन का समय देते हुए नोटिस भेजा, जिसके बाद उसमें आगामी कार्रवाई का जिक्र किया गया.
प्रक्रिया सोमवार को हो सकती है।
सुश्री साक्षी शुक्ला डागा ने बताया कि 8 अप्रैल को भेजा गया नोटिस कल उन्हें दे दिया गया। नोटिस के मुताबिक उन्हें अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। हालांकि अभी तक नोटिस का कोई जवाब नहीं आया है। ड्राफ्टिंग प्रक्रिया के लिए कुछ दिनों का समय दिया गया है, जो अभी चल रहा है। ड्राफ्टिंग पूरी होने के बाद सोमवार को कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। इससे पहले अगर कोई जवाब मिलता है तो उसके अनुसार आगे की प्रक्रिया की जाएगी।