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MP News : ग्वालियर-चंबल में बाढ़ का कहर जारी 50 गांव जलमग्न, 17 की मौत

MP News : ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में भारी बारिश से स्थिति गंभीर हो गई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। कई गांव जलमग्न हो गए हैं और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है।

MP News : मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में दो दिन पानी ने कहर बरपाया। भारी बारिश और बाढ़ के कारण अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। इस दौरान 600 से ज्यादा लोगों को जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम के अलावा सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवानों ने रेस्क्यू कर बचाया। गुरुवार-शुक्रवार रात 2 बजे के बाद उफनती नदियों में पानी अब उतरने लगा है। लोगों ने बताया कि मुरार की बेसली नदी को जो रूप गुरुवार को देखा, वैसा कभी नहीं देखा। 12 घंटे से फंसे लोगों तक मदद पहुंची तो उन्होंने राहत की सांस ली।

गुरुवार की सुबह ग्वालियर के मुरार में रमुआ बांध के ओवरफ्लो होने के कारण बैसली नदी में उफान आ गया। इससे करीब 50 गांव और आसपास के इलाके जलमग्न हो गए। बाढ़ के पानी के कारण सड़कों और पुलियों सहित प्रमुख बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। मामला इतना खराब हो गया कि कुछ सड़कें ढह गई हैं।

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ तैनात

MP News : अधिकारियों ने बचाव प्रयासों में सहायता के लिए एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस टीमों को तैनात किया है। टीमें डबरा और ग्वालियर सहित प्रभावित क्षेत्रों से निवासियों को निकालने के लिए काम कर रही हैं। 18 घंटे तक बिजली गुल रहने से लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इस बीच ग्वालियर के आरोन-पटई गांव के 11 वर्षीय बच्चे का शव एनडीआरएफ और पुलिस ने बरामद किया है। बच्चा बुधवार को उफनते नाले में बह गया था। गुरुवार को उसका शव बरामद हुआ। बच्चा दोस्तों के साथ बाढ़ के पानी को देखते हुए नाले में गिर गया था।

मौसम विभाग का अलर्ट, स्कूलों में छुट्टी

मौसम विभाग ने सितंबर में रिकॉर्ड तोड़ बारिश के चलते ग्वालियर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कलेक्टर ने छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा दी हैं। अधिकारी लोगों से बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाने से बचने और जरूरत पड़ने पर खाली करने का आग्रह कर रहे हैं, ताकि आगे कोई हादसा न हो। स्थिति गंभीर बनी हुई है और आपातकालीन सेवाएं लगातार मदद पहुंचा रही हैं। प्रशासन की टीमें बदलती परिस्थितियों पर नजर रख रही हैं।

उफान पर नदियां

सिंध, पार्वती और नॉन जैसी नदियां उफान पर हैं। इससे बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है। बढ़ते जलस्तर के कारण डबरा-भितरवार, भितरवार-ग्वालियर और डबरा-पिछोर के बीच संपर्क टूट गया है। डबरा में सिंध ब्रिज से करीब 10 फीट नीचे पानी बह रहा है। इससे कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। नंदू का डेरा क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। बालाजी मंदिर के आसपास के इलाके में करीब 8 फीट पानी भर गया है। कई निवासी अपने घरों में फंस गए हैं, खासकर ऊपरी मंजिलों में रहने वाले लोग।

सिंध नदी पर बना बड़गोर पुल डूबा

एसडीआरएफ टीम के प्रयासों के बावजूद 25 लोगों को निकालने में करीब 24 घंटे लग गए। चल रहे बचाव अभियान की निगरानी स्थानीय अधिकारी कर रहे हैं। बुधवार शाम से बिजली गुल होने से कई इलाके अंधेरे में हैं, जिससे बचाव कार्य और जटिल हो गए हैं। घरों के नीचे खड़े वाहन डूब गए हैं और घरेलू सामान और कपड़े बर्बाद हो गए हैं। सिंध नदी पर बना बड़गोर पुल डूब गया है, जिससे ग्वालियर, दतिया और शिवपुरी का संपर्क टूट गया है। इसी तरह ग्वालियर जाने वाला छीमक रास्ता और डबरा-पिछोर मार्ग अवरुद्ध हो गया है। डबरा के अलावा अन्य इलाकों में भी भीषण जलभराव डबरा उपखंड के सेकरा गांव और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान चलाकर एनडीआरएफ की मदद ली जा रही है।

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