भोपाल में माइग्रेंट लेबर के 50 से अधिक बच्चों को पढ़ाती है ये महिला एडवोकेट (Teaching), पुलिस देती है सुरक्षा
कार के हॉर्न की आवाज सुनते ही मासूम चेहरे खिलखिला उठते हैं (Teaching)। यह दृश्य लालघाटी स्थित फ्लाई ओवर के नीचे दिखाई देता है, जहां माइग्रेंट लेबर के बच्चों को पढ़ाती (Teaching) हैं एडवोकेट विनीता सिंह। उन्होंने करीब 11 महीने पहले इस फ्लाई ओवर पाठशाला को शुरू किया था।
बताया कि यहां माइग्रेंट लेबर के बच्चे रहते हैं, जिन्हें वह पढ़ाती हैं। इस फ्लाई ओवर के नीचे हमने एक पूरा स्कूल बनाया हुआ है। यहां पर हम 20 से 50 बच्चों को रोजाना पढ़ाते हैं। यह बच्चे रोजाना हमारा इंतजार करते हैं। बता दें, इस इलाके में 50 से अधिक घुमक्कड़ जनजातीय लोग निवास करते हैं। जिनके करीब 70 से अधिक बच्चे इलाके में रहते हैं।
पहली बार राख के कोयले से कराई पढ़ाई (Teaching)
विनीता कहती हैं कि इसका आइडिया करीब साल भर पहले आया था, जब हम इस इलाके में एक सर्वे करने आए थे कि बच्चों के आधार कार्ड बने हैं कि नहीं बने। पता चला कि यहां किसी भी बच्चों का आधार कार्ड नहीं हैं, इसलिए वह पास के सरकारी स्कूल में नहीं जा सकते हैं। वहीं एक बच्ची ने हमसे बड़ी भारी आवाज में कहा कि एक मैडम पहले भी आईं थीं वह कहकर गईं थी कि वह हमें पढ़ाएंगी। मगर वह दोबारा कभी नहीं आई।(Teaching)
फिर हमने यहां के बच्चों को पहली बार राख के कोयले से फ्लाई ओवर के पिलर पर लिखकर पढ़ाया। तब हमने यहां के बच्चों के पढ़ाई को लेकर इंटरेस्ट भी देखा। जिससे हमें पता चला कि यह बच्चे पढ़ना चाहते हैं। जिसके बाद से हम रोजाना यहां बच्चों को पढ़ाते हैं।(Teaching)
पुलिस देती है सुरक्षा
विनिता कहती हैं कि इलाके में कई सारे असामाजिक व शरारती तत्व रहते हैं। इसको लेकर यहां पर कोहेफिजा पुलिस लगातार गश्ती करती है। जब हम बच्चों को पढ़ाते हैं तो पुलिस यहां आसपास मौजूद रहती है, ताकि यहां पर कोई शरारत या खलल ना हो, इसके अलावा पाठशाला के आसपास से पुलिस अतिक्रमण भी हटाती है, ताकि बच्चे यहां पर आसानी से पढ़ाई कर सकें। बता दें कि पुलिस यहां से लगातार अतिक्रमण तो हटवाती ही है साथ ही इलाके में मौजूद लोगों को बच्चों की पढ़ाई के लिए समझाइश भी देती है।
बच्चे खुद लगाते हैं क्लास का समान
इस पाठशाला में बच्चे खुद अपनी क्लास की तैयारी करते हैं। जैसे ही विनीता इन्हें पढ़ाने के लिए इलाके में आती हैं तो वह अपनी कार से हाॅर्न देती हैं, जिसके बाद ये बच्चे जगह-जगह से निकलकर आते हैं। कार से अपना सामान जैसे चटाई, स्पीकर, बोर्ड और अन्य तरह के पढ़ाई की सामग्री को निकालने में विनीता की मदद करते हैं। यह बच्चे आम बच्चों की तरह की रोजाना पहले प्रार्थना करते हैं, और उसके बाद रोजाना पढ़ाई करते हैं।(Teaching)
बेसिक पढ़ाई के साथ देते हें नैतिक शिक्षा
विनीता बताती हैं कि हम यहां पर बच्चों को बेसिक पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक शिक्षा की पढ़ाई करवाते हैं। यहां हम बच्चों को क ख ग घ के अलावा ए बी सी डी सिखाते हैं। वहीं, हिंदी-अंग्रेजी के शब्दों के पर्यावाची व विलोम शब्द बताते हैं। हमारी कोशिश है कि हम रोजाना यहां पर बच्चों को इस तरह से पढ़ाई करवाएं ताकि इनको समझ आ सके।(Teaching)
बच्चों और परिवार वालों की काउंसिलिंग भी
विनीता कहती हैं कि हम बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ काउंसलिंग भी करवाते हैं। इसमें वे बच्चे शामिल हैं जो कि कई बार भीख मांगते हैं या बाल मजदूरी करते हैं या फिर किसी तरह का नशा करते हैं। ऐसे बच्चों को भी हम पढ़ाते हैं और उनकी काउंसिलिंग के अलावा उनके माता-पिता की भी काउंसिलिंग करते हैं। इससे की वह नशा छोड़कर हमारे साथ पढ़ाई करें।
भोपाल मेट्रो का दूसरा ब्रिज 200 टन वजनी,48 मीटर लंबा……………….
भोपाल मेट्रो का दूसरा स्टील ब्रिज 200 टन वजनी और 48 मीटर लंबा है। इसे सितंबर में ही बड़ी मशीनों से DRM तिराहे पर रखेंगे। इसके बाद नीचे से गाड़ियां और ऊपर से मेट्रो ट्रेन गुजरेगी। पहला स्टील ब्रिज रेलवे ट्रैक के ऊपर रखा जा चुका है।
RKMP (रानी कमलापति) रेलवे स्टेशन के पास हबीबगंज नाके से डीआरएम स्टेशन के बीच 2 स्टील ब्रिज से मेट्रो गुजरेगी। इसके लिए पिछले 8 महीने से काम चल रहा है। 4 सितंबर को 3 घंटे के अंदर रेलवे ट्रैक पर पिलर के ऊपर 65 मीटर लंबा और 400 टन………..पढ़ें पूरी खबर………….!