बेलेश्वर मंदिर मामले में पूजा के लिए प्रतिमाएं वापस मिलेगी, जनप्रतिनिधियों से मिलेगी संघर्ष समिति
बावड़ी मंदिर में घटना के बाद, देवता की मूर्तियों को एक अलग स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया। इन मूर्तियों को उनके मूल स्थान पर लौटाने के उद्देश्य से एक संघर्ष समिति का गठन किया गया है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए समिति एक बार फिर कलेक्टर व प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने की योजना बना रही है. इसके अलावा, यह भी पता चला है कि समिति के सदस्य कुछ दिनों पहले कलेक्टर के साथ बैठक के बाद से ही मंदिर के दस्तावेजों की तलाश कर रहे हैं। हालांकि सदस्यों का दावा है कि उक्त दस्तावेज बाउरी मंदिर में दबे हुए हैं।
बाउरी कांड के बाद नगर निगम ने बाउरी को बंद करने की कार्रवाई की और निर्माणाधीन मंदिर को भी तोड़ा गया. मंदिर तोड़े जाने का विरोध समाज के सदस्यों व रहवासियों ने किया। मंदिर निर्माण की दिशा में निरंतर कार्य करने के लिए संघर्ष समिति का भी गठन किया गया। इसी कड़ी में समिति एक बार फिर कलेक्टर से मिलने की तैयारी कर रही है. वे इस बार प्रतिनिधियों से भी मिलेंगे।
प्रतिमाओं को फिर से स्थापित करने का प्रयास करें। – मूर्तियों को फिर से स्थापित करने का प्रयास करें। – मूर्तियों को फिर से स्थापित करने का प्रयास करें। – स्मारकों को पुनर्स्थापित करने का प्रयास करें। – पुतलों की जगह बदलने की कोशिश करें।
समिति की सदस्या सुश्री ललिता परानी ने बताया कि प्रतिमाओं को फिर से स्थापित करने के लिए समिति सदस्यों ने विचार-विमर्श किया है. बैहरू कांड से स्वीकृत प्रतिमाओं को कांटा फोड़ मंदिर में स्थानांतरित कर दिया गया। कानूनी नियमों के अनुसार पूजा करने के लिए इन मूर्तियों को उनके पूर्व पदों पर पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल प्रतिमाओं को व्यवस्थित तरीके से रखने के लिए छोटा सा सेट-अप तैयार किया जा रहा है।
हम जनता के प्रतिनिधियों के साथ कलेक्टर के साथ चर्चा करेंगे।
पुरातत्व विभाग के निर्देशानुसार इन मूर्तियों की व्यवस्थित पुन: प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए एक बार फिर कलेक्टर इलैया राजा टी के साथ बैठक आयोजित की जाएगी. साथ ही समिति का प्रतिनिधिमंडल सांसद शंकर लालवानी, विधायक मालिनी गौड़, विधायक आकाश विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव से भी मुलाकात करेगा. मूर्तियों के जीर्णोद्धार के मामले पर भी जनप्रतिनिधियों से चर्चा की जाएगी।
दस्तावेजों को कुएं में बंद कर दिया गया है।
परानी ने खुलासा किया कि मंदिर की उम्र की जांच की जा रही है और इसके दस्तावेजों की जांच की जा रही है। यह जानकारी हाल ही में कलेक्टर से चर्चा के दौरान सामने आई। मंदिर के रखरखाव के लिए जिम्मेदार ट्रस्ट ने अपने दस्तावेजों को एक कैबिनेट में रखा था, जो दुर्भाग्य से पानी में डूब गया। इसके चलते अन्य दस्तावेजों से भी जानकारी मांगी जा रही है।
कुछ दिन पहले कलेक्टर से चर्चा हुई थी।
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर कुछ दिन पहले संघर्ष समिति की कलेक्टर से चर्चा हुई थी. इस चर्चा के दौरान समिति सदस्यों ने मंदिर निर्माण और प्रतिमाओं की पुर्नस्थापना की बात कही. इस मामले में मंदिर से जुड़े दस्तावेज पर भी चर्चा हुई। समिति के सदस्यों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द हो।