वाइल्ड लाइफ डे: जबलपुर राज्य का सबसे बड़ा शहरी वन
जबलपुर। शहरी वन शहर और इसके आसपास के राज्य में सबसे बड़ा है। क्षेत्र की जैव विविधता के कारण, वन्यजीव इसका आनंद लेते हैं। इन जंगलों में मगरमच्छ से लेकर चीते तक रहते हैं। भले ही शहरी आबादी जंगलों के करीब बढ़ी है, लेकिन जंगली जानवरों की संख्या कम नहीं हुई है। जानवरों को पास के पनागर और खमरिया के जंगली इलाकों में देखा जा सकता है, जिसमें डुमना, बरगी और ठाकुरताल शामिल हैं।
वन्यजीव दिवस पर विशेष : कई जगहों पर जंगली जानवरों का सैलाब।
शहर और आसपास के जंगल में तेंदुआ, मगरमच्छ, चीतल, हिरण, मोर, शेही, सांभर, सियार, गुथरी, लकड़बग्घा, भालू, लाल पूंछ वाले बंदर, अजगर, कोबरा, बाज, सहित कई प्रकार के वन्यजीव हैं। कबरबिजलू, इगुआना, गिद्ध, लंगूर और उल्लू। विशेषज्ञों के अनुसार वन्य जीवन और मानव अस्तित्व अन्योन्याश्रित हैं। पारिस्थितिक सद्भाव बनाए रखने में हर प्रकार के वन्यजीव महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब मांसाहारी जानवरों को जंगल से अलग रखा जाता है, तो अंततः जंगल अपने आप गायब हो जाएगा। इसी तरह, एक जंगल अंततः नष्ट हो जाएगा, भले ही उसमें से सभी पक्षियों को निकाल दिया जाए। जबलपुर के जंगलों में लगे ट्रैप कैमरों से तेंदुओं के अलावा अन्य जानवरों की तस्वीरें ली गई हैं।
शहर के नजदीक के जंगल जैव विविधता का एक अच्छा उदाहरण प्रदान करते हैं। तरह-तरह के फूलों वाले पौधों के साथ-साथ जंगली जानवरों को भी देखा जा सकता है। पारिस्थितिक समरसता का अद्भुत उदाहरण