मप्र में मार्च 2023 में सबसे काम गर्मी: टेंप्रेचर 34 डिग्री पर ठहरा, आखिरी सप्ताह भी गर्मी से राहत
मध्यप्रदेश में पिछले 10 वर्षों की तुलना में इस वर्ष मार्च में गर्मी से राहत मिली है। अंतिम सप्ताह में भी तेज गर्मी के आसार नहीं हैं। राज्य के चार प्रमुख शहरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में तापमान 32 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच है। इससे पहले फरवरी में भी गर्मी ने तेवर तीखे करने शुरू कर दिए थे। अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार मार्च में भीषण गर्मी पड़ेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
आमतौर पर गर्मियों की शुरुआत मार्च में होली के त्योहार के बाद होती है। पिछले एक दशक के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर यह देखा गया है कि सामान्य तौर पर मार्च का अंतिम सप्ताह सभी प्रमुख शहरों में उच्च तापमान लेकर आता है। जबलपुर और भोपाल-ग्वालियर में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जबकि इंदौर में यह 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
मौसम विज्ञानियों के बयान के अनुसार मार्च में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रिय उपस्थिति के कारण तापमान में धीरे-धीरे कमी आई और ओलावृष्टि और वर्षा हुई। एक और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की शुरुआत के कारण महीने के अंत में तापमान में वृद्धि की संभावना कम प्रतीत होती है। इससे गर्मी से काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
इस कारण से तापमान में वृद्धि की संभावना कम हो जाती है।
मौसम विज्ञानी एच.एस. पाण्डेय, पिछले वर्षों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण फरवरी माह में तापमान उतना नहीं बढ़ पाता था, लेकिन इस बार इसका उल्टा असर है। फरवरी में प्रभाव कम हो गया था, जिसके परिणामस्वरूप दिन के तापमान में वृद्धि हुई थी। मार्च में लगातार पश्चिमी विक्षोभ बना है जो मजबूत भी है। पिछले दो सिस्टम का असर 8 से 10 दिन तक रहा। इसके अलावा उमस भरी हवाओं के आने से भी मौसम में बदलाव आया, जिससे तापमान में बढ़ोतरी नहीं हुई। चूंकि 30 मार्च से पश्चिमी विक्षोभ फिर से सक्रिय हो रहा है, इसलिए तापमान में खासी बढ़ोतरी की संभावना कम है।
दो साल पहले यहां का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
- भोपाल शहर में पिछले एक दशक में सिर्फ एक बार तापमान 41 डिग्री सेल्सियस पहुंचा है. 30 मार्च 2021 को तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। शेष वर्षों में तापमान तुलनात्मक रूप से कम रहा है। 23-29 मार्च, 2013 और 31 मार्च, 2020 की अवधि के दौरान न्यूनतम तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
- इंदौर में 30 मार्च 2017, 30 मार्च 2019 और 30 मार्च 2021 को तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। बाकी सालों में यह 36 से 39 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।
- मार्च के अंतिम सप्ताह में ग्वालियर में तापमान में बढ़ोतरी हुई है। दो मौकों पर पारा 41 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा चुका है। इसके अतिरिक्त, तापमान तीन बार 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर बना रहा है।
- मार्च में जबलपुर में भी गर्मी का असर देखा गया। 2017 में तापमान 41.2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया था। हाल के दिनों में भी तापमान में लगातार इजाफा हो रहा है।
इस समय सबसे ज्यादा तापमान राजगढ़-दमोह क्षेत्र में रिकॉर्ड किया जा रहा है।
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कम होने के बाद, कुछ शहरों में सोमवार को दिन के तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, किसी भी शहर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर नहीं पहुंचा। राजगढ़ में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर रहा, जबकि दमोह, नर्मदापुरम और खंडवा में तापमान 36 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। रतलाम, उमरिया, खरगोन, धार, मंडला और सीधी समेत अन्य शहरों में पारा 35 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इन शहरों में मंगलवार से बुधवार तक एक से दो डिग्री सेल्सियस की मामूली बढ़ोतरी हो सकती है। 30 मार्च के बाद से तापमान में मामूली गिरावट आने की उम्मीद है।
रात के समय भी तापमान में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई।
यहां रात के तापमान में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है। नौगावां ही एकमात्र ऐसी जगह है, जहां तापमान 20 डिग्री से ऊपर रहा। दमोह, गुना, टीकमगढ़, सागर, सीधी, राजगढ़, रतलाम, मंडला और नर्मदापुरम में तापमान 18-19 डिग्री के बीच रहा। अन्य शहरों में तापमान इससे कम रिकॉर्ड किया गया।