इंदौर में डायग्नोस्टिक सेंटर ने Doctors के खिलाफ डाली विवादित पोस्ट, मचा बवाल
इंदौर के डायग्नोस्टिक सेंटर ने Linkedln पर पोस्ट की, जिसमें लिखा था- महंगी जाचों में देश के Doctors को 40-60% कमीशन मिलता है। इस पोस्ट से सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA, Indore) ने डायग्नोस्टिक सेंटर के डायरेक्टर अर्पित कोठारी को नोटिस जारी कर दिया। करीब 14 घंटे बाद रविवार को पोस्ट डिलीट कर दी गई।
शनिवार को अपलोड हुई इस पोस्ट में डायग्नोस्टिक सेंटर ने ये भी लिखा था कि हम कमीशन पर विश्वास नहीं रखते। हम रेट कम रखकर इसका सीधा फायदा मरीजों को देते हैं। सेंटर डॉक्टर द्वारा रेफर किए गए मरीजों को लेकर न दबाव में आता और न ही समझौता करता है। हम Doctors के कहने पर सर्जरी या महंगा ट्रीटमेंट बताकर मुनाफा नहीं कमाते।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ. नरेंद्र पाटीदार और डॉ. अक्षत पांडे ने डायग्नोस्टिक सेंटर के अर्पित कोठारी को नोटिस जारी कर Linkedln पर माफी मांगने के लिए कहा है। नोटिस में कहा गया, आपकी इस आपत्तिजनक पोस्ट से डॉक्टरों का एक बड़ा वर्ग परेशान है। इंदौर में समर्पित Doctors की मेहनत, ईमानदारी पर सवाल खड़े कर उन्हें गुनाहगार बता दिया। आपकी पोस्ट बहुत निराशाजनक और अप्रत्याशित प्रतिक्रिया है। इसे लेकर Linkedln पर माफी के साथ स्पष्टीकरण दें। आपने डॉक्टरी जैसे नोबल प्रोफेशन को दोषी बताकर हमें बदनाम किया है।
कम रेट पर लोगों ने किए सवाल
एक कमेंट के रिप्लाई पर मचा बवाल
डायग्नोस्टिक सेंटर ने पहले खुद के रेट और दूसरे सेंटरों के रेट बताए, जिस पर यूजर्स ने रिएक्ट करना शुरू कर दिया। 14 घंटों में 5 लाख से ज्यादा लाइक्स और 200 से ज्यादा कमेंट्स आए। नीरज अग्रवाल नाम के यूजर ने सवाल किया – हाल ही में मैंने अपनी चाची का इंदौर में एक प्राइवेट सेंटर से एमआरआई ब्रेन स्कैन करवाया। इसके 7 हजार रु. लगे। आप यही जांच इतने कम रेट में कैसे करते हो।
नीरज को जवाब देते हुए डायग्नोस्टिक सेंटर के डायरेक्टर अर्पित कोठारी ने लिखा – यह देश का दुर्भाग्य है कि यहां महंगी जाचों का 40-60% कमीशन डॉक्टरों का होता है।
डायरेक्टर के पोस्ट के बाद Doctors आक्रोशित हो गए। पोस्ट के कमेंट सेक्शन में विरोध शुरू हो गया।
Doctors-मेडिकल ग्रुपों में वायरल होने लगी पोस्ट
डायग्नोस्टिक सेंटर की पोस्ट डॉक्टरों और अन्य मेडिकल ग्रुपों पर भी वायरल होने लगी। डायरेक्टर अर्पित कोठारी ने दैनिक भास्कर को बताया, हमारे यहां एमआरआई, सिटी स्कैन के रेट दूसरे सेंटरों से काफी कम हैं। Linkedln पर किसी मरीज ने इसे लेकर कुछ पूछा था। इस पर मेरे सोशल मीडिया और मार्केटिंग मैनेजर ने रिप्लाई किया था। इसमें कुछ चीजें लोगों को बुरी लगी। नए मैनेजर ने लिखने में कुछ गलती कर दी। किसी की भावना को ठेस नहीं लगे इसलिए रविवार को पोस्ट ही डिलीट कर दी।
डॉक्टर मेहनती, ईमानदार और समर्पित होते हैं
