इंदौर में मार्च महीने की सबसे बड़ी रजिस्ट्री हुई है। इस रजिस्ट्री से शासन को 27 करोड़ का राजस्व मिला है। यह इंदौर की काफी पुरानी जमीनों में शुमार हुकुमचंद मिल की जमीन है। इसका आगामी दिनों में डेवलपमेंट भी किया जाना है। वहीं, आज से शहर में रजिस्ट्री दरें बढ़ गई हैं।
वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक कुमार शर्मा ने बताया, 29 मार्च को इंदौर-3 ऑफिस में हुकुमचंद मिल दस्तावेज का पंजीयन हुआ है। इस 42 एकड़ जमीन की कीमत 218 करोड़ से भी ज्यादा है।

वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक कुमार शर्मा।
आज से बढ़ेंगी रजिस्ट्री की दरें
इंदौर की 3226 लोकेशन पर रजिस्ट्री की दरें बढ़ेंगी। सबसे ज्यादा 150 से 170 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी बुढ़ानिया, बिसनावदा, निपानिया, अर्जुन बड़ौद, धरनावद, डकाच्या, झलारिया, आउटर रिंग रोड में शामिल गांव, 79 गांवों की जमीन और इंदौर-खंडवा रोड के गांवों में यह बढ़ोतरी की गई है।
240 नई कॉलोनियों को पहली बार गाइड लाइन में शामिल किया गया है। 636 लोकेशन ऐसी हैं, जहां 51 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी गाइडलाइन की दरों में की गई है। वहीं 1800 लोकेशन ऐसी हैं, जहां 21 से 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। साल 2024-25 में 2400 लोकेशन पर यह बढ़ोतरी की गई थी। नवंबर में भी एक प्रस्ताव पंजीयन विभाग ने बनाया था, लेकिन उस पर राज्य सरकार की अनुमति नहीं मिल पाई थी।
इधर, अधिवक्ता प्रमोद द्विवेदी ने कहा कि बैठक में सिर्फ एक जनप्रतिनिधि विधायक महेंद्र हार्डिया मौजूद रहे। उन्हें भी बैठक के थोड़ी देर पहले ही जानकारी दी गई। हजारों कॉलोनियां का फैसला अधिकारी खुद करेंगे, जनता का पक्ष किसी ने नहीं रखा।

नगर निगम ने मध्यप्रदेश हाउसिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड को दी जमीन।
बोर्ड ने दी रजिस्ट्री की राशि
नगर निगम प्रभारी अपर आयुक्त लता अग्रवाल ने बताया, मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने हुकुमचंद मिल की जमीन की रजिस्ट्री की राशि दी है। रजिस्ट्री पर जमीन की वैल्यू लिखी है। फिलहाल निगम को कुछ नहीं मिला है। इस जमीन को जब मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड डेवलप करेगा, उसके बाद नगर निगम को प्रॉफिट मिलेगा। रविवार रात 12 बजे के बाद तक दस्तावेजों का पंजीयन चलता रहा। शाम 7 बजे तक 980 करोड़ रुपए जमा हो चुके थे। इनकम में 15 से 18 प्रतिशत की लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
वरिष्ठ जिला पंजीयक, इंदौर-1 दीपक कुमार शर्मा ने बताया, फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में कुल 2541 करोड़ की आय हुई है। 1.85 लाख दस्तावेजों का पंजीयन किया गया है। लक्ष्य 3077 करोड़ रुपए राजस्व एकत्रित करने का था। यह प्रदेश के कुल राजस्व 11350 करोड़ का 22 प्रतिशत है।

218 करोड़ से ज्यादा है प्रॉपर्टी की वैल्यू। रजिस्ट्री में मेंशन की राशि।
इंदौर निगम ने कलेक्ट किया 1000 करोड़ का टैक्स
इंदौर नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 1000 करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स कलेक्शन किया। यह पहली बार है जब नगर निगम ने चार अंकों का आंकड़ा पार किया। जल कर, संपत्ति कर सहित अन्य करों के रूप में यह संग्रह हुआ।
प्रॉपर्टी की कलेक्टर गाइडलाइन साल 2025-26 के लिए लगभग तय हो गई है। जिले में 26 प्रतिशत की औसत वृद्धि होगी। पहले की 5 हजार लोकेशन को संपदा-2.0 सॉफ्टवेयर के हिसाब से बदलते हुए अब कुल 4680 लोकेशन के लिए गाइडलाइन तय की गई है।

पिछले साल 2414 करोड़ रुपए की आय विभाग को हुई थी।
सांवेर में सबसे ज्यादा नई कॉलोनी बनीं
साल 2024-25 में 5 हजार में से 1108 लोकेशन, कॉलोनी या एरिया ऐसे रहे, जहां रजिस्ट्रियां कम संख्या में हुई और गाइड लाइन से कम रेट में हुई, कुछ जगह हुई भी नहीं। इसलिए इनमें बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया। जिले में सबसे ज्यादा कालोनियां चालू वित्तीय वर्ष में सांवेर में बनी हैं। इसके बाद इंदौर-4 जो सुपर कॉरिडोर का हिस्सा है वहां बनीं। इंदौर-1 में 11, 2 में 48, तीन में 21, 4 में 54, महू में 35, सांवेर में 63, देपालपुर में 8 नई कॉलोनियां जुड़ीं।

कलेक्टर कार्यालय स्थित वरिष्ठ जिला पंजीयक ऑफिस में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
425 करोड़ रुपए जमा कराए
इंदौर नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड के बीच इस भूमि को लेकर एक एमओयू हो चुका है। जिसके तहत इंदौर नगर निगम ने हाउसिंग बोर्ड को भूमि का स्वामित्व दे दिया है। हाईकोर्ट के आदेश पर हाउसिंग बोर्ड 425 करोड़ रुपये बैंक खाते में जमा कर चुका है।
उनमें से हुकुमचंद मिल के 5,895 में से 4,200 मजदूरों व उनके परिवारों को 218 करोड़ रुपये दिए गए हैं। शेष राशि बैंक व अन्य देनदारों को दी जा रही है। अब हाउसिंग बोर्ड हुकुमचंद मिल की भूमि पर ग्रीन सिटी डेवलप करेगा।
इंदौर में हो चुके हैं जमीनों के कई बड़े सौदे
इंदौर में जमीनों का अब तक का सबसे बड़ा सौदा रिलायंस ने 2007 में किया था। जब उसने इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक 54 स्थित 9 एकड़ जमीन 270 करोड़ रुपए में खरीदी थी। उसके बाद अभी कुछ समय पहले ही गोदरेज ने 46 एकड़ इंदौर-उज्जैन रोड पर जमीन खरीदी और यह सौदा भी 200 करोड़ रुपए में हुआ।
इसी तरह एमपीआईडीसी के साथ पीथमपुर सेक्टर-7 में एशियन पेंट ने 148 करोड़ की जमीन ली, तो कुछ समय पूर्व यूनियन बैंक ने मनोरमागंज स्थित एक भूखंड की नीलामी 103 करोड़ में की। वहीं योजना 140 से लेकर सुपर कॉरिडोर और अन्य जगह भी 50 से 100 करोड़ तक की जमीनों के सौदे हुए हैं।