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सरकार की तिजोरी में ताला: बजट जीरो होने से केवल जरूरी काम के लिए पैसा

राज्य सरकार के खजाने का ताला एक अप्रैल को खुल जाएगा। ऐसे में जहां सभी सरकारी लेन-देन पूरी तरह से बंद हैं, आवश्यक कार्यों के लिए धन की आवश्यकता होने पर वित्त विभाग से स्वीकृति आवश्यक होगी। यह स्थिति राज्य में अभूतपूर्व है, क्योंकि पिछले 10 दिनों से खजाने पर ताला लगा हुआ है, जिससे बजट प्रभावी रूप से शून्य हो गया है। मार्च माह में लिए गए 10 अरब रुपए के कर्ज से स्थिति और खराब हो गई है। सरकार के विभिन्न संसाधनों के कम राजस्व और अधिक व्यय के कारण राजकोषीय स्थिति बाधित हुई है।

इधर, बजट चूक से बचने के लिए 64 विभागों द्वारा वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी के लिए बिल जारी करने का काम कोषागार को सौंपा गया था। हालांकि बजट शून्य होने से तैयारियां अधूरी रह गईं। वर्ष के अंतिम दस दिनों के दौरान लेन-देन पर रोक लगाने का एक कारण बड़ी राशि के बिल जारी करने वाले विभाग भी थे।

इन खर्चों के बहिर्वाह पर पूर्ण विराम

  • नगर निगमों, जिलों और बोर्डों जैसे संगठनों को भवनों के निर्माण या अन्य स्थायी विकासात्मक परियोजनाओं के लिए धन उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।
  • बिजली सब्सिडी या पानी योजनाओं के लिए दी गई राशि।
  • निजी व अर्धशासकीय संस्थाओं को विभाग राशि नहीं दे पाएगा।
  • आउटसोर्सिंग के तहत प्रदान की जाने वाली सेवाओं का उपयोग पेशेवर सेवाओं का लाभ उठाने के लिए नहीं किया जा सकता है और उनके उच्च शुल्क के भुगतान पर रोक लगेगी।
  • भवन निर्माण में उपयोग के लिए आशयित सामग्रियों की आधिकारिक खरीद।
  • नए वाहनों की खरीद पर रोक लगा दी गई है। छोटे-मोटे निर्माण कार्यों के लिए राशि का आवंटन रोक दिया गया है।
  • मार्च में 10,000 करोड़ रुपये के कर्ज को सुरक्षित करने के लिए एक बांड जारी किया गया है।

विभागों ने भी अलग से बैंक खातों में राशि जमा कराने का नया तरीका निकाला है। हालांकि, वित्त विभाग ने स्पष्ट किया कि आवश्यक व्यय के लिए धन की आवश्यकता होने पर पूर्व प्राधिकरण आवश्यक है। इसके हिस्से के रूप में, रु। किसानों को राहत देने के लिए राजस्व विभाग को 290 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, अस्पतालों में दवाइयां और अन्य सामग्री खरीदने के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। चुनावी वर्ष में सड़कों के रख-रखाव व निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडीबी को 500 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। 1266 करोड़। उल्लेखनीय है कि राज्य की प्रतिकूल वित्तीय स्थिति के कारण सरकार ने हाल ही में रु. बांड गिरवी रखकर 10,000 करोड़ रु। 17 मार्च को रु. 4000 करोड़ रुपये उधार लिए गए, उसके बाद रु। 9 मार्च को 2000 करोड़ और रु। पहली मार्च को 3000 करोड़।

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