जम्मू के डोडा में सुरक्षाबल और आतंकियों के बीच मुठभेड़, कप्तान सहित चार जवान शहीद
जम्मू के डोडा में सुरक्षाबल और आतंकियों के बीच मुठभेड़ , कप्तान सहित चार जवान ने शहीद
जम्मू-कश्मीर के डोडा इलाके में (Doda Encounter) एक अधिकारी समेत चार जवान बलिदान हो गए। पिछले 35 दिन में डोडा क्षेत्र में यह चौथी मुठभेड़ है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह के जवानों ने सोमवार देर शाम सर्च अभियान चलाया था। यह मुठभेड़ डोडा शहर से करीब 55 किलोमीटर दूर देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरारबागी में हुई।
बताया गया कि दोनों ओर से हुई गोलीबारी के बाद सेना ने क्षेत्र को चारों ओर से घेर लिया, फिलहाल तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, डोडा के जंगल में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद करीब 9 बजे सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष दस्ते के साथ क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान घात लगाए बैठे आतंकियों ने जवानों पर हमला कर दिया। इसके बाद सुरक्षाबलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। सेना के अनुसार दोनों ओर से जोरदार फायरिंग हुई। वहीं, सेना ने क्षेत्र को घेर कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, जो कि अब भी जारी है।
पिछले 35 दिन में डोडा क्षेत्र में यह चौथी मुठभेड़ है
कब हुए हमले
9 जून
आतंकवादियों ने शिवखोड़ी श्रद्धालुओं की बस को निशाना बनाया था। इसमें 9 लोगाें की मौत हो गई, जबकि 41अन्य घायल हुए थे।
11 जून
कठुआ स्थित गांव में सेना ने एक आतंकी को मार गिराया था। इस दौरान एक जवान भी बलिदान हो गया।
11 जून
डोडा में दो बार आतंकी हमले हुए थे, जिसमें कुछ जवान घायल हो गए। वहीं, हमले के बाद आतंकी यहां से भाग गए थे।
26 जून
डोडा में ही मुठभेड़ हुई थी, जिसमें सेना ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया था।
8 जुलाई
कठुआ के बदनोता में आतंकियों ने सुरक्षाबलों के वाहन को निशाना बनाया था। इस हमले में पांच जवान बलिदान और पांच अन्य घायल हुए थे।
10 जुलाई
ऊधमपुर के बसंतगढ़ क्षेत्र में थाने पर हमला कर आंतकी फरार हो गए थे।
मुठभेड़ में पांच जवान हुए थे घायल
अधिकारियों ने बताया कि कुछ देर तक गोलीबारी के बाद आतंकियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन एक अधिकारी के नेतृत्व में बहादुर जवानों ने चुनौतीपूर्ण इलाके और घने पेड़ों के बावजूद उनका पीछा किया, जिसके बाद रात करीब 9 बजे जंगल में फिर से गोलीबारी हुई।
रक्षा मंत्री ने सेना प्रमुख से की बात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बात की। सेना प्रमुख ने उन्हें जम्मू-कश्मीर के डोडा में जमीनी हालात और चल रहे ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी।
एक ठिकाना ध्वस्त
गौरतलब है कि कि पिछले 35 दिन में डोडा क्षेत्र में यह चौथी मुठभेड़ है। इधर, सोमवार को जम्मू और कठुआ जिले में भी संदिग्धों के दिखने के बाद क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया गया था। वहीं, रियासी में आतंकियों के एक ठिकाने का भी ध्वस्त कर दिया।
इससे पहले सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच शियाधार क्षेत्र के लाल द्रमण में भी मुठभेड़ हुई थी। लेकिन तीन दिनों के तक चलाए गए तलाशी अभियान के बाद भी सुरक्षाबलों को सफलता नहीं मिली। आशंका है कि आतंकी इस क्षेत्र से भागकर डोडा में में आ गए हैं।
हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कश्मीर टाइगर्स ने ली है। संगठन ने दावा किया है कि उनके हमले में आर्मी के कैप्टन समेत 12 जवान मारे गए हैं, जबकि 6 घायल हैं।
कश्मीर टाइगर्स का स्टेटमेंट:
हमले पर नेताओं के बयान…
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह: आतंकवाद विरोधी अभियान में हमारे बहादुर और साहसी भारतीय सेना के जवानों की मौत से गहरा दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। राष्ट्र मजबूती से उनके साथ खड़ा है।
- राहुल गांधी: आज जम्मू-कश्मीर में फिर से एक आतंकी मुठभेड़ में हमारे जवान शहीद हो गए। शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिजनों को गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। लगातार हो रहे ये आतंकी हमले जम्मू-कश्मीर की जर्जर स्थिति बयान कर रहे हैं।
- भाजपा की गलत नीतियों का खामियाजा हमारे जवान और उनके परिवार भुगत रहे हैं। हर देशभक्त भारतीय की यह मांग है कि सरकार बार-बार हो रही सुरक्षा चूकों की पूरी जवाबदेही ले कर देश और जवानों के गुनहगारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे। दुख की इस घड़ी में पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता से खड़ा है।
- केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह: मेरे लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में डोडा जिले के डेसा क्षेत्र में सशस्त्र मुठभेड़ की खबरों से बहुत परेशान हूं। हमारे बहादुरों की शहादत पर शोक व्यक्त करने और निंदा करने के लिए शब्द कम हैं। हम सभी मिलकर दुश्मन के नापाक मंसूबों को हराएं और शांति और सद्भाव बनाए रखें, जिसके लिए डोडा हमेशा से जाना जाता है।
- जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल: डोडा जिले में हमारी सेना के जवानों और जेकेपी कर्मियों पर हुए कायरतापूर्ण हमले के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है। हमारे राष्ट्र की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि। शोक संतप्त परिवारों के सदस्यों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। हम अपने सैनिकों की मौत का बदला लेंगे और आतंकवादियों और उनके सहयोगियों के नापाक मंसूबों को विफल कर देंगे।