Japan: सुनामी का अलर्ट जारी, 7.1 तीव्रता का भूकंप, क्यूशू शहर में जमीन से 8.8 किमी नीचे रहा केंद्र
Japan में गुरुवार को 7.1 तीव्रता के भूंकप के झटके महसूस हुए हैं। इसके बाद सूनामी का अलर्ट जारी किया गया है। भूकंप का केंद्र जापान का क्यूशू शहर में जमीन से करीब 8.8 किमी नीचे बताया जा रहा है। मियाजाकी, कोची, ओएटा, कागोशिमा और इहिमे शहर में सुनामी की एडवाइजरी जारी की गई है।
इससे पहले 1 जनवरी को Japan में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 318 लोगों की मौत हुई थी और 1300 लोग घायल हुए थे। इशिकावा में भूकंप से कई जगहों पर आग लग गई थी। इससे 200 इमारतें जलकर खाक हो गई थीं।
मैप में देखिए भूकंप के केंद्र वाले क्यूशू शहर की लोकेशन…
Japan: में ही ज्यादा सुनामी क्यों आती है?
भूकंप के लिहाज से सबसे सेंसिटिव एरिया में है। यहां भूकंप आते रहते हैं, क्योंकि ये दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है। इशिकावा प्रांत, जहां भूकंप आया है, महासागर के चारों ओर भूकंपीय फॉल्ट लाइनों की एक घोड़े की नाल के आकार की श्रृंखला- रिंग ऑफ फायर, के करीब स्थित है।
रिंग ऑफ फायर ऐसा इलाका है जहां कॉन्टिनेंटल प्लेट्स के साथ ओशियनिक टेक्टॉनिक प्लेट्स भी मौजूद हैं। ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो भूकंप आता है। Japan इनके असर से ही सुनामी आती है और वोल्केनो भी फटते हैं।
दुनिया के 90% भूकंप इसी रिंग ऑफ फायर में आते हैं। यह क्षेत्र 40 हजार किलोमीटर में फैला है। दुनिया में जितने सक्रिय ज्वालामुखी हैं, उनमें से 75% इसी क्षेत्र में हैं।
समुद्र में सुनामी आने से पहले किस तरह के संकेत मिलते हैं?
जब भी भूकंप के बाद सुनामी आती है तो समुद्र के सतह से नीचे चलने वाली लहरें पहले तटों से टकराती हैं। जब समुद्र के नीचे की लहरें तटों की ओर बढ़ती हैं तो नीचे एक वैक्यूम क्रिएट होता है, जो किनारे से ऊपर के पानी को समुद्र की ओर खींचता है। इससे बंदरगाह के किनारे या समुद्र तल की जमीन नजर आने लगती है।
समुद्र के पानी का पीछे जाना ये संकेत है कि अब सुनामी आने वाली है। Japan इसके कुछ मिनट या घंटे बाद सुनामी वाली लहर जोरदार ताकत और शोर के साथ किनारे से टकराती है।
सुनामी विनाशकारी लहरों की एक सीरीज होती है, जो एक के बाद एक आती है। इसे ‘वेव ट्रेन’ कहा जाता है। जैसे-जैसे एक के बाद एक लहरें बीच समुद्र से किनारे की ओर पहुंचती हैं तो सुनामी की ताकत बढ़ती जाती है।
Japan सुनामी की त्रासदी झेलने वाले लोग बताते हैं कि एक छोटी लहर आकर चली गई, इसका मतलब ये नहीं है कि सुनामी चली गई। वो दूसरी, तीसरी, चौथी लहर के रूप में विनाश लेकर आती है। इस कारण जैसे ही मौका मिले, तुरंत सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिए।
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