मप्र: बारिश के ब्रेक से किसानों की चिंता बढ़ी, मौसम विभाग ने बताया कब होगी बरसात
वर्तमान में मध्य प्रदेश में बारिश रुकने के कारण हर दिन तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। रविवार को कई शहरों के तापमान में दो से तीन डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई। मौसम विभाग का अनुमान है कि राज्य में एक नया सिस्टम उभर रहा है, जिससे संभावित रूप से 1-2 सितंबर के आसपास बारिश का मौसम फिर से शुरू हो सकता है।
मौसम विभाग ने बताया है कि एक पश्चिमी विक्षोभ इस समय पाकिस्तान और राजस्थान को प्रभावित कर रहा है, जिससे मध्य प्रदेश के पश्चिमी-उत्तरी क्षेत्र में तेज हवाएं चल रही हैं। विभाग का अनुमान है कि यह सिस्टम जल्द ही मध्य प्रदेश को प्रभावित करेगा, जिससे बारिश में बढ़ोतरी होगी। खास तौर पर प्रदेश के जबलपुर-शहडोल संभाग में सितंबर की पहली या दूसरी तारीख से भारी बारिश की संभावना है।
अभी बूंदाबांदी का दौर
राज्य में बारिश रुकी हुई है, लेकिन कुछ जिलों में अभी भी हल्की बूंदाबांदी हो रही है। रविवार को भोपाल, नर्मदापुरम, सागर, रायसेन और पचमढ़ी जैसे कुछ जिलों में हल्की बूंदाबांदी हुई, जबकि अन्य शहरों में पूरे दिन धूप खिली रही।
कुछ जिले छोड़, सभी जगह कम बारिश
अच्छी बारिश न होने के कारण मध्य प्रदेश के कई जिलों में पर्याप्त बारिश नहीं हुई है। कुछ जिलों को छोड़कर राज्य के सभी जिलों में औसत से कम बारिश हुई है। नरसिंहपुर जिले में सबसे अधिक 41 इंच से अधिक बारिश हुई है, इसके बाद सिवनी जिले में 37.33 इंच बारिश हुई है। मंडला-जबलपुर और डिंडोरी जैसे अन्य जिलों में लगभग 35 इंच बारिश हुई है। इंदौर, अनुपपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, पन्ना, सागर, शहडोल, उमरिया, रायसेन और नर्मदापुरम में 28 इंच बारिश हुई है। दमोह, कटनी, निवाड़ी, बैतूल, भिंड, हरदा, रतलाम, सीहोर में सिर्फ 24 इंच बारिश हुई है।
फसलों को हो रहा नुकसान
लंबे समय तक बारिश नहीं होने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिसका सोयाबीन की फसल पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। बारिश की कमी के कारण सोयाबीन की पत्तियां पीली पड़ रही हैं और अगर ऐसा ही जारी रहा तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी।