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DAVV : बीएड का बिगड़ा रिजल्ट छात्रों ने किया हंगामा, 10 हजार में से केवल 4 हजार स्‍टूडेंट्स पास, 6 हजार को एटीकेटी

DAVV इंदौर के देवी अहिल्‍या विवि में इस बार 6 हजार स्‍टूडेंट्स को एटीकेटी आई है। केवल 4 हजार की पास हो पाए हैं। ये रिजल्‍ट बीएड के पहले सेमेस्‍टर का है। रिजल्ट आने के बाद कॉलेजों ने भी विश्वविद्यालय पर निशाना साधा है।

इंदौर DAVV देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) के सेकंड सेमेस्टर के रिजल्ट में गड़बड़ी का मामला प्रबंधन के लिए गले की हड्‌डी बन गया है। सोमवार को बीएड छात्रों ने बड़ी संख्या में नालंदा परिसर पहुंचकर प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप था कि पास होने के लिए एक विषय में अनिवार्य 26 अंक लाने के बावजूद उन्हें एटीकेटी दे दी गई।

छात्रों का कहना था एक ही विषय लर्निंग एंड टीचिंग में ज्यादातर छात्रों को एटीकेटी दे दी गई। इसकी जांच होना चाहिए। साथ ही 26 पर एटीकेटी हटाकर पास किया जाना चाहिए। यही नियम में भी है और बीएड के प्रश्न-पत्र में भी पासिंग अंक 26 ही हैं। हंगामे के बीच पुलिस बल भी पहुंच गया था। काफी देर तक छात्र धरने पर बैठे रहे। एबीवीपी कार्यकर्ता भी इस दौरान यूनिवर्सिटी पहुंच गए थे।

DAVV
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय

रिजल्‍ट बिगड़ने के बाद मूूल्‍यांकन पर सवाल खड़े।

दरअसल, गड़बड़ी मूल्यांकन स्तर पर हुई, लेकिन विवाद और आरोप-प्रत्यारोप के चलते उन छात्रों की मुसीबत बढ़ गई है, जिनका रिजल्ट बिगड़ गया। बताते हैं कि जिन तीन विषयों की कॉपियां दोबारा जंचवाई गईं, उसमें दबाव में कई छात्रों के नंबर कम कर दिए गए। हालांकि कुलपति प्रो. नरेंद्र धाकड़ का कहना है कि इस मामले में गड़बड़ी करने वाले मूल्यांकर्ता और अन्य जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई के लिए ही कमेटी बनाई है। जहां तक छात्रों का सवाल है, किसी भी छात्र के साथ अन्याय नहीं होगा। रिव्यू का विकल्प भी छात्रों के पास है। 26 और 27 अंक के मामले में भी जल्द निर्णय लेंगे।

एबीवीपी ने कहा- गड़बड़ी करने वालों पर हो कार्रवाई

दरअसल, बीएड सेकंड सेमेस्टर का रिजल्ट 10 मई को घोषित किया गया। इसमें 59 फीसदी छात्र पास हुए हैं, लेकिन इससे पहले जो रिजल्ट तैयार किया गया था, उसमें 96 फीसदी छात्र पास हुए थे। उस रिजल्ट को आपत्ति के बाद रोक लिया गया था। दोबारा जांच में 35 फीसदी छात्रों को एटीकेटी आ गई। इसी के आधार पर एबीवीपी ने उन जिम्मेदारों पर कार्र‌वाई की मांग की है, जिन्होंने पहले मूल्यांकन किया था और 96 फीसदी को पास कर दिया था। कुलपति ने एबीवीपी के हंगामे के बाद बैठक बुलाकर एडिशनल डायरेक्टर प्रो. केएन चतुर्वेदी की अध्यक्षता में कमेटी बना दी। कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।

DAVV आरोप है कि कॉपियां ठीक से नहीं जांची जाती हैं

अशासकीय शिक्षा महाविद्यालय संचालक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि मूल्यांकन ठीक से नहीं किया जाता है। विषय विशेषज्ञों से कापियां नहीं जांचवाई जाती है। परीक्षा नियंत्रक डाॅ. अशेष तिवारी का कहना है कि हर बार की तरह ही रिजल्ट आया है। 40-42 प्रतिशत विद्यार्थी ही पास होते हैं।

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