fbpx
टॉप ट्रेंडिंग न्यूज़

Monkeypox को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया, WHO ने दो साल में दूसरी बार किया ऐलान

Monkeypox एक दुर्लभ बीमारी है जो एमपॉक्स वायरस के कारण होती है। यह वायरस आमतौर पर चूहों या चूहों जैसे कृंतकों या बंदरों जैसे गैर-मानव प्राइमेट्स को प्रभावित करता है। लेकिन यह लोगों में भी हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को Mpox यानी मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। यह दो साल में दूसरी बार है जब इस बीमारी को हेल्थ इमरजेंसी बताया गया है। कांगो में इस बीमारी का प्रकोप फैला हुआ है, जिसकी चपेट में पड़ोसी देश भी आ गए हैं।

मंकीपॉक्स चेचक जैसी एक वायरल बीमारी है। आमतौर इस वायरस से संक्रमण के ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, लेकिन दुर्लभ मामलों में यह घातक हो सकता है। इसके चलते फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं और शरीर पर मवाद से भरे घाव हो जाते हैं। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस फैमिली का ही मेंबर है, जो चेचक (स्मालपॉक्स) के लिए भी जिम्मेदार है।

WHO इसलिए भी चिंतित है क्योंकि मंकीपॉक्स के अलग-अलग प्रकोप में मृत्यु दर अलग-अलग देखी गई है। कई बार तो यह 10% से भी अधिक रही है। यह इसलिए अधिक खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि यह संक्रामक बीमारी है। इसलिए WHO ने इसे लेकर सबसे उच्च स्तर का अलर्ट जारी किया है।

अफ्रीका में अब तक Mpox के 17 हजार से ज्यादा मामले सामने आए

अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Africa CDC) के मुताबिक इस साल अब तक अफ्रीकी महाद्वीप पर Mpox के 17,000 से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जबकि 517 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। पिछले साल इसी अवधि की तुलना में इस साल मामलों में 160% की बढ़ोतरी हुई है। कुल मिलाकर 13 देशों में Mpox के मामले दर्ज किए गए हैं।

सामान्य कॉन्टैक्ट से फैलता है यह वायरस


कांगो में प्रकोप की शुरुआत एक स्थानिक प्रकार के फैलाव से हुई, जिसे क्लेड-I के नाम से जाना जाता है। लेकिन एक नए स्ट्रेन क्लेड-Ib सामने आया है जो नॉर्मल कॉन्टैक्ट से आसानी से फैलता है। इसमें सेक्शुअल कॉन्टैक्ट भी शामिल है। यह कांगो के पड़ोसी देशों जैसे कि बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा में फैल गया है। इसके चलते WHO को यह एक्शन लेना पड़ा।

WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम गेब्रेयसस ने कहा कि यह साफ है कि इस बीमारी को फैलने से रोकने और जान बचाने के लिए दुनिया को मिलकर कोशिश करनी होगी। इस हफ्ते की शुरुआत में अफ्रीका की टॉप पब्लिक हेल्थ बॉडी ने अफ्रीका में Mpox आपातकाल घोषित किया था। साथ ही चेतावनी दी थी कि यह वायरल इंफेक्शन खतरनाक दर से फैल रहा है।

Monkeypox के क्या लक्षण हैं

किसी व्यक्ति के वायरस के एक्सपोजर में आने के बाद इसके लक्षण सामने आने में कई दिन या कुछ सप्ताह का समय लग सकता है।

इसके लक्षण आमतौर पर एक्सपोजर के 3 से 17 दिन बाद दिखने शुरू होते हैं। जब कोई व्यक्ति वायरस के एक्सपोजर में आया और जब इसके लक्षण दिखने शुरू हुए, इस बीच के समय को इनक्यूबेशन पीरियड कहते हैं।

मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक बने रहते हैं।

  • मंकीपॉक्स का सबसे शुरुआती लक्षण बुखार होता है। फिर बुखार शुरू होने के लगभग 1 से 4 दिन बाद त्वचा पर दाने निकलने शुरू होते हैं।
  • इसमें निकलने वाले दाने अक्सर पहले चेहरे पर दिखते हैं। इसके बाद हाथ या पैर पर दिखाई देते हैं और फिर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं।
  • हालांकि, साल 2022 में शुरू हुए प्रकोप से जुड़े मामलों में दाने अक्सर जननांग क्षेत्र से शुरू होते थे। कुछ लोगों के दाने मुंह या गले से शुरू हो रहे थे।
  • मंकीपॉक्स के रैश कई चरणों से गुजरते हैं। शुरू में निकले चपटे दाने फफोले में बदल जाते हैं। फिर ये छाले मवाद से भर जाते हैं। उसके बाद पपड़ी बन जाती है और 2 से 4 सप्ताह की अवधि तक सूखकर खत्म हो जाते हैं।
  • ये दाने मुंह, चेहरे, हाथ, पैर, लिंग, योनि या गुदा पर कहीं भी हो सकते हैं। कई बार तो ये गले में भी हो जाते हैं।
  • जब से मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने शुरू होते हैं, तब से लेकर आपके दाने और पपड़ी ठीक होने तक संक्रमित व्यक्ति इसे फैला सकता है। इसके अलावा लक्षण विकसित होने से पहले भी यह संक्रमित व्यक्ति के जरिए फैल सकता है।

