मध्यप्रदेश: चंबल का जलस्तर बढ़ा, किनारे के गांव खाली कराने के आदेश, 12 जिलों में बारिश का अलर्ट
मध्य प्रदेश में 8 अगस्त के बाद फिर से तेज बारिश शुरू हो सकती है। फिलहाल दो मौसमी सिस्टम बने हुए हैं, जिनके कारण राज्य के पूर्वी हिस्से में बारिश हो रही है। हवा में नमी के कारण स्थानीय मौसमी सिस्टमों से हल्की बारिश भी हो सकती है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले दिन रीवा और सतना समेत 12 जिलों में भारी बारिश हो सकती है.
मौसम विशेषज्ञ ने बताया कि आसमान में एक रेखा है जो बड़े पहाड़ों के करीब चली गई है. इससे कम वायुदाब वाला क्षेत्र बन गया है। इन चीजों की वजह से राज्य के पूर्वी हिस्से के मौसम में कुछ बदलाव हो सकते हैं. कुछ जगहों पर भारी बारिश भी हो सकती है.
चंबल में कोटा बैराज से छोड़ा गया पानी
कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण राजस्थान में चंबल नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। मंगलवार सुबह मुरैना में पानी 123.40 मीटर पर था और सोमवार शाम को उसैद-पिनाहट घाट पर 118 मीटर से ऊपर था. 138 मीटर तक पहुंचने पर नदी खतरनाक हो सकती है।
शनिवार से सोमवार रात तक राजस्थान के कोटा बैराज के सात गेट खोलकर 9563 क्यूसेक पानी को छोड़ा गया है। अभी दो दिन और कोटा बैराज से पानी छोड़ा जाएगा। ऐसे में प्रशासन ने चंबल किनारे बसे गांवों को खाली कराने के लिए आदेश जारी कर दिया है। इन गांवों में घेर, बीलपुर, कुथियाना सहित अन्य गांव शामिल हैं।
पिछले साल भारी बारिश के कारण नदी में बहुत पानी था. यह अपेक्षा से अधिक ऊपर चला गया और नदी के कारण गाँव के लिए एक बड़ी समस्या पैदा हो गई। चम्बल नदी ने किनारे के गांवों को काफी नुकसान पहुंचाया।
MP में सामान्य से 5% बारिश ज्यादा
भारत का एक राज्य मध्य प्रदेश में 1 जून से अब तक 5% ज्यादा बारिश हुई है. लेकिन राज्य के पूर्वी हिस्से में 9% कम बारिश हुई है, जबकि पश्चिमी हिस्से में 13% ज्यादा बारिश हुई है.
इन जिलों में सबसे ज्यादा बारिश
सिवनी और नरसिंहपुर में खूब बारिश हुई और क्रमश: 28 इंच और 27 इंच बारिश हुई. छिंदवाड़ा, हरदा, इंदौर, नर्मदापुरम, सीहोर और रतलाम में भी खूब बारिश हुई और इन जगहों पर 24 इंच से ज्यादा बारिश हुई.
बालाघाट, मंडला, सागर, बैतूल, बुरहानपुर, रायसेन, शाजापुर, उज्जैन और विदिशा में कुछ स्थानों पर यह संख्या 20 इंच या इससे अधिक है।
भारत में कुछ जगहों पर माप लिया गया और पता चला कि किसी चीज़ की लंबाई या आकार 16 इंच से बड़ा था। इन स्थानों में अनूपपुर, डिंडोरी, जबलपुर, शहडोल, आगर-मालवा, अलीराजपुर, भिंड, भोपाल, गुना, झाबुआ, राजगढ़, राजगढ़, श्योपुर और शिवपुरी शामिल हैं।
इन जिलों में सबसे कम बारिश
सतना, रीवा, सिंगरौली, अशोकनगर, ग्वालियर और दतिया जैसी जगहों पर ज्यादा बारिश नहीं होती और 10 इंच से भी कम बारिश होती है।
(1 जून से 31 जुलाई तक की बारिश)
मध्यप्रदेश में कैसे रहेंगे अगले 24 घंटे
सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, सिवनी, मंडला, बालाघाट और पन्ना नाम के 12 अलग-अलग इलाकों में बहुत तेज बारिश हुई.
भोपाल, इंदौर और उज्जैन जैसे कुछ इलाकों में हल्की बारिश होगी. लेकिन ग्वालियर और जबलपुर जैसे अन्य स्थानों पर मौसम साफ रहेगा। कुछ इलाकों में हल्की बारिश की भी संभावना हो सकती है.
MP के 5 बड़े शहरों में मौसम का हाल
- भोपाल: हवा में कुछ नमी के साथ धूप और गर्मी रहेगी।
- इंदौर: गर्मी और उमस रहेगी, लेकिन संभवत: बहुत अधिक भारी बारिश नहीं होगी।
- ग्वालियर: ज्यादा बारिश नहीं होने वाली है. सूरज निकलेगा.
- जबलपुर: शहर और आसपास के इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है. उस पूरे क्षेत्र में आसमान बादलों से ढका रहेगा.
- उज्जैन: आसमान में खूब बादल रहेंगे। कुछ इलाकों में हल्की बारिश भी हो सकती है.