कोरोना के साथ साथ कैंसर और हार्ट पेशेंट के लिए ‘वैक्सीन’ बनाने की कवायद, अमेरिकी फर्म का दावा
फार्मास्युटिकल कंपनी मॉडर्ना के चीफ ने कहा कि उनका मानना है कि ये फर्म 5 सालों में सभी तरह की बीमारियों के लिए इलाज की पेशकश करने में योग्य साबित होगी.
क्या कैंसर और दिल की बीमारी का इलाज भी वैक्सीन से किया जा सकेगा? दरअसल ये दावा अमेरिकी एक्सपर्ट्स ने किया है. उनका कहना है कि कैंसर सहित कई बीमारियों का इलाज वैक्सीन की मदद से किया जा सकेगा. इससे न सिर्फ लाखों लोगों की जान बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि उनके स्वास्थ्य में सुधार होने की संभावना भी बढ़ जाएगी. अमेरिका की एक प्रमुख फार्मास्युटिकल फर्म ने कहा कि उसे पूरा यकीन है कि कैंसर, दिल और ऑटोइम्यून बीमारियों सहित कई गंभीर रोगों के लिए वैक्सीन्स साल 2030 तक तैयार हो जाएंगी.
कुछ रिसर्चर्स का कहना है कि 15 सालों की प्रगति को 12 से 18 साल में हासिल कर लिया गया है. ऐसा सिर्फ कोविड वैक्सीन की वजह से हुआ है. फार्मास्युटिकल कंपनी मॉडर्ना के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. पॉल बर्टन ने कहा कि उनका मानना है कि ये फर्म 5 सालों में सभी तरह की बीमारियों के लिए इलाज की पेशकश करने में योग्य साबित होगी. कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने वाली ये फर्म अब ऐसी वैक्सीन को विकसित करने में जुटी है, जो अलग-अलग कैंसर ट्यूमर को टारगेट कर सके.
कैंसर के खिलाफ वैक्सीन!
बर्टन ने कहा कि हमारे पास कई बीमारियों की वैक्सीन होगी, जो काफी इफेक्टिव साबित होगी और सैकड़ों लोगों की जान बचाने में हमारी मदद करेगी. उन्होंने कहा, ‘मुझे ऐसा लगता है कि हमारी फर्म दुनिया भर के लोगों को कैंसर के अलग-अलग प्रकार के ट्यूमर के खिलाफ वैक्सीन देने में सक्षम होगी.’ उन्होंने यह भी कहा कि एक ही इंजेक्शन की मदद से कई रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन्स को कवर किया जा सकता है. कमजोर लोगों को कोविड-19 सहित फ्लू और रेस्पिरेटरी सिंकिटियल वायरस (RSV) से बचाया जा सकेगा. mRNA थेरेपी की बात करें तो ये उन दुर्लभ बीमारियों के लिए अवेलेबल हो सकती है, जिनके लिए अभी कोई दवा मौजूद नहीं है. एमआरएनए पर बेस्ड ट्रीटमेंट शरीर में मौजूद सेल्स को बताते हैं कि उस प्रोटीन को कैसे बनाया जाए, जो किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए शरीर के इम्यून रिस्पॉन्स को ट्रिगर कर सकता है.
दुर्लभ बीमारियों के लिए आएगा इलाज!
बर्टन ने कहा कि मुझे लगता है कि हमारे पास दुर्लभ बीमारियों के लिए एमआरएनए-बेस्ड थेरेपीज़ होंगी, जो पहले नहीं थीं. मुझे यह भी लगता है कि आज से 10 साल बाद हम एक ऐसी दुनिया में कदम रखेंगे, जहां आप किसी बीमारी के आनुवंशिक कारण की आसानी से पहचान कर सकेंगे. हालांकि साइंटिस्ट ने चेतावनी दी है कि जितनी तेजी से तरक्की हुई है, अगर उसके लिए निवेश को बरकरार नहीं रखा जाता है, तो ये बर्बाद हो जाएगा.