मप्र: कूनो में दक्षिण अफ्रीका से फिर लाए जाएंगे चीते? गांधीसागर अभ्यारण्य में शुरू होगी चीता सफारी
पिछले साल अपने जन्मदिन पर भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से 8 चीते लाए और उन्हें कूनो में छोड़ा। इसके बाद वह दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लेकर आये. अफसोस की बात है कि इनमें से 5 चीतों की मौत हो चुकी है।
कूनो में चीता सफारी अभी तक शुरू नहीं हुई है क्योंकि दक्षिण अफ्रीका में कुछ चीतों की दुखद मृत्यु हो गई है। लेकिन चिंता का विषय कूनो में सफारी शुरू होने से पहले सबसे पहले गांधीसागर में शुरू होगी। गांधीसागर में सफारी के लिए सब कुछ तैयार करने का काम लगभग पूरा हो चुका है। दिसंबर में एक समझौते के तहत दक्षिण अफ्रीका से 10 चीतों का एक नया समूह आएगा। प्रभारी श्री संजय रायखेरे का कहना है कि वे चीतों को सुरक्षित रखने के लिए बाड़ बनाने में बहुत पैसा खर्च कर रहे हैं। नवंबर तक सब कुछ तैयार हो जाएगा और हम चीतों का स्वागत कर सकते हैं।’ हम सभी के आनंद के लिए गांधीसागर में एक सफारी भी आयोजित करेंगे।
कूनो में कब शुरू होगी सफारी
मप्र के पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ पद से हटाए गए जसबीर सिंह चौहान कहते हैं कि तैयारियां एडवांस स्टेज में थीं. अब यह सरकार को तय करना है कि गांधीसागर में चीते कूनो से भेजें या दूसरी किस्त में आने वालों को भेजा जाए. गांधीसागर में चीते बसाने की तैयारी दो साल से चल रही थी.
गांधीसागर क्षेत्र में 15 तेंदुए और अन्य जानवर हैं। जब लोगों ने वहां चीता लाने की बात की तो उन्हें चिंता हुई कि क्या दोनों जानवर एक साथ रह सकेंगे। लेकिन उन्हें कूनो से पता चला कि आसपास तेंदुए होने पर भी चीतों को पर्याप्त भोजन मिल जाता था। वन अधिकारी ने कहा कि उन्होंने सुनिश्चित किया है कि गांधीसागर में तेंदुओं और चीतों दोनों के लिए पर्याप्त भोजन हो। वे 266 चीतल लाए, जो एक प्रकार के हिरण हैं, और 150 से अधिक नीलगाय और चिंकारा भी हैं।
कूनो में चीतों और शावकों की मौत
पिछले साल अपने जन्मदिन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से आठ चीतों को कूनो में छोड़ा था. फिर, वह दक्षिण अफ्रीका से बारह और चीते लाए। सभी बीस चीतों में से पांच की मौत हो चुकी है और दुख की बात यह है कि यहां जन्मे चार शिशु चीतों में से तीन की भी मौत हो चुकी है।