CM मोहन यादव ने किया अंतर्राष्ट्रीय बाघ (Tiger) दिवस के मौके पर वनकर्मियों का सम्मान
भोपाल। अंतरराष्ट्रीय बाघ (Tiger) दिवस पर भोपाल में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने बाघ (Tiger) दिवस के मौके पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि बाघों के प्राकृतिक आवास को सहेजते हुए बाघों के सरंक्षण को बढ़ावा देना हम सबकी जिम्मेदारी है।
कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में ये राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। साथ ही कार्यक्रम स्थल पर बाघों पर केंद्रित प्रदर्शनी लगाई गई। 785 बाघों के साथ मप्र को हासिल है ‘टाइगर स्टेट’ होने का गौरव।
आज अंतरराष्ट्रीय बाघ (Tiger)दिवस है। इस मौके पर राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार (मिंटो हॉल) में विशेष राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल हुए। यहां पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाघों पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन भी किया।
गौरतलब है कि मप्र में बाघों की संख्या 785 है, जो देश में सर्वाधिक है। इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान वन्य प्राणियों के संरक्षण में उल्लेखनीय काम करने वाले वनकर्मियों व अफसरों का सम्मान किया। प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री राम निवास रावत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। राज्यमंत्री कृष्णा गौर भी कार्यक्रम के मंच पर मौजूद रहीं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा
“बाघ का नाम लेते ही रोमांच और आनंद का अनुभव होता है। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे प्रदेश की कैपिटल सब पर भारी पड़ रही है। ये सुखद संयोग है कि हमारे यहां दिन में सड़कों पर मनुष्य घूमते हैं और रात में बाघ। देश में कोई राजधानी ऐसी नहीं हैं, जहां रात में बाघों का ऐसा विचरण होता है। “
जानिये मुख्यमंत्री ने क्या- क्या कहा
राज्यों से जैसे हमारी राजधानी विशिष्ट हैं, वैसे ही बाघों की संख्या के मामले में भी हम विशिष्ट हैं। 20 प्रतिशत से ज्यादा बाघ हमारे प्रदेश में हैं। वन विभाग ने तो कमाल ही कर दिया है, विभाग के प्रयासों से मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या अब तीन गुना तक पहुंच गई है।
सीएम डॉ. यादव ने आगे कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए सफल प्रयास हो रहे हैं। एशिया में चीता कहीं मिले या न मिले, लेकिन मप्र में चीता भी है। इससे इको-सिस्टम में तो सुधार होगा ही, साथ ही जंगल की सुरक्षा भी होगी। आज मध्यप्रदेश में 7 टाइगर रिजर्व हैं। 25 लाख से ज्यादा पर्यटक प्रतिवर्ष प्रदेश में आते हैं। इससे 55 करोड़ से 60 करोड़ रुपये का राजस्व प्रदेश को प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि वन विभाग ने अनाथ बाघों व शावकों को प्राकृतिक परिवेश में संरक्षित करते हुए कान्हा टाइगर रिजर्व में पुनर्स्थापित किया है। कई वन्यप्राणी ऐसे हैं जो काल के प्रभाव में विलुप्त हो रहे हैं… उनके पुनर्स्थापन का भी हम प्रयास करेंगे।
बाघ (Tiger) संरक्षण को बढ़ावा देने की अपील
इस कार्यक्रम से पूर्व आज सुबह मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों को बाघ दिवस के मौके पर शुभकामनाएं दीं और कहा कि ‘टाइगर स्टेट’ की उपलब्धि हासिल कर मप्र ने इको-टूरिज्म की ओर कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों ने बाघों के प्राकृतिक आवास को सहेजने के साथ बाघ संरक्षण को बढ़ावा देने की भी अपील की।
उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा –
‘विश्व बाघ दिवस’ की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। हम सभी जानते हैं कि मध्यप्रदेश ‘टाइगर स्टेट’ अर्थात भारत के अधिकांश बाघों का घर है। मध्यप्रदेश ने अपनी इस उपलब्धि से ईको-टूरिज्म की ओर तेजी से कदम बढ़ाए हैं। इसलिए हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है कि बाघों के संरक्षण को बढ़ावा दें, उनके प्राकृतिक आवासों की रक्षा करें तथा पर्यावरण संतुलन की दिशा में सदैव कार्य करते रहें।’
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