डायरेक्टर ने माफी मांगते हुए पत्र में लिखा, मामला संज्ञान में आने पर मैंने तुरंत पोस्ट डिलीट करवा दी। इसके लिए जिम्मेदार मार्केटिंग मैनेजर ने भी भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले बयानों के लिए माफी मांगी है। हमने उसे हटा दिया है। मेरे परिवार में 10 डॉक्टर हैं। Doctors बहुत मेहनती, ईमानदार और समर्पित होते हैं। मैं और मेरी टीम इस पेशे का सम्मान करते हैं। हमारी सोशल मीडिया टीम अनजाने में हुई इस गलती पर माफी मांगती है।
बिजनेस बढ़ाने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाते हैं
आईएमए अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र पाटीदार का कहना है कि 1994 में इंदौर में सबसे पहले एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एमआरआई की जांच शुरू हुई थी। तब इसकी जांच 5 हजार रुपए में होती थी। अब इसकी जांच 6500 रुपए में होती है। यानी 29 सालों में इसके रेट 1500 रुपए बढ़े हैं। संबंधित सेंटर के रेट इसलिए कम होंगे कि वहां ज्यादा जांचें की जाती हैं। साथ ही सेंटर ने अपने अन्य खर्चे कम किए होंगे। इसके चलते रेट कम रखे हैं।
डॉ. पाटीदार ने कहा, मैं कॉर्पोरेट में काम करता हूं इसलिए मुझे जानकारी नहीं है। मीडिया व अन्य माध्यमों से ऐसी बातें पता चलती हैं तो यह जांच का विषय है। जहां तक 50-60% कम रेट पर जांच समझ से परे हैं, क्योंकि अब मेडिकल में खर्चे बहुत बढ़ गए हैं। संबंधित सेंटर आईएमए के सदस्य नहीं हैं, लेकिन पोस्ट Doctors को आहत करने वाली थी। इसलिए सेंटर को माफी मांगने के लिए पत्र लिखा था।
सेंटर डायरेक्टर अर्पित कोठारी ने स्पष्ट किया कि इन सारे रेट को लेकर नियम-शर्ते हैं। ये रेट सिर्फ सुबह 9 बजे से 11 बजे के बीच फोन पर या ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने वालों के लिए ही हैं। सीटी स्कैन की यह सुविधा हमारे सिर्फ एक सेंटर पर और एमआरआई दो सेंटरों पर है। इसका फायदा रोजाना करीब 10 -12 मरीजों को मिलता है। लोगों ने पोस्ट में इन नियम-शर्तों पर ध्यान नहीं दिया। (Doctors)
रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ अस्पतालों से रेट जाने तो डायग्नोस्टिक सेंटरों के रेट की तुलना में अस्पतालों में जांचों के रेट 10-15% अधिक हैं।
सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट से सस्ती जांचें
सोशल मीडिया पर भले ही Doctors की कमीशनखोरी को लेकर पोस्ट से बहस छिड़ गई है। लेकिन इस बात से इनकार भी नहीं किया जा सकता। इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल में ये जांचें अन्य प्राइवेट सेंटरों की तुलना में 40-50% कम रेट पर हैं।
कई सेंटरों पर पर्ची बनाने के दौरान ही परिजन और मरीज से पूछ लिया जाता है कि इलाज करने वाला डॉक्टर कौन है। पर्ची पर उस डॉक्टर का नाम भी होता है। रोजाना किन डॉक्टरों के रेफर किए हुए कितने मरीज आते हैं, इसका हिसाब किया जाता है। यह जरूरी नहीं है कि डॉक्टर संबंधित सेंटर का नाम लेकर भेजे। कई सेंटरों का Doctors से समन्वय रहता है। इसमें 10% से 25% तक का कमीशन होता है।