MP CABINET EXPANSION: सीएम दिल्ली पहुंचे, नड्डा-शाह से मिलेंगे: मंत्रियों को मिल सकते हैं जिलों के प्रभार; दिल्ली से लगेगी नामों पर मुहर
8 महीनें पुराने मोहन यादव मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की हलचल, CM आज नड्डा-शाह से मिलेंगे।
MP CABINET EXPANSION: आठ महीने पुराने मोहन यादव मंत्रिमंडल में फेर बदल की हलचल हैं, ताज़ा बदलाव में आधा दर्जन से ज्यादा नए चेहरे शामिल किये जाने की सम्भावना हैं, साथ ही इससे भाजपा के कुछ नाराज़ विधायकों को संतुष्ट करने की कोशिश की जा रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार सुबह 10 बजे दिल्ली पहुंचे हैं। वे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित पार्टी के सीनियर लीडर्स से मुलाकात कर सकते हैं। सीएम के इस दिल्ली दौरे में मध्यप्रदेश के मंत्रियों को प्रभार के जिलों की लिस्ट पर मुहर लग सकती है।
मुख्यमंत्री यादव को मंगलवार शाम को ही दिल्ली जाना था लेकिन किसी कारण से दौरा कैंसिल हो गया था। अब मोहन कैबिनेट में शामिल मंत्रियों को सरकार गठन के छह महीने बाद जिलों का प्रभार दिया जा सकता है। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में मंत्री अपने प्रभार के जिलों में ध्वजारोहण कर सकते हैं।
क्षेत्रीय, जातिगत समीकरण, सीनियरिटी का ख्याल रखा जाएगा
सूत्रों की मानें तो मंत्रियों को जिलों का प्रभार देने में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों के साथ ही सीनियरटी का भी ध्यान रखा जाएगा। यह भी देखा जाएगा कि प्रभार के जिलों की दूरी इतनी हो कि महीने में तीन से पांच दौरे किए जा सकें।
किस मंत्री को कहां का मिल सकता है प्रभार
भोपाल
राजधानी भोपाल जिले का प्रभार नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग व संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय को दिया जा सकता है। विजयवर्गीय की सीनियरिटी और प्रशासनिक व राजनैतिक अनुभव को देखते हुए भोपाल का प्रभारी मंत्री बनाया जा सकता है।
उज्जैन
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन का प्रभार डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा को दिया जा सकता है। देवड़ा शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल में उज्जैन के प्रभारी मंत्री रह चुके हैं। उज्जैन में 2028 के सिंहस्थ और जिले के समीकरणों की समझ होने के चलते फिर से प्रभारी मंत्री बनाया जा सकता है।
इंदौर
मप्र की आर्थिक राजधानी इंदौर जिले में डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला या स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह को प्रभारी मंत्री बनाया जा सकता है। इंदौर के राजनैतिक समीकरणों और तमाम व्यापारिक गतिविधियों को देखते हुए इन दोनों मंत्रियों में से किसी एक को जिम्मा दिया जा सकता है।
जबलपुर
पंचायत मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को जबलपुर जिले का प्रभार दिया जा सकता है। प्रहलाद पटेल नरसिंहपुर से विधायक हैं। वे जबलपुर से सटी दमोह लोकसभा से सांसद भी रह चुके हैं। उनकी सीनियरिटी को देखते हुए जबलपुर का प्रभार दिया जा सकता है।
सागर
PWD मंत्री राकेश सिंह को जबलपुर जिले की जिम्मेदारी दी जा सकती है। सागर के स्थानीय राजनैतिक समीकरणों को साधने के लिए राकेश सिंह को प्रभारी मंत्री बनाया जा सकता है। वे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं लिहाजा जिले के विधायकों और नेताओं के बीच समन्वय स्थापित कर सकेंगे।
ग्वालियर
मप्र की राजनीति के अहम केन्द्र ग्वालियर जिले का प्रभार देने में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर की पसंद का ध्यान रखा जाएगा। ऐसे में यहां इंदर सिंह परमार या रामनिवास रावत में से किसी एक को प्रभारी मंत्री बनाया जा सकता है। रावत सिंधिया और तोमर दोनों के करीबी माने जाते हैं।
मंत्री रामनिवास रावत के विभाग पर भी फैसला
विजयपुर से कांग्रेस के टिकट पर छठवीं बार के विधायक रामनिवास रावत 8 जुलाई को मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। नौ दिन बाद भी रावत को विभाग नहीं दिया जा सका है। सीएम के आज दिल्ली दौरे में रावत का विभाग भी तय हो सकता है। हालांकि, रावत विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं।