Haryana Vidhansabha 2024 चुनाव में इस बार किसी को बहुमत नहीं मिलेगा। त्रिशंकु विधानसभा यानी विधानसभा में 3 पार्टियों की मिलकर सरकार बनेगी। इसके अंदर हम सबसे इम्पॉर्टेंट प्लेयर होंगे। हमारे पास सत्ता की चाबी भी होगी और ताला भी हम ही खोलेंगे।’
यह बात हरियाणा के पूर्व डिप्टी CM और जननायक जनता पार्टी (JJP) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने कही। उन्होंने कहा- ‘कोई मुझे खत्म नहीं कर सकता। हमारा विरोध वही लोग कर रहे हैं, जिनके लिए हम चुनौती बने हैं।’
मीडिया से बातचीत में दुष्यंत चौटाला ने आजाद समाज पार्टी (ASP) कांशीराम के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद से गठबंधन, विधायकों के पार्टी छोड़ने और चुनाव को लेकर JJP उम्मीदवारों की लिस्ट पर खुलकर बात की।
पढ़िए इंटरव्यू के दौरान पूरी बात – चित …
प्रश्न : चुनाव की तैयारियां कैसी चल रही है?
दुष्यंत: पूरी तैयारी है, चुनाव में 30 दिन बाकी हैं। मैं मानता हूं कि यह हर पॉलिटिकल पार्टी के लिए अग्निपरीक्षा है। मेहनत करने के बाद नतीजा क्या निकलता है, यह देखने वाली बात होगी।
प्रश्न : पूरे हरियाणा (Haryana Vidhansabha 2024) में खासकर आपका इतना विरोध क्यों हो रहा है? क्या वजह मानते हैं इसकी?
दुष्यंत: विरोध वो लोग कर रहे हैं, जिनके लिए हम चैलेंज हैं। चाहे वो कांग्रेस हो, लोकदल हो, आम आदमी पार्टी या भाजपा हो, सभी को यह दिखता है कि प्रदेश के लिए आने वाले भविष्य की लड़ाई जो लड़ पाएगा, वह जननायक जनता पार्टी है। घबराहट की वजह से वे लोग लगातार दुष्प्रचार के माध्यम से हमें कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, क्या हम कमजोर हो पाए?। हमने साढ़े 4 साल में अपने सारे वादे पूरे किए हैं।
आने वाले समय में जो हम संकल्प पत्र लेकर आएंगे, वह दिशा देगा कि आने वाला हरियाणा किस तरह का होगा।
प्रश्न : आपकी पार्टी में ये भगदड़ क्यों मची है?
दुष्यंत: चुनाव के टाइम अक्सर ये हर एक पॉलिटिकल पार्टी में देखने को मिलता है कि लोग अपने स्वार्थ के लिए दूसरे दलों की तरफ जाते हैं। मुझे याद है, लोकदल में संपत सिंह सेकेंड इन कमांड थे। वे पार्टी छोड़ गए थे। लोकसभा चुनाव में वे 6 हजार वोट से हार गए। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में चले गए।
चौटाला साहब से भी लोगों ने पूछा कि संपत सिंह कैसे छोड़ गए? तो उन्होंने शेर पढ़कर कहा, ‘छोटे से स्वार्थ के लिए वर्षों के याराने गए, अच्छा हुआ मेरे दोस्त, कुछ नकली चेहरे पहचाने गए’। ये लोग वो हैं जो अपने स्वार्थ के लिए ऐसे निर्णय लेते हैं। पार्टी विचारधारा को न मानकर, अपना स्वार्थ प्राइमरी रखते हैं।
प्रश्न : हरियाणा (Haryana Vidhansabha 2024) में 2019 से पहले तक बहुत लोग कहा करते थे कि आपके अंदर ताऊ देवीलाल की छवि दिखती है। क्या लगता नहीं कि 5 साल में ही सब कुछ खत्म सा कर बैठे?
दुष्यंत: चौधरी देवीलाल के जीवन के सफर को देखेंगे तो वह एक लाइन की तरह सीधा नहीं रहा। उन्होंने बहुत संघर्ष देखे हैं। वे 1972 में चुनाव हारे, 1974 में राज्यसभा का चुनाव हारे और 1977 में वे मुख्यमंत्री बने। इसके बाद वे फिर चुनाव हारे। 1982 में बनी हुई सरकार भजनलाल लेकर भाग गए। 1984 में लोकसभा चुनाव हार गए। 1987 में फिर पूर्ण बहुमत मिला। इसके बाद ऐसी मुहिम बनी कि वे 1989 में देश के उपप्रधानमंत्री बने।
राजनीतिक जीवन के अंदर जो व्यक्ति लड़ेगा, उसे उतार-चढ़ाव देखने पड़ेंगे। अभी मेरे जीवन की शुरुआत है। अभी मैं 36 साल का हूं और शायद अगले 40 साल इसी तरह राजनीति करनी है।
प्रश्न : आज के जो हालात हैं, उनमें क्या मानते हैं- BJP से सत्ता के लिए हाथ मिलाना सही फैसला था? या चूक हो गई आपसे?
दुष्यंत : देखिए, हमने जो घोषणाएं की थीं, उन्हें पूरा करने के लिए गठबंधन किया था। हमने पूरा करके दिखाया है। महिलाओं को 50 प्रतिशत रिजर्वेशन हो, BCA को पंचायती राज में 8 प्रतिशत रिजर्वेशन हो, 75 प्रतिशत लोकल एम्प्लॉयमेंट का कानून लाना हो, बहनों के लिए फ्री बस सुविधा हाे, ये वादे हमने ही किए थे। बुढ़ापा पेंशन देश में सबसे ज्यादा हम ला पाए। 4 साल में ढाई सौ रुपए करके 3 हजार पहुंचाया।
ये बात तो चौधरी देवीलाल और छोटूराम भी कहते थे कि लोगों के काम और फैसले सरकार में हिस्सेदार बनकर ही पूरे किए जा सकते हैं। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत निर्णय लिए गए।
प्रश्न : क्या आपको नहीं लगता कि 2019 में हरियाणा (Haryana Vidhansabha 2024) के लोगों ने BJP के खिलाफ वोट दिया था लेकिन आपने उसे दोबारा सत्ता में पहुंचा दिया?
दुष्यंत: क्या मुझे भूपेंद्र हुड्डा या कांग्रेस के पक्ष के वोट मिले या लोकदल, आम आदमी पार्टी या बसपा के पक्ष के वोट मिले? जो पार्टी जनता के बीच जाती है, वह अपने वादे लेकर जाती है। लोग उन वादों को अपनाते हैं। उन वादों पर जनता ने हमारा साथ दिया। अब भी जो हम वादा करेंगे, जनता उन्हीं वादों को देखकर वोट डालेगी।
प्रश्न : कोई ऐसे काम हैं जो सरकार में रह गए हैं?
दुष्यंत: राजनीतिक आदमी और पार्टी के लिए काम कभी खत्म नहीं होते। 10 काम करेंगे, 10 नए और आ जाएंगे। जैसे अग्निवीर आ गई, केंद्र ने 10 प्रतिशत कोटा रख दिया। मैं सिपाही को सिपाही नहीं देखना चाहता। जो 4 साल देश के लिए सेवा देकर आया है, उसे ऑफिसर कैसे बनाया जाए, यह हमने वादा किया है।
हम उनकी हायर एजुकेशन फ्री करेंगे। हरियाणा भारतीय सेना में 10 प्रतिशत हिस्सा देता है। हमारे वो साथी जो देश सेवा करके आए हैं, उन्हें पढ़ाकर अफसर बनने का मौका दें। मुझे नहीं लगता ऐसा कोई सोच सकता है। आज आंगनवाड़ी वर्कर्स की बहुत समस्याएं हैं, उनके लिए भी वादा लेकर आएंगे। बहुत ऐसे वर्ग हैं, जिनके बारे में सोचना बहुत जरूरी है।
प्रश्न : इस बार आपने आजाद समाज पार्टी और इनेलो ने BSP से गठबंधन किया है। ये चर्चा है कि इन गठजोड़ के पीछे BJP का ही माइंड है ताकि उससे नाराज SC वोट बंट जाएं और वो तीसरी बार सरकार बना ले। क्या कहेंगे?
दुष्यंत: चंद्रशेखर आजाद 36 साल के हैं, मेरी भी उम्र इतनी ही है। हम युवाओं की आवाज बनने की लड़ाई लड़ रहे हैं। सर्व समाज और सर्व हित की लड़ाई लड़ रहे हैं। चौधरी देवीलाल और कांशीराम जी ने 1989 में मिलकर लड़ाई लड़ी है। उस लड़ाई के अंदर देवीलाल जी ने कांशीराम जी से वादा किया था कि डॉ. अंबेडकर जी को भारत रत्न दिलाएंगे। उन्हें मिला और पार्लियामेंट में स्टैच्यू भी बना।
इसके बाद भी उस विचारधारा ने एकजुटता से लड़ाई लड़ी। भाजपा-कांग्रेस के खिलाफ भी लड़ी। हरियाणा में कांशीराम और देवीलाल जी ने एक साथ चुनाव लड़े तो 4 सांसद बने। ये विचार मिलने की बात है, राजनीतिक तौर पर विचार मिलते हैं तो ताकत भी बढ़ती है।
प्रश्न : हरियाणा में इस बार 5 पार्टियां मैदान में हैं। इतिहास अगर देखें तो यहां निर्दलीय भी अच्छी-खासी तादाद में जीतते हैं। क्या आपको नहीं लगता कि वोटों का बिखराव हुआ तो उसका फायदा BJP को ही होगा?
दुष्यंत: देखिए, पॉलिटिकल पार्टी बहुत आई हैं और आएंगी भी। हर एक को लोकतंत्र में अधिकार है कि वह अपना संगठन बना सके। हरियाणा (Haryana Vidhansabha 2024) में एक बार निर्दलियों का दौर नहीं आया, हर चुनाव में आता है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में गोपाल कांडा जीते तो उस समय निर्दलियों की चांदी हुई थी।
(Haryana Vidhansabha 2024) हम सरकार में आ गए तो जीते हुए भी नाराज हो गए। निर्दलीय अपना दांव खेलेंगे। इस चुनाव में पार्टी जरूर अपना इम्पॉर्टेंट रोल प्ले करेंगी। मैं मानता हूं कि इस बार त्रिशंकु विधानसभा (3 पार्टियों की मिलकर सरकार) आएगी। इसके अंदर हम सबसे इम्पॉर्टेंट प्लेयर रहेंगे। हमारे पास सत्ता की चाबी भी होगी और ताला भी खोलेंगे।
प्रश्न : आप साढ़े 4 साल रेवेन्यू मिनिस्टर और डिप्टी CM रहे। आपके चाचा अभय चौटाला ने आप पर कोरोना काल में शराब घोटाला करने का आरोप लगाया। अपनी सफाई में क्या कहेंगे?
दुष्यंत : देखिए, मैं विधानसभा में कई बार इसका जवाब दे चुका हूं। क्या कभी इसका कोई एविडेंस आया? नॉन सीरियस पॉलिटिशियन के सवालों का जवाब देना टाइम की बर्बादी है। अगर कोई चीज असलियत में हमने की है तो वह रेवेन्यू डिपार्टमेंट के कलेक्शन को दोगुना किया है। एक्साइज एंड टैक्सेशन में GST और VAT को दोगुना किया।
जब मैं टैक्सेशन मिनिस्टर बना तो हमारा GST कलेक्शन 16 हजार करोड़ था। जब मैंने रिजाइन किया, तब हम 36 हजार करोड़ रुपए पर पहुंच गए थे। हरियाणा जैसा प्रदेश दोगुना से ज्यादा टैक्स कलेक्शन कर रहा है, इसका मतलब हमने चोरी रोकी है।
रेवेन्यू की बात करें तो स्टांप ड्यूटी कलेक्शन हरियाणा (Haryana Vidhansabha)की 6400 करोड़ थी, वह साढ़े 12 हजार करोड़ कैसे पहुंच गई? ये आंकड़े बताते हैं कि मैंने चोरी रोकी। जो चोरी करते थे, इससे उनके पेट में दर्द हो गया। जिन पॉलिटिकल पार्टी के पास कुछ नहीं था, उन लोगों ने इनसे ऐसे बयान भी दिलवाए।
प्रश्न : BJP ने हरियाणा के तीनों लाल के परिवार हजम कर लिए। यही उसने क्षेत्रीय दलों के साथ भी किया। आपके परिवार का तो एक्सपीरिएंस भी है। BJP की इस नीति पर क्या कहेंगे?
दुष्यंत: (Haryana Vidhansabha 2024) राजनीतिक तौर पर जो संघर्ष करना छोड़ देता है, वह खत्म हो जाता है। जो संघर्ष करने का माद्दा रखता है, वह कभी खत्म नहीं होता। अखिलेश यादव तीसरे-चौथे नंबर पर आ गए थे। उन्होंने संघर्ष कर दोबारा रिवाइव किया। लालू प्रसाद यादव जी जेल चले गए तो लोग कहते थे कि RJD खत्म हो गई, क्या उन्होंने रिवाइव नहीं किया?
Haryana Vidhansabha : जब येदुगुड़ी संदिंती राजशेखर रेड्डी (YSR) के जगन जेल में थे तो उनकी बहन और पत्नी ने पदयात्रा की। जब उनकी सरकार बनी तो चंद्रबाबू नायडू को लोग कहते थे कि उन्होंने भाजपा को खत्म कर दिया। आज वही चंद्रबाबू नायडू हैं, जिन्हें आधा बजट समर्पित किया गया है। पॉलिटिकल आदमी की कैपेबिलिटी पर है कि वह कितनी मेहनत कर सकता है। वह मेहनत करेगा तो और मजबूती के साथ आएगा।
प्रश्न : इस बार लोग कह रहे हैं कि मल्टीफाइट नहीं है, सीधा मुकाबला कांग्रेस-भाजपा में है?
दुष्यंत: अभी कांग्रेस, भाजपा, JJP, ASP, इनेलो, आम आदमी पार्टी समेत जितने भी दल हैं, चुनाव 12 तारीख से शुरू होगा। तब सारे घोड़े मैदान में होंगे। उसमें देखना पड़ेगा कि मैदानी घोड़ा कौन सा है और आप के खुद के घर का घोड़ा कौन सा है। जो मैदानी घोड़े होंगे, वही रेस जीतेंगे।
प्रश्न : ऐसी चर्चा है कि आपके दादा रणजीत चौटाला का टिकट भाजपा काट रही है। गोबिंद कांडा के बेटे को उनकी सीट से टिकट देने की तैयारी है। क्या भाजपा चौटाला परिवार की अनदेखी कर रही है?
दुष्यंत: यह बात भाजपा के लोग बताएंगे। हम तो गठबंधन में थे। हमने विषयों को भाजपा के साथ पूरा किया है। कुछ इश्यू थे, जहां हमारा टकराव रहा है। उस टकराव में मतभेद हो सकते हैं।
प्रश्न : अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि हमारा JJP से गठबंधन रहेगा। फिर लोकसभा चुनाव आए तो भाजपा ने कहा कि हमने दुष्यंत चौटाला को रोहतक सीट ऑफर की थी, तब क्या हुआ था?
दुष्यंत: हमारा 5100 रुपए पेंशन करने का वादा था। भाजपा के साथ मिलकर हम उसे 3 हजार तक ला पाए। इसके बाद हम उसे नहीं बढ़ा पाए। सीट शेयरिंग पर भी सहमति नहीं बनी। कोई भी पॉलिटिकल पार्टी किसी दूसरे के लिए मैदान नहीं छोड़ेगी। हमने अपने दम पर सभी 10 लोकसभा सीट और करनाल विधानसभा उपचुनाव लड़ा है।
हम उनके साथ गठबंधन में थे, मैं कभी उनकी पार्टी का सदस्य नहीं रहा। ये चीज देखते हुए उन्होंने आगे चलने का निर्णय लिया तो हमने भी अलग चलने का फैसला कर लिया।
प्रश्न : परिवार एकजुट होकर लड़ता तो बेहतर होता?
दुष्यंत: (Haryana Vidhansabha 2024) ये राजनीतिक लड़ाई है, कोई पारिवारिक जमीन की लड़ाई नहीं है। मनप्रीत, सुखबीर बादल अलग-अलग चुनाव लड़ चुके। सुप्रिया सुले और अजित पवार की पत्नी आमने-सामने चुनाव लड़ चुके। ये पॉलिटिकल लड़ाई है। हमारे परिवार में यह आज नहीं हुई। चौधरी रणजीत, जगदीश जी, चौटाला साहब, सब आमने-सामने हो चुके हैं।
प्रश्न : Haryana Vidhansabha 2024 : आपके पास सारी सीटों लायक कैंडिडेट्स हैं? या पिछली बार की तरह कांग्रेस-भाजपा की बगावत से कोई आस है?
दुष्यंत: देखिए, हम अपने कैडर पर विश्वास करते हैं। (Haryana Vidhansabha 2024) 70 सीटों पर जननायक जनता पार्टी लड़ेगी और 20 पर चंद्रशेखर की पार्टी चुनाव लड़ेगी। मिलकर 90 मजबूत उम्मीदवार मैदान में उतारेंगे। PAC की मीटिंग के बाद सभी उम्मीदवार सामने रख देंगे।
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