उदयपुर: कोरोना के बढ़ते केस में अस्पताल प्रशासन हुआ सक्रिय, बिना मास्क मरीजों को ‘नो एंट्री’
उदयपुर ने कोरोनोवायरस के पुनरुत्थान की रिपोर्ट की, जिसने वैश्विक उथल-पुथल मचाई है। इसी मामले को लेकर राजस्थान के उदयपुर में कोविड प्रोटोकॉल के पालन को लेकर आदेश जारी कर दिए गए हैं. यह जरूरी है कि आदेशों का पालन न करने वालों को सरकारी अस्पतालों में प्रवेश करने से रोका जाए। इस स्थिति के अंतर्निहित, COVID-19 के सक्रिय मामलों में निरंतर वृद्धि हो रही है। अब लगभग सभी जिलों में COVID-19 के सक्रिय मामले सामने आए हैं। इस प्रकार, अब तक जितने भी मामले सामने आए हैं, उनके परिणामस्वरूप मरीज घर पर आराम कर रहे हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है।
यह नियम अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए लागू किया गया है।
मंगलवार को उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य विपिन माथुर ने एक आदेश जारी किया. व्यक्तियों को दो गज की शारीरिक दूरी बनाए रखने और मास्क पहनने की सलाह दी गई। लोगों को अवगत कराया गया है कि बिना मास्क पहने अस्पताल परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मास्क के अभाव में मरीज को न तो अस्पताल में प्रवेश दिया जाएगा और न ही चिकित्सकीय परामर्श दिया जाएगा। राजस्थान राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के दायरे में उदयपुर में सात अस्पताल स्थित हैं। यह नियम सभी हितधारकों पर लागू किया गया है। अस्पताल में प्रवेश करते समय मरीजों को मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है। इसके बाद डॉक्टर ओपीडी में मरीजों का इलाज कर रहे हैं। साथ ही ओपीडी और आईपीडी में निमोनिया से पीड़ित मरीजों की गहन जांच भी कराई जाएगी। हालांकि मंगलवार को छुट्टी होने के कारण अस्पताल में खास भीड़ नहीं थी। बुधवार से इस नियम का असर दिखना शुरू हो जाएगा।
उदयपुर में अभी 64 एक्टिव केस हैं।
उदयपुर के इन सात अस्पतालों की चर्चा करने पर पता चलता है कि यहां रोजाना हजारों मरीजों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में संक्रमण फैलने की चिंता सता रही है। इसलिए कड़े नियम लागू किए गए हैं। बताया जा रहा है कि यहां कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए विशेष वार्ड बनाया जाएगा। उदयपुर के संदर्भ में, वर्तमान में COVID-19 के 64 सक्रिय मामले हैं। इन मामलों में से 62 लोग घर में आइसोलेशन में हैं जबकि दो को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।