MP News: इंदौर से बीआरटीएस हटाएगी सरकार, सीएम यादव ने की यह बड़ी घोषणा
MP News: मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव इंदौर पहुंच गए है। जहां सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी के प्रोग्राम में शामिल होंगे। सीएम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भोपाल के बाद अब इंदौर बीआरटीएस हटाने का निर्णय सरकार ने ले लिया है।
MP News: यादव ने कहा- ‘इससे लोगों को परेशानी हो रही है, इसे हटाया जाएगा। हम कोर्ट के सामने भी अपना पक्ष रखेंगे।’ बीआरटीएस हटाने का मामला फिलहाल जबलपुर हाई कोर्ट में है।
सीएम मोहन यादव की इंदौर एयरपोर्ट पर मंत्री तुलसी सिलावट और बीजेपी के नेताओं ने अगवानी की। वही मोहन यादव ने इंदौर एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में कहा कि पूरे देश के अंदर बीजेपी के पक्ष में माहौल बना हुआ है। यही कारण है कि महाराष्ट्र में भी एक बार फिर भाजपा की सरकार बन रही है और झारखंड में भी बीजेपी जीतेगी। वहीं सीएम ने आगे कहा कि प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए जहां भी जाना पड़े, हम जाते हैं।
डॉ अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण करेंगे
गुजरात हमसे कई मामलों में आगे है, कई सारी नीतियां उनकी अच्छी है। उन नीतियों को जानने के लिए हम अधिकारियों के साथ गए थे। बता दें कि सीएम आज दोपहर सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी इंदौर के 6 वें दीक्षांत समारोह में शामिल होने के बाद दोपहर में ही उज्जैन रवाना होंगे।
जहां इंदौर रोड स्थित महा मृत्युंजय द्वार पर महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल। इसके बाद वह सामाजिक न्याय परिसर में मेडिसिटी एवं चिकित्सा महाविद्यालय उज्जैन का भूमि पूजन करेंगे।शाम को सीएम टावर चौक फ्रीगंज पर डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद भोपाल के लिए रवाना होंगे
इंदौर से भी हटेगा बीआरटीएस
सीएम ने बीआरटीएस को लेकर कहा कि भोपाल में जैसे बीआरटीएस हटाया गया है और जिससे यातायात में सुविधा मिली है। इंदौर के लोगों से भी शिकायतें हमें बीआरटीएस को लेकर मिल रही है जो भी तरीका लगाना पड़ेगा, हटाएंगे। कोर्ट के सामने भी हम अपना पक्ष रखेंगे। सब लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए हमने निर्णय लिया है उम्मीद है कि इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
फैसला जबलपुर हाई कोर्ट से होगा
निरंजनपुर से राजीव गांधी प्रतिमा तक करीब 11.5 किमी लंबा बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) प्रोजेक्ट शहर हित में है या इसे तोड़ना पड़ेगा। यह फैसला अब इंदौर से नहीं बल्कि जबलपुर से होगा। हाई कोर्ट की इंदौर खंड पीठ ने बीआरटीएस प्रोजेक्ट को लेकर चल रही दोनों जनहित याचिका को हाई कोर्ट की मुख्य पीठ (जबलपुर) ट्रांसफर कर दिया है। मंगलवार को मुख्य न्यायाधिपति के समक्ष मामले में सुनवाई होना थी लेकिन नंबर नहीं आया।
इस मामले में अब तक यह हुआ
बीआरटीएस प्रोजेक्ट को चुनौती देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने हाई कोर्ट में दो अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की हैं। पहली याचिका वर्ष 2013 में और दूसरी वर्ष 2015 में दायर की गई थीं। इंदौर में 23 सितंबर 2024 को हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने वर्तमान परिस्थिति में बीआरटीएस की उपयोगिता और व्यावहारिकता को जांच के लिए पांच विशेषज्ञों की समिति गठित करने का आदेश दिया था। इस समिति को आठ सप्ताह में अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करना थी।
