MP Education : अतिशेष शिक्षक 10 हज़ार के पार, स्कूल शिक्षा विभाग ने कम छात्र संख्या वाले पद खत्म करने की कोशिश, खाली पदों को बता दिया भरा
MP Education: स्कूल शिक्षा विभाग का बड़ा कारनामा सामने आया है, जहां पर कम छात्रों की संख्या है, वहां शिक्षकों के पद खत्म करने की कोशिश की जा रही है। इससे शिक्षक संगठनों में गुस्सा है।
दरअसल, अतिशेष शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में भेजने की कार्रवाई चल रही है, जहां पहले से ही खाली पद हैं। इस पोर्टल पर कुछ स्कूल ऐसे भी हैं, जहां खाली पदों को भरा बता दिया गया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इन स्कूलों में कुछ क्लास या विषयों में छात्र संख्या कम है, वहां पदों को भरा बताकर पद ही खत्म कर दिये गए हैं।
MP Education: खाली पदों को बताया भरा
आपको बता दें कि काउंसलिंग में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें पदों को खाली बताया गया और उन्हें बीच में ही खत्म कर दिया गया। यानि कि वे पद संबंधित स्कूल में हैं ही नहीं।
वहीं एक अतिशेष शिक्षक की मानें तो साल 2020 से स्कूल में पदस्थ हैं, लेकिन साल 2023 में एक अन्य शिक्षक को पदस्थ कर उन्हें अतिशेष मान लिया गया।
ये हवाला देकर किए 500 पद खत्म
– भोपाल के हमीदिया नंबर वन में पदस्थ एक शिक्षक जो कि लेक्चरर हैं, उन्हें उच्च पद प्रभार पर प्रिंसिपल हाई स्कूल बनाया गया। उनकी जगह खाली होने के बाद पद ही खत्म कर दिया गया। जबकि पोर्टल पर चेक किया तो वैकेंसी दिख रही थी।
– भूगोल और समाजशास्त्र में स्टूडेंट्स की संख्या कम थी, जिसकी वजह से कम बच्चों का हवाला देकर करीब 500 पदों को खत्म किया गया। ऐसी ही संस्कृत स्कूल में हुआ। प्रायमरी क्लास में 30 स्टूडेंट्स पर एक टीचर होना चाहिए।
– भोपाल के तारा सेवनिया स्कूल में संदीप कुमार दुबे को नियुक्त किया गया। वे कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को पढ़ाते हैं। इस स्कूल में संस्कृत के छात्र भी पढ़ते हैं। जब उन्होंने चॉइस फिलिंग की थी तो उस समय इस स्कूल में खाली पद दर्शाया गया था। इसी आधार पर उनको पदस्थ किया गया। अब अतिशेष में दर्शा दिया गया। फिलहाल संदीप कुमार दुबे ने लिस्ट से नाम कटवाने के लिए आवेदन दिया है।
– लक्ष्मीगंज मंडल स्कूल में असमा जो कि भूगोल के पद पर पदस्थ हैं, लेकिन पोर्टल पर चेक करने पर इनका पद शून्य बता रहा है। इसी वजह से ये अतिशेष की लिस्ट में शामिल हो गईं। इन्होंने भी फिलहाल सुधार के लिए आवेदन दिया है।
MP में अतिशेष शिक्षक 10 हजार के पार
MP Education: आपको बता दें कि प्रदेशभर में बाद में पदस्थ शिक्षकों की जगह पहले से पदस्थ टीचरों को अतिशेष मानने के करीब 1000 मामले सामने आए हैं।
विभाग के अधिकारियों की मानें तो पॉलिसी में भी यही है कि सीनियर को ही हटाया जाएगा। जूनियर को अतिशेष में नहीं भेजा जाएगा। ऐसे में संबंधित स्कूलों के सीनियर शिक्षक काफी गुस्सा हैं और इसका विरोध कर रहे हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग के एजुकेशन पोर्टल अपडेट न होने का नतीजा प्रदेश के सैकड़ों शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। हाल में विभाग ने अतिशेष शिक्षकों के लिए काउंसलिंग आयोजित की। पोर्टल पर जो पद रिक्त बताए गए वे लिंक ओपन करने पर पहले से भरे हुए मिले। अब स्थिति यह है कि पोर्टल पर छात्र संख्या के मान के हिसाब से शिक्षकों की संख्या ही स्पष्ट नहीं हो पा रही है।
MP Education: काउंसलिंग में अनेक मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिसमें जिन पदों को रिक्त बताया गया उन्हें बीच में ही समाप्त भी कर दिया गया। यानि वह पद ही संबधित स्कूल में नहीं है। एक अतिशेष शिक्षक ने बताया कि वे 2020 से स्कूल में पदस्थ हैं, लेकिन 2023 में पिछले साल ही एक अन्य शिक्षक की पदस्थापना की गई और उन्हें अतिशेष मान लिया गया।
कम बच्चों का हवाला देकर करीब 500 पद खत्म किए
1. हमीदिया नंबर एक में पदस्थ एक शिक्षक जो लेक्चरर हैं वे उच्च पद प्रभार पर प्रिंसिपल हाई स्कूल बनाए गए। उनकी जगह रिक्त हुई तो पद ही खत्म कर दिया गया। जबकि पोर्टल पर इसमें वैकेंसी दिख रही थी।
2. भूगोल और समाजशास्त्र में कम संख्या में छात्र थे। इस वजह से कम बच्चों का हवाला देकर करीब 500 पदों को खत्म कर दिया गया। ऐसा ही संस्कृत में भी हुआ। प्रायमरी कक्षाओं में 30 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक होना चाहिए।
3. भोपाल के तारा सेवनिया स्कूल में संदीप कुमार दुबे की नियुक्ति हुई। वे 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को पढ़ाते हैं। यहां संस्कृत के छात्र भी पढ़ते हैं। जब उन्होंने चॉइस फिलिंग की थी तब इस स्कूल में रिक्त पद दर्शाया गया था। उसी आधार पर पदस्थापना हुई, लेकिन अब अतिशेष में दर्शा दिया गया है। अब दुबे ने लिस्ट से नाम काटने के लिए आवेदन किया है।
4. शिक्षिका असमा लक्ष्मीगंज मंडल स्कूल में भूगोल के पद पर पदस्थ हैं। लेकिन पोर्टल पर इनका पद शून्य दिखाया गया है। इस वजह से वे अतिशेष में शामिल हो गई हैं। अब पोर्टल पर सुधार के लिए आवेदन किया गया हे।
एडिशनल डायरेक्टर बाेलीं-मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगी…
MP Education: इस मामले में लोक शिक्षण संचालनालय में पदस्थ एडिशनल डायरेक्टर डॉ. कामना आचार्य जब पूछा गया कि अतिशेष शिक्षकों में विसंगति के बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं तो उन्होंने कहा कि वे कुछ नहीं कहेंगी, जब कहा गया कि वे इसके लिए जिम्मेदार हैं तो उन्होंने कहा कि वे बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं।
एक हजार से ज्यादा मामले
बाद में पदस्थ शिक्षक की जगह पहले से पदस्थ शिक्षक को अतिशेष मानने के करीब एक हजार मामले सामने आए हैं। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यह पॉलिसी में भी है कि सीनियर ही हटाया जाएगा, जूनियर को अतिशेष में नहीं भेजेंगे। इसका संबंधित स्कूलों के सीनियर शिक्षक विरोध भी कर रहे हैं।
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