MP Politics: BJP के घोषणापत्र की तैयारियों पर कमलनाथ का तंज,”भाजपा सुझावपेटी नहीं, ‘सुलझावपेटी’ लगाए”
मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए कांग्रेस रणनीति के तौर पर वचन पत्र का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है, वहीं बीजेपी का कहना है कि वह आम जनता से मिले सुझावों के आधार पर घोषणा पत्र बनाएगी. भाजपा घोषणापत्र समिति के प्रमुख जयंत मलैया ने घोषणा की कि वे राज्य भर में रखे गए भौतिक बक्सों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से जनता से सुझाव एकत्र करेंगे।
पीसीसी प्रमुख कमल नाथ ने विधानसभाओं में अपने घोषणापत्र के लिए सुझाव पेटियां लाने के भाजपा के फैसले की आलोचना की. उन्होंने सवाल किया कि भाजपा ने सौदेबाजी के माध्यम से चुनी हुई सरकार को क्यों उखाड़ फेंका और इसमें शामिल धन की राशि और इसके वित्तपोषण के स्रोत को जानने की मांग की।
देश को और न बांटें
- नफरत और डर फैलाने का एजेंडा बंद करें
- महिलाओं का अब और अपमान न करें
- नौकरी-परीक्षा के घोटालों से जन्मी बेरोजगारी से युवाओं को बचाएं
- गरीबों, किसानों, मजदूरों का शोषण रोकें
- काम-कारोबार व विकास को भ्रष्ट नीतियों से न मारें
- आदिवासियों-दलितों का उत्पीड़न-शोषण न करें
- मुनाफाखोरों से कमीशन खाकर महंगाई न बढ़ाएं
- मप्र को भाजपाई भ्रष्टाचार का मॉडल न बनाएं
- सुझाव पेटी की जगह सुलझाव पेटी लानी चाहिए
कमलनाथ आगे लिखते है कि आज जब जनता का भाजपा पर ही विश्वास नहीं रहा है तो उसके घोषणापत्र पर क्या होगा।
भाजपा को ‘सुझाव पेटी’ की जगह जनता की समस्याओं के समाधान के लिए ‘सुलझाव पेटी’ लानी चाहिए, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं करेगी क्योंकि लोगों को फ़ालतू के मुद्दों में उलझाये रखने – गुमराह करने में ही वो अपनी राजनीतिक सफलता मानती है।
भाजपा याद रखे, न काठ की हांडी बार-बार चढ़ती है, न ‘भेड़िया आया-भेड़िया आया’ की कहानी हर बार चलती है।
भाजपा का घोषणापत्र हर बार जुमलों का झुनझुना साबित होता है।