अगली सुनवाई 22 नवंबर को होना थी लेकिन इसके पहले ही 18 नवंबर को हाई कोर्ट की इंदौर खंड पीठ ने इन याचिका को जबलपुर ट्रांसफर कर दिया। याचिकाकर्ता कोडवानी ने बताया कि उन्हें याचिका को जबलपुर भेजे जाने की सूचना सोमवार शाम एसएमएस के जरिए मिली।
ये थी कोर्ट की बनाई कमेटी
हाई कोर्ट द्वारा गठित पांच सदस्यीय कमेटी में वरिष्ठ अभिभाषक अमित अग्रवाल, आईआईएम और आईआईटी के डायरेक्टर द्वारा नामित विशेषज्ञ शामिल थे। कोर्ट इसके पहले भी वर्ष 2013 में बीआरटीएस की उपयोगिता और व्यवहारिकता की जांच के लिए कमेटी गठित कर चुकी है।
अभी BRTS पर 49 में से 29 बस सीएनजी, शेष डीजल
इंदौर के BRTS पर अभी कुल 49 बस चल रही हैं। इनमें 29 बस सीएनजी हैं, बाकी डीजल है। डीजल की इन 20 बस को इलेक्ट्रिक बस से बदल दिया जाएगा। इसके अलावा 10 नई बस भी चलाई जाएगी। इससे बस ओवर लोडिंग की समस्या कम होगी।
एआईसीटीएसएल के अधिकारियों का कहना है कि डीजल बस को रिप्लेस करने का मुख्य उद्देश्य इंदौर BRTS को ग्रीन कॉरिडोर बनाना है। नई बस आने के बाद यहां चलने वाली बस की कुल संख्या 49 से बढ़कर 59 हो जाएगी। अभी बस का राजीव गांधी डिपो के अंदर ही चार्जिंग, कैपेसिटी और कम्फर्ट सहित अन्य पॉइंट पर ट्रायल किया जा रहा है।
अब जानिए कितने लोग रोजाना करते हैं सफर
बीआरटीएस कॉरिडोर शहर के बीचों बीच है, और ये लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी है। इस रूट पर कई शैक्षणिक संस्थाएं है। अस्पताल हैं। कॉर्पोरेट ऑफिस है। यही वजह है कि बीआरटीएस में चलने वाली I-BUS में बड़ी संख्या में रोजाना यात्री सफर करते हैं। नौकरीपेशा वर्ग बसों का उपयोग करता है। एआईसीटीएसएल के अफसरों की माने तो औसतन 55 से 65 हजार यात्री इसमें रोजाना सफर करते हैं। बता दें इन बसों में सफर करने वाले यात्रियों में बड़ा वर्ग स्टूडेंट्स का है।
इंदौर प्रदेश का इकलौता शहर जहां पर बीआरटीएस
इंदौर में 2013 में शुरू हुआ BRTS कॉरिडोर अब प्रदेश का इकलौता बीआरटीएस बन गया है। क्योंकि भोपाल में बना बीआरटीएस खत्म किया जा रहा है। साल 2013 में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) की शुरुआत हुई। इंदौर में 11.5 किलोमीटर का बीआरटीएस कॉरिडोर बनाया गया है, जो निरंजनपुर से लेकर राजीव गांधी चौराहा तक है। पूरे कॉरिडोर में 20 बस स्टाप आते हैं। इस बीआरटीएस पर वर्तमान में 49 बसों का संचालन हो रहा है।
300 करोड़ की लागत से बना था 11 किमी लंबा बीआरटीएस
इंदौर में 300 करोड़ रुपये की लागत से 11 किलोमीटर लंबा बीआरटीएस दस साल पहले शुरू हुआ था। इसकी बस लेन में 12 स्टेशन भी बनाए गए है। इस प्रोजेक्ट के लिए जवाहर लाल शहरी नवीनीकरण मिशन के तहत इंदौर को राशि मिली थी। बस के लिए विशेष लेन बनाने का कुछ लोगों ने विरोध भी किया था और मामला हाईकोर्ट में भी है,हालांकि इंदौर का बीआरटीएस काफी सफल साबित हुआ है।
दिल्ली, पूणे के बीआरटीएस बाद में हटा दिए गए। भोपाल में भी बीआरटीएस की बस लेन को हटाने का फैसला लिया जा चुका है। इंदौर बीआरटीएस का छह किलोमीटर का हिस्सा बाॅटलनेक है। एलआईजी से व्हाईट चर्च रोड तक सड़क की चौड़ाई कम है। बीआरटीएस के कारण जंक्शन पर ब्रिज बनाने में भी परेशानी आ रही है। यही परेशानी की वजह बन रहा था।
MP News: एक साल पहले भोपाल का बीआरटीएस हटाने का निर्णय हुआ
राजधानी भोपाल के डेवलपमेंट को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने VIP रोड के चौड़ीकरण और BRTS कॉरिडोर को भी लेकर मंत्री, विधायक समेत अफसरों से चर्चा की। मंत्री-विधायक ने BRTS कॉरिडोर पर हादसों का मुद्दा उठाया। इस कॉरिडोर को हटाने की भी बात कही। इसके बाद BRTS कॉरिडोर को हटाने की सहमति बन गई है। BRTS कॉरिडोर पर 13 साल पहले 360 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
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