Bangladesh : हिंसा के बाद पीएम हसीना का इस्तीफा, छोड़ा देश : बांग्लादेश के आर्मी चीफ़ ने अंतरिम सरकार के गठन का किया एलान
Bangladesh में 2 महीने से चल रहे आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया। हिंसक माहौल के चलते शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा।
वे सेना के विमान से रवाना हुईं। खबरों के मुताबिक उनकी बहन रेहाना भी साथ हैं। वे बंगाल के रास्ते दिल्ली पहुंच रही हैं। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि शेख हसीना शाम को दिल्ली से लंदन रवाना हो सकती हैं। उसके बाद वे फिनलैंड या दूसरे देश जा सकती हैं।
बांग्ला के मुताबिक़, शेख़ हसीना भारत के शहर अगरतला की ओर एक हेलीकॉप्टर से रवाना हुई हैं।
पीएम हसीना के देश छोड़ने के बाद आर्मी चीफ़ जनरल वकार-उज़-ज़मान ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि Bangladesh में एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी।
खबरें आ रही हैं कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हजारों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के आधिकारिक आवास पर धावा बोल रहे हैं।
बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर चल रहा आंदोलन सोमवार को और व्यापक हो गया है।
बांग्लादेश की सेना ने सरकार संभाल ली है। सेना प्रमुख ने कहा, “हम अंतरिम सरकार बनाएंगे, देश को अब हम संभालेंगे। आंदोलन में जिन लोगों की हत्या की गई है, उन्हें इंसाफ दिलाया जाएगा।”
इससे पहले पड़ोसी देश श्रीलंका में जुलाई 2022 में ऐसी स्थिति थी। लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर थे। और राष्ट्रपति भवन में घुस गए थे।
Bangladesh हिंसक आंदोलन के 3 सबसे बड़े अपडेट्स
- प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में दाखिल हुए। तोड़फोड़ और आगजनी की।
- राजधानी ढाका में 4 लाख लोग सड़कों पर हैं, जगह-जगह तोड़फोड़ की जा रही है।
- पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में सोमवार को 6 लोग मारे गए। प्रदर्शनकारियों ने 2 हाईवे पर कब्जा किया। अब तक 300 लोगों की जान गई है। इनमें ज्यादातर छात्र हैं।
- BSF ने भारत-बांग्लादेश पर अलर्ट बढ़ा दिया है।
छात्र नेताओं की ओर से किए गए ‘ढाका तक लॉंग मार्च’ के आह्वान पर हज़ारों लोग ढाका के उपनगरीय इलाक़ों की ओर कूच कर रहे हैं। हज़ारों लोग शाहबाग़ की ओर पैदल और रिक्शा से मार्च कर रहे हैं।मार्च करने वालों में काफ़ी संख्या में महिलाएं भी हैं।
शाहबाग़ का इलाक़ा आवागमन का एक बड़ा हब है और शहर का केंद्र है, यहां कई पार्क और विश्वविद्यालय हैं।
सेना सड़कों पर तैनात है लेकिन वो मार्च करने वलों को रोक नहीं रही है और दोपहर बाद से ही सड़कों पर पुलिस की मौजूदगी बहुत कम देखी जा रही है।
Bangladesh आर्मी चीफ़ ने क्या कहा?
- आर्मी चीफ़ जनरल वकार-उज़-ज़मान ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि देश में एक अंतरिम सरकार की स्थापना होगी.
- उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने अलग अलग पक्षों से बात भी की है.
- आर्मी चीफ़ ने देश को संबोधित करते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
- सैन्य प्रमुख ने कहा कि बांग्लादेश में आंदोलन में जो लोग मारे गए हैं, उनके लिए इंसाफ़ होगा
प्रदर्शनकारियों ने ढाका में हसीना के आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया है
ऐसे वीडियो फ़ुटेजे सामने आ रहे हैं जिसमें दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी शेख़ हसीना के आधिकारिक आवास गण भवन में घुसकर लूटपाट कर रहे हैं।कुछ प्रदर्शनकारी कुर्सियां और सोफ़े ले जाते दिख रहे हैं।सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच भिड़ंत में पिछले महीने में लगभग 300 लोग मारे गए थे।
रविवार को दोबारा शुरू हुई हिंसा में कम से कम 90 लोग मारे गए हैं.
