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कृषि मंत्री: पंचायत सदस्यों के सामने वीडियोग्राफी के जरिए फसल क्षति के दस्तावेज पेश कर किसानों को मिली राहत

फसलों के नुकसान की भरपाई राज्‍य सरकार करेगी. हर किसान के खेत का होगा सर्वे किसानों को राहत देते हुए कृषि मंत्री ने क्या कहा?

कृषि मंत्री कमल पटेल ने सभी कलेक्टरों को पंच परमेश्वर के साथ मध्य प्रदेश में अप्रत्याशित बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को हुए नुकसान का जायजा लेने के निर्देश दिये हैं. नुकसान का मूल्यांकन करने और प्रभावित किसानों को समय पर सहायता प्रदान करने के लिए यह कदम उठाया गया है। “उन्होंने सभी क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने की आवश्यकता व्यक्त की है।” साथ ही कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों को नई प्रक्रियाओं के बारे में बताया।

फसलों के नुकसान की भरपाई करेगी मप्र सरकार 

मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में लगातार हो रही बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। जिसके संबध में कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों से अपील की है, कि उन्हें घबराने या चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है जितना भी खेतों में नुकसान हुआ है, उस सभी नुकसान की भरपाई मध्य प्रदेश की सरकार करेगी.

इसके लिए उन्होंने मुआवजा वितरण को लेकर किए जाने वाले सर्वे की प्रक्रिया में नया बदलाव करते हुए सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी करने की बात कही है.

खेतों को हुए नुकसान की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।

कैबिनैट मंत्री कमल पटेल ने बताया कि अभी तक खेतों में अधिकारियों द्वारा सर्वे किया जाता था. हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के तहत सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि जब भी खेतों में फसल क्षति का आंकलन हो तो गांव के पांच व्यक्ति स्थल पर अवश्य उपस्थित हों. साथ ही यह भी बताया गया कि इसके अतिरिक्त भू-स्वामी की उपस्थिति भी अनिवार्य होगी।

इसके अलावा उन्‍होंने कहा कि नुकसान संबंधी जो भी वीडियोग्राफी, दस्तावेज तैयार किए जाए उसमें पांच गवाहों के हस्ताक्षर करवाए जाए साथ ही इसकी एक प्रतिलिपि किसान के पास रहें, ताकि दस्तावेजों में किसी प्रकार की फेरबदल की कोई संभावना नहीं रहे.

प्रत्येक किसान के खेत का सर्वेक्षण किया जाएगा, जैसा कि कृषि मंत्री ने कहा है।

कृषि मंत्री कमल पटेल का दावा है कि हर किसान की जोत का भूकर सर्वेक्षण किया जाएगा। जिन क्षेत्रों में भारी वर्षा हुई है, वहाँ परिस्थितियाँ भिन्न हैं। भारी वर्षा की अवधि के दौरान, फसलों को गंभीर रूप से नुकसान हो सकता है, जिससे किसानों को वित्तीय नुकसान हो सकता है। उन्होंने ओलावृष्टि के दौरान हुई क्षति पर एक अलग रिपोर्ट तैयार करने की सिफारिश की, ताकि प्रभावित किसानों की सही संख्या की पहचान करने में सक्षम होने के लिए फसल क्षति की सीमा का निर्धारण किया जा सके। बारिश और ओलावृष्टि से जिन किसानों को नुकसान हुआ है, उनके स्वामित्व वाले खेतों का पूरा सर्वेक्षण किया जाएगा।

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