मध्य प्रदेश में आज से बंद होंगे शराब के अहाते
मध्य प्रदेश राज्य में, यह अनिवार्य किया गया है कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान, स्कूल, कॉलेज, या धार्मिक स्थलों जैसे मंदिर, मस्जिद आदि के 100 मीटर के दायरे में शराब की दुकानों को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मध्य प्रदेश में नई शराब नीति के अनुसार, राज्य में सभी शराब की दुकानें तत्काल प्रभाव से बंद कर दी जाएंगी और अब से केवल इतिहास में दर्ज की जाएंगी। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने नई शराब नीति के तहत खुले स्थानों जैसे सड़क किनारे पब और खुले बार में शराब पीने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है.
दरअसल, हाल ही में मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक के दौरान एक नई शराब नीति को मंजूरी दी गई, जिसमें राज्य के भीतर शराब के उपभोग और वितरण के सबसे बड़े माध्यमों को बंद करने का सबसे अहम फैसला शामिल था. हाल के दिनों में मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी शराब की बिक्री और वितरण के खिलाफ धरना दिया था और शराब नीति को सख्त बनाने की मांग की थी.
26 हजार से ज्यादा हैं अहाते
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश राज्य के भीतर 2600 से अधिक बिना लाइसेंस वाली शराब की दुकानें और प्रतिष्ठान संचालित हैं, जहां स्थानीय और विदेशी लोगों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के मादक पेय परोसे जा रहे हैं। हालांकि, उचित परमिट के बिना शराब बांटने और पीने की यह प्रथा अब तुरंत प्रभाव से समाप्त हो जाएगी।
100 मीटर तक नहीं होगी कोई दुकान
चूंकि मध्य प्रदेश में शराब की दुकानें आज बंद हैं, इसलिए नई शराब नीति को कड़े नियमों और दिशानिर्देशों के साथ लागू किए जाने की उम्मीद है। इस नीति के तहत स्कूल, कॉलेज, धार्मिक स्थल जैसे मंदिर, मस्जिद आदि के आसपास के शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में किसी भी शराब की दुकान को संचालित नहीं होने दिया जाएगा। शुरुआत में यह सीमा 50 मीटर थी, जिसे अब बढ़ाकर 100 मीटर कर दिया गया है।
ओरछा में शराब की बिक्री बैन
मध्य प्रदेश में 100 मीटर की दूरी के इस नियम के चलते 200 से अधिक दुकानें प्रभाव के अंतर्गत आने वाली हैं. साथ ही साथ मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी ओरछा में शराब की बिक्री प्रतिबंधित होगी यहां की दुकान भी निरस्त कर दी गई है. वैसे तो मध्य प्रदेश सरकार सर्वाधिक राजस्व वसूली प्रदेश के अंदर शराब बिक्री की दुकानों एवं अहातों से ही करती रही है, लेकिन लगातार बढ़ते सामाजिक दबाव एवं शराब के दुष्प्रभाव को देखते हुए सरकार ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है.