Bangladesh में जुलाई महीने से ही छात्र आंदोलन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि देश में ज़्यादातर बड़े सरकारी नौकरी में मौजूद आरक्षण को ख़त्म किया जाए। हालाँकि छात्रों के आंदोलन के बाद शेख़ हसीना सरकार ने कुछ कोटे को कम ज़रूर किया है, लेकिन लगातार जारी हिंसा के बीच छात्र प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के इस्तीफ़े की मांग पर अड़े हुए थे।
छात्रों के हिंसक आंदोलन में बांग्लादेश में अब तक क़रीब 300 लोगों की मौत हो चुकी है. इस आंदोलन पर काबू पाने के लिए पिछले महीने ही सरकार ने सेना को बुलाया था। रविवार से छात्रों ने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन की अपील कर रखी थी।
इसमें लोगों से सरकारी टैक्स न देने की अपील की गई थी।
ख़बरों के मुताबिक़ हज़ारों आंदोलनकारी प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के सरकारी आवास पर पत्थरबाज़ी कर रहे हैं।
इंटरनेट शटडाउन
खबरों के मुताबिक, बांग्लादेश सरकार ने पूरे देश में इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के आदेश दिए हैं।
बांग्लादेश में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली न्यूज़ वेबसाइट ढाका ट्रिब्यून और उसकी सहयोगी प्रकाशन कंपनी बांग्ला ट्रिब्यून दोनों ऑफलाइन हो गई हैं।
एक और न्यूज़ वेबसाइट द डेली बांग्ला स्टार भी डाउन है।
रेगुलेटरी आंकड़ों के मुताबिक़- Bangladesh की एक बड़ी आबादी लगभग 17 करोड़ लोग इंटरनेट सेवाओं का प्रयोग करते हैं।
अंशाति को देखते हुए यह सप्ताह में दूसरी बार है जब देश के एक हिस्से में इंटरनेट सेवाओं को रोका गया है।
एएफपी समाचार एजेंसी मुताबिक बांग्लादेश में प्रदर्शन शुरू होने के बाद से अब तक 300 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें रविवार को हुए प्रदर्शन के दौरान हुई मौतें भी शामिल हैं।
एएफपी के आंकड़े पुलिस की ओर से जारी की गई रिपोर्ट्स पर आधारित हैं।
बांग्लादेश प्रदर्शन को लेकर भारत क्यों चुप है?
भारत में बीबीसी संवाददाता सौतिक बिस्वास के अनुसार, विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा पर दिल्ली की चुप्पी आश्चर्यजनक नहीं है।
एक तो, भारत आम तौर पर उन देशों में राजनीतिक संकटों या संवेदनशील आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने से बचता है जिनके साथ उसके घनिष्ठ संबंध हैं।
इसके अलावा, Bangladesh में अस्थिर समय के दौरान, दिल्ली का लक्ष्य अपने कर्मियों और हितों की रक्षा करना है.
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत विरोधी भावना भड़क सकती है, खासकर सरकारी आलोचकों में जो दिल्ली के साथ ढाका के करीबी संबंधों का विरोध करते हैं।
इस प्रकार, भारतीय अधिकारी ऐसे कार्यों से बचते हैं जो बांग्लादेश के साथ उनके संबंधों को उजागर कर सकते हैं, खासकर जब ढाका में गुस्सा और विरोध बढ़ रहा हो।
यह भी पढ़ें ……हरियाणा में Cabinet Meeting जारी, अग्निवीरों के लिए आरक्षण को मिल सकती है मंजूरी