MP NEWS : मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, जल्द शुरू होंगे ट्रांसफर नीति के कार्य
भोपाल। ट्रांसफर नीति के तहत मध्य प्रदेश के हजारों कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। मोहन सरकार जल्द ही ट्रांसफर शुरु करने जा रही है। प्रदेश की तबादला यानी ट्रांसफर नीति बन चुकी है, इसमें फाइनल मुहर लगाने के लिए सरकार बड़ी बैठक करने वाली है। इसके साथ ही प्रदेश में ट्रांसफर पर लगा बैन हट जाएगा और कर्मचारियों के ट्रांसफर शुरु हो जाएंगे।
बता दें की ट्रांसफर नीति को लेकर 22 जुलाई को बैठक होगी जिसमें मुख्यमंत्री मोहन यादव अंतिम मुहर लगाएंगे। तबादले के रोक के वजह के बारे में कहा जा रहा की निर्वाचन कार्य के कारण 2023 से लगा है बैन
जाने ट्रांसफर पर रोक लगने की पूरी वजह
वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव के चलते अधिकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर पर रोक लगा दी गई थी।
मतदाता सूची की तैयारी से लेकर के चलते मतदान और मतगणना तक के निर्वाचन कार्य से सीधे जुड़े कलेक्टर, अपर कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, शिक्षक और पटवारियों के स्थानांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इसके बाद लोकसभा चुनाव के कारण अधिकारी कर्मचारी के ट्रांसफर नहीं हो सके।
ट्रांसफर की पुरानी पॉलिसी
- जिले के भीतर प्रभारी मंत्री के अप्रूवल से ट्रांसफर हो सकते हैं।
- जिले के बाहर और विभागों में तबादलों पर सीएम की अनुमति जरुरी।
- नीति के अंतर्गत 200 कर्मचारियों की संख्या वाले संवर्ग में 20% से ज्यादा तबादले नहीं।
- नीति के तहत 201 से 2000 तक के संवर्ग में 10% से ज्यादा तबादले नहीं।
- दो हजार से ज्यादा संख्या होने पर 5 फीसदी तबादले किए जाने का नियम है।
ट्रांसफर शुरु होने में क्यों लग रहा समय
ट्रांसफर नीति तो तैयार है, लेकिन अब तक जिलों के प्रभारी मंत्री तय नहीं हुए हैं। संगठन की इस पर मोहर लगना बाकी है।
ट्रांसफर में अहम रोल प्रभारी मंत्रियों का भी होता है। यही कारण है कि 15 जुलाई से ट्रांसफर शुरु नहीं हो पाए हैं।
22 जुलाई को ट्रांसफर नीति पर बैठक
एमपी की नई ट्रांसफर नीति का खाका तैयार है। इस पर सीएम की मुहर लगना बाकी है।सूत्रों के अनुसार सरकार 22 जुलाई को इसे लेकर बैठक करने जा रही है। जिसमें तबादला नीति पर मुहर लग सकती है।
ट्रांसफर नीति में बहुत अधिक बदलाव नहीं किये गए हैं।
इस तरह हो सकेंगे ट्रांसफर
प्रथम श्रेणी के सभी अधिकारियों के तबादले मुख्यमंत्री के अनुमोदन से होंगे।
द्वितीय और तृतीय श्रेणी के अधिकारियों के विभागीय मंत्री और जिले के भीतर कर्मचारियों के तबादले कलेक्टर के माध्यम से होंगे। हालांकि इसके लिए प्रभारी मंत्री की परमिशन लेना अनिवार्य होगा। तबादला नीति का पालन सुनिश्चित करने का दायित्व विभागीय अधिकारियों को दिया गया है।
शिक्षकों के ट्रांसफर में इस बात का ध्यान
पहले की तरह शिक्षकों के ट्रांसफर की प्रक्रिया ऑनलाइन रहेगी। शिक्षक ऑनलाइन आवेदन के जरिए अपने ट्रांसफर का अनुरोध करेंगे। शिक्षकों के ट्रांसफर में इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि कोई भी स्कूल ट्रांसफर के कारण शिक्षक विहीन न हो जाए।
यदि कहीं ऐसा होगा तो वहां के शिक्षक के ट्रांसफर में दिक्कतें आ सकती है।
3 साल तक नहीं होगा कोई ट्रांसफर
2023 में सरकार ने तय किया था कि नई शिक्षा नीति में एक बार स्वैच्छिक स्थानांतरण होने के बाद विशेष परिस्थिति छोड़कर 3 साल तक तबादला नहीं किया जा सकेगा। इस बार भी माना जा रहा है कि ट्रांसफर में यह नियम लागू रहेगा।
इस तारीख से शुरु हो सकते हैं ट्रांसफर
जानकार बताते हैं कि 22 जुलाई को ट्रांसफर नीति पर अंतिम मुहर लगेगी। इसके बाद 25 जुलाई से ट्रांसफर पर लगे बेन हट सकते हैं। इसके साथ ही 15 दिनों के लिए मध्य प्रदेश में थोकबंद तबादले शुरु हो जाएंगे। किन्हीं कारणों से 25 जुलाई की तारीख आगे बढ़ती है तो 1 अगस्त तक हर हाल में ट्रांसफर शुरु होने की उम्मीद है।
आगे पढ़ें। …….. मोहन सरकार में अब कैबिनेट मंत्रियों को सौपे जाएंगे जिलों के प्रभार