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हिंदू कैलेंडर का आखिरी दिन: 7 मार्च को रहेगी फाल्गुन पूर्णिमा

फाल्गुन मास की पूर्णिमा का दिन एक बहुत ही विशेष अवसर के रूप में पूजनीय है। परंपरा और मान्यता है कि फाल्गुन मास की पूर्णिमा को व्रत करने से कई गुना अधिक पुण्य और सभी प्रकार के कष्टों का अंत होता है। इस वजह से इस दिन सुबह से शाम को चांद निकलने तक व्रत रखा जाता है।

फाल्गुन मास की पूर्णिमा का दिन एक बहुत ही विशेष अवसर के रूप में पूजनीय है। परंपरा और मान्यता है कि फाल्गुन मास की पूर्णिमा को व्रत करने से कई गुना अधिक पुण्य और सभी प्रकार के कष्टों का अंत होता है। इस वजह से इस दिन सुबह से शाम को चांद निकलने तक व्रत रखा जाता है।

इस दिन व्रत रखते हुए भगवान विष्णु की विशेष पूजा और सत्यनारायण व्रत कथा करने की परंपरा है। इस तिथि पर शाम को प्रदोष काल में होलिका दहन भी किया जाता है।

पुराणों के अनुसार अक्षय पुण्य का दिन।

फाल्गुन हिंदू कैलेंडर का अंतिम दिन और महीना होने के अलावा इसका अंतिम दिन भी है। इस महीने के अंतिम दिन पूर्णिमा होती है। इस कारण यह विशिष्ट है। नारद पुराण, मत्स्य, ब्रह्मा और विष्णु में इसे मनवादी तिथि भी कहा गया है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यह दिन विशेष रूप से किए गए दान के कारण है। इस दिन किया गया दान स्थायी रूप से पुण्य फल प्रदान करता है। इसी वजह से इस दिन तीर्थ स्नान करने और श्रद्धा के अनुसार अन्न, जल, सोना या वस्त्र चढ़ाने की प्रथा है।

पितरों की तृप्ति का पर्व भी

इस दिन फाल्गुन पूर्णिमा मन्वादि तिथि, पितरों के श्राद्ध का दिन, पितृ पूजा का विशेष महत्व है। मत्स्य, नारद और विष्णुधर्मोत्तर पुराणों का दावा है कि इस दिन पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध और ब्राह्मण भोजन दिया जाता है। कई जगहों पर इस दिन तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। इस दिन पितरों का श्राद्ध करने से पितृ दोष कम होता है।

पूजा-पाठ के लिए खास दिन

फाल्गुन पूर्णिमा से जुड़ी परंपराएं फाल्गुन पूर्णिमा पर सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ में स्नान करने की प्रथा है। पुराणों का दावा है कि इस क्रिया को करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। श्राद्ध का दावा है कि स्नान के बाद भगवान विष्णु को दान देने, व्रत करने और पूजा करने का वचन दिया जाता है। घर में भगवान विष्णु की पूजा के बाद मंदिर में जाकर दर्शन पूर्ण होते हैं। सत्यनारायण द्वारा दिन के समय कथा पाठ। फाल्गुन पूर्णिमा पर, गरीबों को भोजन, जल, वस्त्र और अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करना चाहिए।हिंदू कैलेंडर का आखिरी दिन:7 मार्च को रहेगी फाल्गुन पूर्णिमा;

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