BHOPAL: नीचे लग रही क्लासेस, ऊपर गिर गया छत, तीसरे सबसे पुराने स्कूल(Old School)का हुआ ये हाल
भोपाल। इन दिनों बारिश चल रही है और सरकारी स्कूलों (Old School) की हालत बहुत खराब है। ऐसा ही कुछ इन दिनों शहर के जहांगीरिया (Old School) स्कूल में दिखाई दे रहा है। मोती मस्जिद इलाके में स्थित इस स्कूल में बदहाली का आलम यह है कि इसका पहला फ्लोर पूरी तरह से गिर चुका है। इसका मलबा पिछले एक साल से हटाया नहीं गया।
इसके नीचे के कमरों में तीन क्लासेस लग रही हैं। इन क्लासों में दीवारों और छत पर लगी मोटी लकड़ियां दीमक लगने से पूरी तरह से खराब या खोखली हो चुकी हैं। इसके नीचे रोजाना करीब 125 से अधिक बच्चे तीन क्लासों में आते हैं।
जगह – जगह गिर रहा प्लास्टर(Old School)
स्कूल की क्लास की बात की जाए तो जगह – जगह प्लास्टर गिर रहा है। करीब पांच दिन पहले स्टाफ रूम में छत का एक बड़ा टुकड़ा भी गिरा। स्कूल स्टाफ की मानें तो घटना के समय स्टाफ रूम में कोई नहीं था। इस वजह से किसी को चोट नहीं आई। स्कूल प्रिंसिपल कहना है कि वे लगातार संबंधित विभाग को इस बारे में सूचना देकर पत्र लिख रही हैं। स्कूल के पीछे की दीवार पर लगे दो ट्रांसफार्मर भी खतरे को बढ़ावा दे रहे हैं।
1830 की बिल्डिंग, जाने इतिहास
भोपाल के स्टोरी टेलर सिकंदर मलिक ने बताया कि यह भोपाल का तीसरा सबसे पुराना स्कूल है। इसका निर्माण 1830 में नवाब उमराव दुल्हा ने कराया था। उनके बाद यह स्कूल उनकी बेटी सुल्तान जहां बैगम के हिस्से में जब आया तो उन्होंने इसको स्कूल के रूप में दे दिया। इससे पहले भोपाल में पहला सबसे पुराना स्कूल सुलेमानिया और दूसरा विक्टोरिया स्कूल था।
इसके बाद जहांगीरिया स्कूल तीसरा सबसे पुराना स्कूल है। सिकंदर मलिक कहते हैं कि जिस तरह से सरकार सीएम राइज स्कूल बना रही है, ऐसे ही सरकार को शहर के अंदर मौजूद इस तरह की प्रॉपर्टीज को आईकॉनिक स्कूल के रूप में बनाना चाहिए, साथ ही विभाग को जल्द से जल्द इसकी मरम्मत करवानी चाहिए।
विभाग ने कहा….
स्कूल मैनेजमेंट ने बताया कि जहांगीरिया स्कूल के बारे में हमने संबंधित विभाग को पत्र लिखकर सूचित किया है। यहां पर क्लासेस के अलावा स्टाफ रूम में भी प्लास्टर गिर रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी एनके अहिरवार का कहना है कि इस संबंध में तुरंत ही जांच करवाएंगे और व्यवस्था करेंगे।
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