हर संक्रमित व्यक्ति के लक्षण अलग हो सकते हैं

  • मंकीपॉक्स से पीड़ित हर व्यक्ति में सभी लक्षण विकसित नहीं होते हैं। आमतौर संक्रमित लोग इस तरह के लक्षणों से गुजरते हैं।
  • त्वचा में केवल दाने निकले हैं, अन्य कोई अन्य लक्षण नहीं दिख रहा है। कई बार कुछ लक्षण बाद में विकसित होते हैं।
  • इसमें फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं, फिर दाने निकलते हैं। कुछ लोगों को तो मंकीपॉक्स के संक्रमण के बावजूद बिल्कुल भी दाने नहीं होते।
  • कुछ लोगों में दाने व्यापक हो सकते हैं यानी पूरे शरीर में निकलते हैं और बहुत बड़े आकार के दाने होते हैं। जबकि कुछ लोगों में केवल कुछ ही उभार या छाले दिखाई देते हैं।
  • कुछ लोगों को तो मंकीपॉक्स का संक्रमण होने के बावजूद इसका पता नहीं चलता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कुछ लोगों में इसके लक्षण नजर नहीं आते हैं। फिर भी यह संभव है कि संक्रमित व्यक्ति निकट संपर्क के माध्यम से इसे दूसरों तक फैला सकते हैं।

Monkeypox किसे प्रभावित करता है

यह वायरस किसी को भी प्रभावित कर सकता है। हालांकि अफ्रीका के ज्यादातर मामलों में 15 साल से कम उम्र के बच्चे अधिक शिकार बने थे। इसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि ज्यादातर वयस्कों को मंकीपॉक्स में प्रभावी चेचक के टीके लग चुके थे। जबकि ये बच्चों को नहीं लगाए जा सकते थे।

अफ्रीका के बाहर इस बीमारी के केस उन पुरुषों के बीच अधिक फैले, जिनके अन्य पुरुषों के साथ यौन संबंध थे। हालांकि यह वायरस उन लोगों में भी फैला, जो बाईसेक्शुअल या गे नहीं थे

Monkeypox का इलाज क्या है

  • सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, मंकीपॉक्स के संक्रमण के लिए वर्तमान में कोई खास उपचार उपलब्ध नहीं है। हालांकि कुछ दवाओं की मदद से इसके फैलने को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • मार्केट कुछ दवाएं पहले से मौजूद हैं, जो मंकीपॉक्स के इलाज में इस्तेमाल के लिए अप्रूव्ड हैं और बीमारी के खिलाफ काफी हद तक प्रभावी भी रही हैं।
  • इसके इलाज में आमतौर पर सिडोफोविर, एसटी -246 और वैक्सीनिया इम्युनोग्लोबुलिन का इस्तेमाल किया जाता है।

क्या Monkeypox से बचने का कोई उपाय है

मंकीपॉक्स के प्रकोप से हमें कई वैक्सीन बचा सकती हैं। कुछ वैक्सीन इसके लिए ही तैयार की गई हैं, जबकि कुछ वैक्सीन चेचक के लिए तैयार की गई थीं, जो इसे रोकने में कारगर हैं।

  • मंकीपॉक्स रोकने के लिए मार्केट में JYNNEOSTM वैक्सीन भी उपलब्ध है, जो इम्वाम्यून या इम्वेनेक्स के नाम से मिल सकती है।
  • अफ्रीका में इसे बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसके आंकड़े बताते हैं कि यह वैक्सीन मंकीपॉक्स को रोकने में 85% तक प्रभावी है।
  • चेचक का एक टीका ACAM2000 भी इसे रोकने में काफी हद तक कारगर साबित हुआ है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, चेचक के टीके लगवा चुके लोगों की इम्यूनिटी मंकीपॉक्स वायरस से बचाने के लिए काफी हद तक कारगर है।
  • मुश्किल ये है कि चेचक का संक्रमण रुक जाने के कारण कई देशों में इसका टीकाकरण लगभग 40 साल पहले ही बंद कर दिया गया था। ऐसे में यहां के लोग इसकी जद में आ सकते हैं।

यह भी पढ़े:MP Guest Teacher Issue: प्रमोशन से खाली होंगे शिक्षक के 5 हजार पद, इन पर अतिथि कब ज्वाइन करेंगे पता नहीं!

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page

देखिये! NIRF Ranking 2024 के टॉप 10 यूनिवर्सिटीज देखिये पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का सफर जानें बजट 2024 में बिहार के हिस्से में क्या-क्या आया जानिए मोदी 3.0 के पहले बजट की 10 बड़ी बातें राजस्थान BSTC PRE DELED का रिजल्ट हुआ ज़ारी ऐसा क्या हुआ कि राज्यसभा में घटी बीजेपी की ताकत, देखिये प्रधानमंत्री मोदी के हुए X (Twitter ) पर 100 मिलियन फॉलोवर्स आखिर कौन है IAS पूजा खेड़कर, जानिए इनसे जुड़े विवादों का पूरा सच Derrick White replaces Kawhi Leonard on US Olympic roster